– साईबर फ्रॉड से बचाए 66 करोड़ रूपए बचा, 1707 साईबर ठग गिरफ्तार’
– इस वर्ष 30 नवंबर तक 1707 साईबर ठग गिरफ्तार, 29 साइबर थाने कर रहे है काम
– 2354 साईबर ठगी के मामले दर्ज, 66 करोड़ रूपए फ्रॉड होने से बचाए गए
चंडीगढ़ , 19 दिसंबर। हरियाणा प्रदेश साईबर फ्रॉड से जुड़े 55000 से अधिक मोबाइल नंबरों को ब्लॉक करते हुए देश में पहले स्थान पर पहुंच गया है। हरियाणा पुलिस ने इस साल 30 नवंबर तक प्रदेश की जनता के 66 करोड़ रूपये को ठगी होने से बचाया है। इसके साथ ही 29 साईबर थानों के माध्यम से साइबर सुरक्षा की दिशा में प्रयासरत हरियाणा पुलिस द्वारा 1707 साइबर ठगों की गिरफ़्तारी करते हुए 2354 साइबर ठगी के मामले दर्ज किए गए हैं।
इस बारे में जानकारी देते हुए पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने बताया कि साईबर अपराधियों के खिलाफ निरंतर किए जा रहे कार्यों के परिणामस्वरूप साइबर अपराध को नियंत्रित करने में काफी मदद मिली है। उन्होंने कहा कि साईबर अपराधियों पर लगाम कसते हुए हरियाणा पुलिस द्वारा साईबर कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें अपराधियों द्वारा रोजाना अपनाए जाने वाले तौर तरीकों को समझते हुए उनकी धरपकड़ की जा रही है। इसके अलावा, हरियाणा पुलिस वित्तीय संस्थानों जैसे बैंको आदि के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करते हुए साईबर अपराध को रोकने की दिशा में कार्य कर रही है ताकि साईबर फ्रॉड की सूचना मिलते ही बैंक खातों को फ्रीज़ किया जा सके। इसके लिए साईबर हैल्पलाइन नंबर पर तैनात पुलिसकर्मियों की संख्या 35 से बढ़ाकर 70 की गई है।
उन्होंने बताया कि हरियाणा पुलिस ने दिसंबर माह की शुरुआत तक साईबर अपराध को लेकर 2354 केस दर्ज कर लिए है जिनमें से 409 हाई प्रोफाइल केस है। इन मुकदमों में प्रदेश पुलिस ने 1707 साइबर ठगों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। इन हाई प्रोफाइल मामलों में ठगी की रकम 5 लाख रुपये से अधिक है। वहीं 79 केसों में प्रदेश पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मुकदमा दर्ज किया है। उन्होंने बताया कि नेशनल साईबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल में साईबर टीम ने साईबर ठगी में इस्तेमाल हुए तक़रीबन 59,195 मोबाइल नंबर रिपोर्ट किए है जिनमें से 55,933 से अधिक मोबाइल नम्बरों को ब्लॉक करवाया जा चुका है।
– ’11 महीने में बचाये 66.92 करोड़ रूपए, 27 इंसीडेंट मैनेजरों की हुई नियुक्ति, बढ़ी रिकवरी – पुलिस महानिदेशक
श्री कपूर ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश पुलिस आम जनता की कमाई बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी दिशा में कार्य करते हुए प्रदेश के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने पंचकूला 112 ईआरएसएस बिल्डिंग में स्थित नेशनल साईबर हेल्पलाइन 1930 मुख्यालय में 27 पुलिस कर्मचारी बतौर इंसिडेंट मैनेजर नियुक्त किए है। उन्होंने बताया कि इन इंसीडेंट मैनेजरों की ज़िम्मेदारी होती है कि ठगी की रिपोर्टिंग हेल्पलाइन 1930 पर दर्ज होने पर ठगी की रकम जिस बैंक में गई है, तुरंत उस बैंक के नोडल अधिकारी से संपर्क कर, ठगी की रकम को फ्रीज़ करवाएं। इसी उपलब्धि के चलते नवंबर महीने में प्रदेश पुलिस ने रिकॉर्ड 6.77 करोड़ रूपए मात्र एक महीने में ही फ्रॉड होने से बचाने में सफलता हासिल की है। इससे पहले प्रदेश पुलिस ने अक्टूबर महीने में फ्रॉड होने से 4.80 करोड़ रूपए बचाए थे।
