सोनीपत के ग़नौर में 550 एकड़ में एशिया की सबसे बड़ी मंडी बनाई जा रही
कृषि क्षेत्र की कंपनियाँ किसानों को शिक्षित करने का कार्यक्रम भी बनाए, कृषि मंत्री दलाल ने की अपील
हिसार में 8-10 अक्तूबर तक होगा कृषि मेले का आयोजन, सूरजकुण्ड मेले की तर्ज पर हर वर्ष विस्तृत स्तर पर कृषि मेला लगाने का लक्ष्य- कृषि मंत्री
नई दिल्ली 28 सितंबर : हरियाणा के कृषि तथा किसान कल्याण विभाग के मंत्री जयप्रकाश दलाल ने आज कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ाने और उन्हें सुविधाएँ देने के लिए वे समझते हैं कि देश में अब सबसे अच्छी सरकार है। नई दिल्ली के इंडिया हैबिटैट सेंटर में क्रॉप लाइफ इंडिया नामक कंपनी द्वारा ‘भारत- ग्लोबल फ़ूड हब के तौर पर उभर रहा’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में बोलते हुए कृषि मंत्री श्री दलाल ने कहा कि हम किसानों को प्रेरित कर रहे हैं कि वे फसलों का विविधीकरण करें और मार्केट को समझें, मार्केट में माँग के अनुसार फसलों का उत्पादन करें। उन्होंने बताया कि एशिया की सबसे बड़ी मंडी 550 एकड़ में हरियाणा के सोनीपत जिला के ग़नौर में निर्माणाधीन है। यह मंडी स्पेन और पेरिस जैसे विकसित देशों की मंडियों से भी बेहतर होगी । हमारा लक्ष्य यही है कि ब्लॉक और तहसील स्तर पर किसानों को ग्रेडिंग, पैकेजिंग और सोर्टिंग की सुविधाएँ उपलब्ध करवाई जाए। उससे हमारा क्वालिटी प्रोडक्ट तैयार होकर कोल्ड चेन के माध्यम से इस मंडी में आएगा और हम चाहते हैं कि हमारे किसानों के प्रोडक्ट अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में बाहर जाए। उन्होंने दोहराया कि हरियाणा सरकार का पूरा प्रयास है कि प्रदेश के किसानों की आय बढ़े।
उन्होंने कहा कि वे ख़ुद एक किसान है, खेती करते हैं और किसान की रोज़मर्रा की समस्याओं को समझकर उनका हल निकालने का मंत्री के तौर पर प्रयास करते हैं। उन्होने कहा कि आज देश के खाद्यान्न भंडारों में हरियाणा का काफ़ी योगदान है, दिल्ली एनसीआर में फल और सब्ज़ियां पहुँचाने में हरियाणा का बड़ा योगदान है। इसके साथ उन्होंने कहा कि मैं किसान भाइयों को नमन करता हूँ कि कोरोना कॉल में जब सारे उद्योग धंधे चौपट हो गए थे, उस समय भी हमारे किसान भाइयों की मेहनत से कृषि क्षेत्र में ग्रोथ दर्ज की गई। उसकी वजह से उस समय भारत सरकार ने देश में 80 करोड़ लोगों को मुफ़्त राशन देने की योजना शुरू की जो कि आज तक लागू है। दुनिया में हमारे प्रबंधन की सराहना हुई।
श्री दलाल ने कहा कि वर्तमान में एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सबसे ज़्यादा फ़सलें हरियाणा सरकार ख़रीद रही है। हरियाणा में 14 फ़सलें एमएसपी पर ख़रीदी जा रही है। भावान्तर भरपाई योजना के तहत किसानों को डीबीटी के माध्यम से सीधी अदायगी की जा रही है। कृषि मंत्री ने वर्ष 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ़ मिलेटस घोषित करवाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद किया और कहा कि इससे हरियाणा और राजस्थान के किसानों को बहुत फ़ायदा होगा। परिणामस्वरूप अगले चार पाँच साल में ही जो हमारा बाजरा पहले मुर्ग़ी पालन वालों के ही काम आता था, वह प्रीमियम प्रॉडक्ट हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आए विश्व के विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों को हमने बाजरा तथा अन्य मोटे अनाज से बने खाद्य उत्पाद खिलाए, जिससे वे बहुत प्रभावित हुए।
उन्होंने कहा कि जब भी आप कोई अनाज का टुकड़ा या फल लें तो किसान को ज़रूर याद करें कि उसको तैयार करने में किसान ने प्रकृति की मार को झेलते हुए कितनी मेहनत की होगी। उस के हित के लिए भी हम सबको सोचना चाहिए । श्री दलाल ने आयोजकों से कहा कि आप लोग एक बहुत बड़ा संगठन है, आपकी कीटनाशक मैं हिस्सेदारी लगभग 75 प्रतिशत है, आप मार्केटिंग और सीएसआर में बहुत पैसा ख़र्च करते हैं, आप फ़ॉर्मर एजुकेशन यानी किसानों को शिक्षित करने के लिए भी कोई कार्यक्रम बनाए। मार्किट की ज़रूरत के अनुसार जो किसान फ़सलें पैदा करते हैं उसका बेहतर प्रबंधन कैसे हो, कौन से कीटनाशक उसे प्रयोग करने चाहिए आदि के बारे में उन्हें शिक्षित करें। उन्होने कहा कि किसान अपने नज़दीक से जिस दुकान से कीटनाशक तथा बीज ख़रीदता है, उसकी सलाह मान लेता है। श्री दलाल ने आयोजकों से कहा कि यदि आप और हम मिलकर किसानों को सही दिशा दिखाएंगे तो यह किसान के लिए बहुत हितकारी क़दम होगा। जो रोज़मर्रा की समस्याएं किसान के समक्ष आ रही है उनका भी समाधान होगा।
उन्होंने कहा कि 8 से 10 अक्तूबर तक हिसार स्थित चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय में कृषि मेला आयोजित किया जा रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री श्री मनोहरलाल, राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय के अलावा प्रदेश के कई मंत्री तथा लाखों की संख्या में किसानों की भागीदारी होगी। आप भी आएँ मेले को देखें, हम इस मेले को स्केल अप करके सूरजकुण्ड मेले की तर्ज़ पर विस्तृत स्तर पर हर वर्ष आयोजित करना चाहते हैं।