रक्षा मंत्रालय ने सैन्य उपकरणों की खरीद के लिए 802 करोड़ रुपये के अनुबंध-पत्र पर हस्ताक्षर किए

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नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने आज (4 जनवरी 2024) नई दिल्ली में मेसर्स ज्यूपिटर वैगन्स लिमिटेड के साथ 473 करोड़ की लागत की 697 बोगी ओपन मिलिट्री (बीओएम) वैगनों की खरीद और मेसर्स बीईएमएल लिमिटेड के साथ 329 करोड़ की लागत की 56 मैकेनिकल माइनफील्ड मार्किंग इक्विपमेंट (एमएमएमई) मार्क II की खरीद के सौदे के लिए, (भारतीय-आईडीडीएम) श्रेणी के तहत, दो अनुबंध-पत्रों पर हस्ताक्षर किए। बीओएम वैगन और एमएमएमई का उत्पादन स्वदेशी निर्माताओं से प्राप्त उपकरणों और उप-प्रणाली के साथ किया जाएगा, जिससे आत्मनिर्भर भारत के विज़न को साकार करते हुए स्वदेशी विनिर्माण एवं रक्षा उत्पादन में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा।

रिसर्च डिज़ाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन (आरडीएसओ) द्वारा डिजाइन किए गए बोगी ओपन मिलिट्री (बीओएम) वैगन, भारतीय सेना द्वारा सेना इकाइयों के परिवहन के लिए उपयोग किए जाने वाले विशेषज्ञ वैगन हैं। बीओएम वैगनों का उपयोग हल्के वाहनों, आर्टिलरी गन, बीएमपी, अभियांत्रिकी से संबंधित उपकरणों आदि को उनके शांतिकालीन स्थानों से परिचालन क्षेत्रों तक ले जाने के लिए किया जाता है। यह महत्वपूर्ण रोलिंग स्टॉक किसी भी संघर्ष की स्थिति के दौरान इकाइयों और उपकरणों को परिचालन क्षेत्रों में तेज़ गति से और एक साथ शामिल करना सुनिश्चित करेगा, इसके साथ ही सैन्य अभ्यास के लिए तथा एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक सैन्य इकाइयों की आवाजाही को शांतिकाल के दैरान सुगम बनाएगा।

कुछ पारंपरिक हथियारों के समझौते से संबंधित संशोधित प्रोटोकॉल-II के मुताबिक, सभी बारूदी सुरंग क्षेत्रों को चिह्नित करना एक अनिवार्य आवश्यकता है, जिस पर भारत एक हस्ताक्षरकर्ता है। एमएमएमई को स्टोरों के पूरे भार के साथ खुले मैदानों में परिचालन करने और न्यूनतम समय तथा जनशक्ति के इस्तेमाल के साथ बारूदी सुरंग क्षेत्रों को चिह्नित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह उपकरण उन्नत मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल प्रणाली वाले इन-सर्विस उच्च गतिशीलता वाले वाहन पर आधारित है, जो ऑपरेशन के दौरान बारूदी सुरंग क्षेत्रों को चिन्हित करने के समय को कम करेगा और भारतीय सेना की परिचालन क्षमता को बेहतर बनाएगा।

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