उपराष्ट्रपति ने बीकानेर में मूंगफली अनुसंधान केंद्र और केंद्रीय शुष्क बागवानी संस्थान के प्रशिक्षु गृह का लोकार्पण किया

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नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज बीकानेर में क्षेत्रीय मूंगफली अनुसंधान केंद्र का लोकार्पण किया, इस लोकार्पण के मौके पर बीकानेर के सांसद और संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि  अर्जुन राम मेघवाल ने भारत की संसद में महिला आरक्षण विधेयक पेश कर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। उन्होंने आगे कहा कि आपके इस सपूत ने देश की आधी आबादी को उनके हक दिलाने के लिए इतिहास रच दिया है, ऐसा इतिहास जिसका लोगों को वर्षों से इंतजार था, जो काम और कई लोग नहीं कर पाए वह काम मेघवाल जी ने करके दिखाया है।

उपराष्ट्रपति ने बीकानेर की नमकीन, भुजिया और रसगुल्ले की तारीफ करते हुए मूंगफली ब्रांडिंग की बात कही उन्होंने कहा कि बीकानेर की मूंगफली की ब्रांडिंग की जाएगी और यह काम मैं अर्जुन राम मेघवाल जी को सौंपता हूं। उन्होंने आगे यह भी कहा कि मूंगफली की ब्रांडिंग का काम यहां से शुरू होना चाहिए और इस क्षेत्र में व्यापार की बहुत सी संभावनाएं हैं। अपने संबोधन में आगे उपराष्ट्रपति ने कहा कि मूंगफली को बादाम और काजू से ज्यादा पसंद किया जाता है और इसमें बहुत से पोषक तत्व होते हैं।

उपराष्ट्रपति ने कार्यक्रम में उपस्थित सांसद कैलाश चौधरी की तारीफ करते हुए कहा कि जब कैलाश चौधरी की कृषि राज्य मंत्री थे उस समय प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र संघ में मोटे अनाज अर्थात बाजरा के महत्व को दुनिया के सामने बताते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित कराया और यह वर्ष अंतर्राष्ट्रीय मोटे अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।

प्रधानमंत्री द्वारा मोटे अनाज को बढ़ावा दिए जाने की तारीफ करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज देश के प्रतिष्ठित होटल भी अपने व्यंजनों की सूची में मोटे अनाज से बने व्यंजनों को प्रमुखता से शामिल कर रहे हैं, और यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।

उपराष्ट्रपति ने जी-20 की अध्यक्षता की सफलता की तारीफ करते हुए कहा कि भारत ने वह करके दिखाया जिसकी कभी किसी ने कल्पना नहीं की थी, भारत ने इतना सफल कार्यक्रम आयोजित किया है कि पूरी दुनिया देखकर दंग रह गई है।आगे उन्होंने कहा कि आपको जानकर प्रसन्नता होगी कि जी-20 के की अध्यक्षता में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में दुनिया के नेताओं को मोटे अनाज से बने हुए व्यंजन परोसे गए। उन्होंने कहा कि जी-20 जैसे वैश्विक कार्यक्रमों में मोटे अनाज से बने व्यंजनों का परोसा जाना, हर गांव, गरीब और किसान के लिए एक सम्मान की बात है।

उपराष्ट्रपति ने 60 के दशक में देश में अनाज संकट के दौरान भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के उस आह्वान को याद किया जिसमें उन्होंने देश के नागरिकों से एक दिन का उपवास करने का आह्वान किया था, और उनके आह्वान पर देश के किसानों ने संकल्प लिया और आज हमारे किसानों के पसीने और मेहनत की बदौलत देश न सिर्फ खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बना है बल्कि आज दुनिया को भारत खाद्यान्न का निर्यात भी कर रहा है।

अपने संबोधन के दौरान उपराष्ट्रपति ने कहा कि आपको जानकर प्रसन्नता होगी कि 1 अप्रैल 2020 से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त में राशन दिया जा रहा है और यह हमारे किसान भाइयों की कड़ी मेहनत की वजह से ही संभव हो पाया है। उन्होंने आगे कहा कि किसान कल्याण के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं, पीएम किसान सम्मान निधि उनमें से एक है जिसके तहत साल में तीन बार  किसानों के खाते में सीधे सहायता भेजी जा रही है।

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