नगर निगम गुरूग्राम द्वारा प्रदूषण स्तर को नियंत्रित रखने के लिए किया जा रहा गंभीरता से कार्य
- धूल को उडऩे से रोकने के लिए सडक़ों की मैकेनाईज्ड स्वीपिंग सहित पानी का किया जा रहा छिडक़ाव
- जीआरएपी के तहत प्रतिबंधित गतिविधियां करने वाले 53 उल्लंघनकर्ताओं पर लगाया गया 2 लाख 39 हजार रूपए का जुर्माना
गुरूग्राम, 17 अक्तुबर। केन्द्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सहित आसपास के क्षेत्रों में ग्रेडेड रैस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) लागू किया हुआ है। इसके तहत प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के लिए संबंधित विभागों को निर्देश दिए हुए हैं तथा प्रदूषण बढ़ाने वाली कई गतिविधियों पर प्रतिबंध भी आयोग द्वारा लगाया हुआ है। जीआरएपी की पालना नहीं करने वालों पर नियमानुसार जुर्माना भी करने का प्रावधान है।
नगर निगम गुरूग्राम द्वारा जीआरएपी की पालना में प्रदूषण स्तर को नियंत्रित रखने के लिए गंभीरता से कार्य किया जा रहा है। इसके तहत एक ओर जहां सडक़ों की मैकेनाईज्ड स्वीपिंग के लिए 14 मशीनें कार्य कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर धूल को उडऩे से रोकने के लिए नगर निगम की निर्माण साईटों पर टैंकरों के माध्यम से पानी का छिडक़ाव करने का कार्य भी लगातार जारी है। यही नहीं, जीआरएपी के तहत प्रतिबंधित गतिविधियां करने वालों पर भी नजर रखी जा रही है तथा उनके नियमानुसार चालान करने की कार्रवाई निगम की टीमें कर रही हैं।
जीआरएपी के तहत प्रतिबंधित गतिविधियां करने वाले 53 उल्लंघनकर्ताओं पर 2 लाख 39 हजार रूपए का जुर्माना लगाया गया है। इनमें मलबा फैंकने के मामले में 11 उल्लंघनकर्ताओं पर 1 लाख 20 हजार रूपए, कचरा जलाने के मामले में 3 उल्लंघनकर्ताओं पर 15 हजार रूपए, कचरा फैलाने के मामले में 26 उल्लंघनकर्ताओं पर 19 हजार रूपए, ठोस कचरा प्रबंधन नियमों की पालना नहीं करने वाले 13 उल्लंघनकर्ताओं पर 85 हजार रूपए के चालान शामिल हैं।
नगर निगम गुरूग्राम की पर्यावरण एवं स्थिरता विंग के नोडल अधिकारी एवं संयुक्त आयुक्त डा. नरेश कुमार के अनुसार ग्रेडिड रैस्पांस एक्शन प्लान के तहत कचरे में आग लगाना, सार्वजनिक स्थानों पर कचरा व मलबा फैंकना, बिना ढक़े निर्माण सामग्री रखना व ट्रांसपोर्ट करना प्रतिबंधित है। इसके साथ ही निर्माण एवं तोडफ़ोड़ गतिविधियों में पर्यावरणीय नियमों की पालना को अनिवार्य किया गया है। प्रतिबंधित गतिविधियां करने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। नागरिकों से अनुरोध है कि वे प्रदूषण बढ़ाने वाली गतिविधियां ना तो स्वयं करें और ना ही दूसरों को करने दें। अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है, तो उसके बारे में टोल फ्री नंबर 1800-180-1817 पर सूचना दें।