नई दिल्ली : केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज हरियाणा के कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2023 के उपलक्ष्य में आयोजित ‘संत सम्मेलन-2023’ को संबोधित किया। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इस अवसर पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इसी भूमि पर 5 हजार वर्षों से भी पूर्व भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था और उस ज्ञान को श्री ज्ञानानंद जी जैसे कई महात्मा पूरे विश्व में पुनर्स्थापित करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि व्यक्ति, देश और पूरे विश्व की सभी समस्याओं का समाधान गीता के उपदेश में है। भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को युद्ध के लिए प्रेरित करने और उनकी शंकाओं का समाधान करने के लिए गीता का उपदेश दिया था, लेकिन वो युद्ध पृथ्वी पर धर्म की स्थापना और पूरे विश्व के कल्याण के लिए था।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि 2014 से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश में सरकार चल रही है और मोदी जी ने ही 2014 में इसी गीता महोत्सव में इसके अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप की कल्पना की थी। श्री शाह ने हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल जी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि वे 2015 में मुख्यमंत्री बने और 2016 में गीता महोत्सव को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने का काम किया। उन्होंने कहा कि देश और दुनिया के हर हिस्से में गीता का संदेश पहुंचना चाहिए।
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2014 से आज तक इस देश के स्व को जागृत करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने हमेशा कहा है कि इस देश की महान संस्कृति को हमेशा आगे बढ़ाना चाहिए और देश के कानून व नीतियां भारत की धरती की सुगंध वाले होने चाहिएं। गृह मंत्री ने कहा कि एकता और अखंडता के मूर्त स्वरूप को ज़मीन पर उतारने के लिए धारा 370 समाप्त होनी चाहिए और कश्मीर हमेशा के लिए भारत के साथ जुड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर भारत को सही अर्थों में धर्मनिरपेक्ष बनाना है तो धर्म विशेष के लिए बने तीन तलाक़ जैसे कानून समाप्त करने चाहिए।
श्री शाह ने कहा कि श्री राम जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण देश में धार्मिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की शुरूआत होने क एक प्रतीकात्मक रूप है। उन्होंने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में श्री राम मंदिर बनने की शुरूआत हो गई और 22 जनवरी को राम लला वहां प्रस्थापित भी होंगे। इसके साथ ही काशी विश्वनाथ कॉरीडोर, महाकाल महालोक, सोमनाथ मंदिर को फिर से स्वर्ण मंडित करना, केदारनाथ और बद्रीनाथ में एक नए स्वरूप में दर्शन की व्यवस्था, कश्मीर में शारदा पीठ का पुनर्स्थापन और संसद में दक्षिण की सनातन परंपरा के प्रतीक सेंगोल को स्थापित करने का काम प्रधानमंत्री मोदी जी ने किया है।