यूरोलॉजी के क्षेत्र में सर्जरी, डायग्नोस्टिक्स और रिसर्च में भारतीय यूरोलॉजिस्ट्स दुनिया में आगे : अमित शाह

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नई दिल्ली : केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज गुजरात के अहमदाबाद में छठे एडवांसमेंट इन एंडयूरोलॉजी सम्मेलन को संबोधित किया। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

इस अवसर पर अमित शाह ने कहा कि ये गर्व की बात है कि भारतीय यूरोलॉजिस्ट्स ने यूरोलॉजी के क्षेत्र में सर्जरी, डायग्नोस्टिक्स और रिसर्च में ना केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में अपनी साख भी बनाई है और लोहा भी मनवाया है। उन्होंने कहा कि भारत के यूरोलॉजिस्ट्स ने विश्व में ना केवल उपचार, सर्जरी और रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए भी जिस प्रकार भारत को सम्मान दिलाया है उसके लिए पूरा देश आप पर गर्व करता है। उन्होंने कहा कि ये सम्मेलन अपने आप में अनूठा है क्योंकि यहां आपके ज्ञान, अनुभव और शोध का एक्सचेंज ना सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व के लिए फायदेमंद साबित होगा। उन्होंने कहा कि 2013 से 2023 तक के 10 सालों में छठी बार ये सम्मेलन हो रहा है। इस सम्मेलन में 75 भारतीय और 25 अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट्स को आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि गुजरात हमेशा से देश में यूरोलॉजी के क्षेत्र में अग्रणी रहा है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में पिछले 10 सालों से होलिस्टिक अप्रोच के साथ केन्द्र सरकार, राज्य सरकारों और देशभर के डॉक्टरों द्वारा मिलकर पूरे देश में स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए एक कार्ययोजना पर अमल हो रहा है। उन्होंने कहा कि रोज़मर्रा के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के निवारण के लिए मोदी सरकार ने होलिस्टिक अप्रोच के साथ प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 140 करोड़ देशवासियों के साथ मिलकर कोविड महामारी के खिलाफ सफलता के साथ लड़ाई लड़ी और हम इससे बाहर आ सके। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक देशवासी देश के डॉक्टर्स और पैरामेडिक्स के ऋणी रहेंगे।

अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने होलिस्टिक अप्रोच के साथ देश के 60 करोड़ गरीबों, कुपोषण से ग्रसित बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य को सुधारने का एक अभियान चलाया। उन्होंने कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने देश में स्वास्थ्य के बजट को, जो 2013-14 में 33,000 करोड़ रूपए था, 2023 तक 1,33,000 करोड़ रूपए तक पहुंचाने का काम किया। श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने मॉडर्न मेडिकल साइंस से जुड़े पूरे इन्फ्रास्ट्रक्चर और मानव संसाधन में बढ़ोतरी की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि इसके बाद हमने किसी को रोग ही न हो, इसके लिए कई अभियान और आंदोलन शुरू किए और फिर मॉडर्न और भविष्य की तकनीक के ज़रिए देश के हर हिस्से तक पहुंचने के लिए अफॉर्डेबल स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने की शुरुआत की है। श्री शाह ने कहा कि मोदी जी द्वारा शुरू किए गए स्वच्छता अभियान और देश में 10 करोड़ टॉयलेट बनने के बाद जनआरोग्य, विशेषकर महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य, में बहुत बड़ा सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता आंदोलन और टॉयलेट बनाने के अभियान के बाद फिट इंडिया, खेलो इंडिया और पोषण अभियान शुरू किए गए। उन्होंने कहा कि आज मिशन इंद्रधनुष के तहत देश में एक भी बच्चा ऐसा नहीं है जिसे 9 साल के अंदर कंप्लीट वैक्सीनेशन फ्री ऑफ कॉस्ट नहीं लगता है। श्री शाह ने कहा कि देश के 60 करोड लोगों को 5 लाख रुपए तक की स्वास्थ्य सुविधाएं आज फ्री ऑफ कॉस्ट मिलती हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जेनेरिक दवाइयों को देशभर में जनऔषधि केंद्रों के माध्यम से देशवासियों तक पहुंचाने की शुरुआत की गई। इसके साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाया गया है और वेलनेस सेंटर के तहत 60,000 करोड़ रूपए पब्लिक हेल्थ सेंटर और कम्युनिटी हेल्थ सेंटर को अपग्रेड करने के लिए दिए गए हैं। साथ ही मिशन डायलिसिस, मातृत्व योजना, टीबी उन्मूलन और इस प्रकार के कई अभियानों से एक हॉलिस्टिक अप्रोच के साथ हम आगे बढ़े हैं।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज देश के कई हिस्सों को मलेरिया मुक्त करने के लिए अभियान को हमने आगे बढ़ाया है और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम आज लाखों लोगों के लिए आशीर्वाद बन चुका है। उन्होंने कहा कि 2013 तक हर साल लगभग 4900 लोगों का ऑर्गन ट्रांसप्लांट होता था, जो आज 16,000 तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार देश के 37 करोड़ लोगों का डेटा आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत डिजिटली उपलब्ध कराने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने मानव संसाधन बढ़ाने के लिए भी बहुत सारे उपाय किए हैं। मेडिकल कॉलेजों की संख्या जो 2014 में 387 थी, अब 706 है, एमबीबीएस सीटें 51000 थीं, आज 1 लाख से ज्यादा हैं, पीजी की सीटें 31000 थीं, आज 70000 हैं।

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