पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा लोकसभा से निष्कासित, विपक्ष का हंगामा

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नई दिल्ली :  ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ के कथित आरोप में शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की लोकसभा  सदस्यता रद्द कर दी गई . संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मोइत्रा की सदस्यता रद्द करने का प्रस्ताव पेश किया. इस प्रस्ताव को सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया . इससे पूर्व सदन में लोकसभा की आचार समिति की रिपोर्ट पर चर्चा के बाद उसे मंजूरी दी गई.  इस रिपोर्ट में टीएमसी सांसद मोइत्रा की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की गई थी. विपक्ष विशेषकर तृणमूल कांग्रेस ने यह आग्रह किया कि मोइत्रा को सदन में उनका पक्ष रखने का मौका मिले, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पहले की संसदीय परिपाटी का हवाला देते हुए इससे इनकार कर दिया और सदन के सभी सदस्यों को अपने सवाल स्वयं तैयार करने की हिदायत दी . उन्होंने कहा कि दूसरों से सवाल बनवाने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है.

उल्लेखनीय है कि लोकसभा में ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ के मामले में तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश वाली आचार समिति की रिपोर्ट शुक्रवार को निचले सदन में पेश की गई. पहले यह रिपोर्ट चार दिसंबर को लोकसभा में पेश किये जाने के लिए सदन की कार्यसूची में सूचीबद्ध थी. कुछ विपक्षी सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया है कि सांसद महुआ को निष्कासित करने पर फैसला लिये जाने से पहले समिति की सिफारिशों पर सदन में विस्तार से चर्चा होनी चाहिए. इस मामले पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि सदन की गरिमा और मर्यादा को कायम रखने के लिए यदि कुछ कड़े फैसले लेने की जरूरत पड़ी तो लेने होंगे.

इस पर बसपा सांसद दानिश अली ने कहा कि अगर रिपोर्ट सदन में प्रस्तुत की जाती है तो हम विस्तृत चर्चा कराने पर जोर देंगे. रिपोर्ट का मसौदा तो ढाई मिनट में ही स्वीकार कर लिया गया था.

गौरतलब है कि बीजेपी सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली आचार समिति ने गत नौ नवंबर को अपनी एक बैठक में मोइत्रा को ‘पैसे लेकर सदन में सवाल पूछने’ के आरोपों में लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश वाली रिपोर्ट को स्वीकार किया था.

समिति के छह सदस्यों ने रिपोर्ट के पक्ष में मतदान किया था. इनमें कांग्रेस से निलंबित सांसद परणीत कौर भी शामिल थीं. समिति के चार विपक्षी सदस्यों ने रिपोर्ट पर असहमति नोट दिए थे. विपक्षी सदस्यों ने रिपोर्ट को ‘फिक्स्ड मैच’ करार देते हुए कहा था कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की जिस शिकायत पर समिति ने विचार किया, उसके समर्थन में ‘सबूत का एक टुकड़ा’ भी नहीं था. यदि सदन समिति की सिफारिश के पक्ष में मतदान करता है तो मोइत्रा को सदन से बर्खास्त किया जा सकता है.

लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने चर्चा के दौरान यह कहते हुए सवाल किया कि 406 पन्नों की रिपोर्ट इतनी जल्दी कैसे पढ़ें, इसे पढ़ने के लिए 3-4 दिन का समय दिया जाए. उनकी बातों का समर्थन करते हुए  कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि 12 बजे एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट आई और 2 बजे बहस शुरू हो गई. यह बहुत ही संवेदनशील मामला है. महुआ मोइत्रा को अपनी पूरी बात कहने का मौका मिलना चाहिए.

दूसरी तरफ भाजपा सांसद हिना गावित ने यह कहते हुए विपक्षी नेता की मांग का विरोध किया कि ये पक्ष या विपक्ष का सवाल नहीं बल्कि संसद की मर्यादा का सवाल है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस घटना की वजह से दुनियाभर में सांसदों की छवि खराब हुई है.

एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर लोकसभा में टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने लोक सभा स्पीकर से महुआ मोइत्रा को बोलने का मौका देने की मांग की . उन्होंने कहा कि जिस पर आरोप है या जिनके खिलाफ निर्णय सुनाया जाएगा उनके पक्ष को नहीं सुनना अन्याय है. सभी को सुनने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नियमों का हवाला देकर कहा कि सब कुछ नियमों और संसद की परंपराओं के अनुरूप हो रहा है.

यह रिपोर्ट पेश करने के दौरान सदन में इंडिया गठबंधन के सांसदों ने आज जमकर हंगामा किया. उन्होंने कहा, एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर चर्चा नहीं होने दी गई . सरकार विपक्षी सांसदों को ऐसी रिपोर्ट के जरिए दबाना चाहती है. महुआ मोइत्रा पर आरोप हैं कि उन्होंने पैसे लेकर सवाल पूछे थे.

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