पुलिस महानिदेशक श्री शत्रुजीत कपूर ने प्रदेश पुलिस की सराहना करते हुए कहा कि नोडल टीम और फिल्ड यूनिट्स के संयुक्त प्रयासों से 11 महीने में ही 66.92 करोड़ रूपए बचाने में सफलता हासिल की है जो अपने आप में प्रदेश पुलिस के प्रयास व दृढ़ निश्चय को दर्शाता है। इस रकम में 38.11 करोड़ रूपए प्रदेश की पंचकुला साइबर हेल्पलाइन टीम ने और 28.81 करोड़ रूपए जिला साइबर यूनिट्स द्वारा बचाए गए हैं। इसके अलावा टीम 1930 ने साइबर ठगी के एक बड़े मामले में 51 लाख रूपए से अधिक की साईबर ठगी की रकम को खातों में ही फ्रीज़ करवा दिया था।
‘बैंकों के नोडल अधिकारी भी बैठे साइबर हेल्पलाइन में, 55000 से अधिक नंबर ब्लॉक किए – एडीजीपी साइबर’
एडीजीपी साइबर श्री ओ पी सिंह ने बताया कि इस माह हरियाणा साईबर ठगों के नंबर ब्लॉक करने में अव्वल है। अब तक साईबर ठगों के तक़रीबन 55,865 नंबर ब्लॉक एनसीआरपी पोर्टल पर दूरसंचार विभाग, भारत सरकार द्वारा करवा दिए है। एडीजीपी साईबर ने बताया अपराधियों पर नकेल कसने के लिए विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधियों से बातचीत कर उनके नोडल अधिकारी भी साइबर हेल्पलाइन में नियुक्त करवाए है। इनके बैठने से त्वरित कार्रवाई करने में आसानी होती है और हमारे इस पायलट प्रोजेक्ट के शुरुआती रुझान देखकर अन्य राज्य भी इसी मॉडल पर काम करने पर विचार कर रहे है। प्रदेश पुलिस और बैंक के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में इस फैसले को लिया गया है और अब तक पंजाब नेशनल बैंक और एचडीएफसी बैंक के अधिकारियों द्वारा साइबर हेल्पलाइन 1930 में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर दी गई है। जल्द ही अन्य बैंकों को भी इस पायलट प्रोजेक्ट में शामिल कर दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष 30 नवंबर तक टोल फ्री नंबर 1930 पर 1 लाख के आस पास साईबर ठगी से संबंधित शिकायतें प्राप्त हुई जिनपर कार्य करते हुए 51 हज़ार से अधिक शिकायतों का निवारण कर दिया है और अन्य शिकायतों पर काम किया जा रहा है। वहीं इस वर्ष आईटी एक्ट में 2354 केस दर्ज किए गए जिनमें प्रदेश पुलिस ने 647 केसों का निस्तारण कर दिया है। इस केस में 409 हाई प्रोफाइल केस भी थे। चूँकि साईबर अपराध एक तकनीकी तौर पर नया आपराधिक क्षेत्र है, तो उसी की ज़रूरत समझते हुए हरियाणा पुलिस नेे इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर्स व कर्मचारियों के लिए वर्कशॉप का आयोजन भी किया जिसमें इस वर्ष कुल 3,025 पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया है।
’20 लाख लोगों तक प्रदेश पुलिस पहुंची, एआई के बारे में सीखें, अपनी निजी जानकारी देने से बचें – हरियाणा पुलिस’
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा पुलिस माह के प्रथम बुधवार को साईबर जागरूकता दिवस के तौर पर मनाती है। इस वर्ष हरियाणा पुलिस द्वारा आयोजित करवाए गए विभिन्न कार्यक्रम तक़रीबन 20.91 लाख लोगों तक पहुंचे है जहाँ पर उनको डीप फेक टेक्नोलॉजी, ओटीपी ना देने बारे, अपनी निजी जानकारी सोशल मीडिया पर ना सांझा करने आदि के बारे बताया गया है। इसके अतिरिक्त सोशल मीडिया पर अनजान व्यक्तियों से नज़दीकियां ना बढ़ाने बारे, निजी फोटो ना शेयर करने बारे, बैंक की संवेदनशील जानकारी ना सांझा करने बारे में जागरूक किया गया है। इसके अलावा पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश पुलिस द्वारा इन 11 महीनों में 3,871 जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। इसके अतिरिक्त विभिन्न सोशल मीडिया हैंडल्स पर भी 12,893 सोशल मीडिया पोस्ट अपडेट की गई है और व्हाट्सप्प के द्वारा भी 3.8 लाख लोगो तक पहुंचा गया है।