आईपीएस अशोक कुमार की पुस्तक बताएगी खाकी में इंसानियत भी बसती है…

Font Size

-आदर्श महिला महाविद्यालय में 29 सितम्बर को होगा पुस्तक समीक्षा कार्यक्रम
-कार्यक्रम में स्वयं उपस्थित रहेंगे उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार
-उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, सीआरपीएफ, बीएसएफ में महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं अशोक कुमार

भिवानी। आईपीएस अशोक कुमार, एक ऐसा नाम जिन्होंने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, सीआरपीएफ, बीएसएफ में महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए ना केवल अपनी ड्यूटी के प्रति कर्तव्यनिष्ठा रखी, बल्कि ड्यूटी से भी आगे बढक़र मानवीयता दिखाते हुए समाज में एक अमिट छाप छोड़ी। ऐसे ही अफसर द्वारा लिखी गई पुस्तक “खाकी में इंसान ” की यहां आदर्श महिला महाविद्यालय में समीक्षा होगी।
इस समीक्षा कार्यक्रम में चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय भिवानी के कुलपति प्रो. राजकुमार मित्तल मुख्य अतिथि होंगे। विशेष अतिथि के रूप में भिवानी के पुलिस अधीक्षक वरुण सिंगला, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी की सचिव ज्योति मित्तल, आदर्श शिक्षण समिति के अध्यक्ष अजय गुप्ता, वैश्य महाविद्यालय ट्रस्ट के अध्यक्ष शिवरतन गुप्ता, वैश्य कालेज के महासचिव सुरेश गुप्ता व महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से हिंदी विभाग की प्राध्यापिका डा. पुष्पा रानी शिरकत करेंगी। वैश्य महिला महाविद्यालय के महासचिव अशोक बुवानीवाला व प्राचार्या डा. अलका मित्तल अतिथियों के स्वागत समिति के प्रमुख हैं।

वर्ष 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं अशोक कुमार

अशोक कुमार डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) उत्तराखंड हैं । वे वर्ष 1989 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं। अपने लगभग तीन दशक के सेवाकाल में अविभाजित उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड पुलिस, सीआरपीएफ और बीएसएफ के महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रहे हैं। बीते वर्षों में उन्होंने कई विषयों पर पुस्तकें भी लिखीं, जिनमें उनकी खाकी में इंसान बेहद प्रसिद्ध रही है। आईपीएस अशोक कुमार की पहली पोस्टिंग उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले में बतौर एएसपी हुई थी। उच्च पद पर होने के बाद और अपने मानवीय पहलू को उजागर करने के लिए देश में कई उदाहरण हैं। इन्हीं में से एक आईपीएस अशोक कुमार भी हैं। अब तक के सेवाकाल के तीन दशकों में इलाहाबाद के बाद अलीगढ़, रुद्रपुर, चमोली, हरिद्वार, शाहजहांपुर, मैनपुरी, नैनीताल, रामपुर, मथुरा, पुलिस मुख्यालय देहरादून, गढ़वाल और कुमाऊं रेंज के आईजी के पद पर रह चुके हैं। इसके अलावा आईपीएस कुमार सीआरपीएफ और बीएसएफ में भी प्रतिनियुक्ति पर रह चुके हैं। इन सभी जगहों पर उन्होंने अपने व्यक्तित्व की अमिट छाप छोड़ी है। आईपीएस अशोक कुमार वर्तमान में डीजीपी उत्तराखंड के पद पर हैं।

हरियाणा के पानीपत जिले के गांव कुराना में हुआ जन्म

अशोक कुमार की बतौर आईपीएस अधिकारी सेवाएं भले ही हरियाणा से बाहर रही हों, लेकिन उनकी जड़ें हरियाणा से जुड़ी हैं। वे पानीपत जिला के गांव कुराना में जन्में हैं। वहीं के सरकारी स्कूल से उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा हासिल की। आईआईटी दिल्ली से उन्होंने बीटेक और एम.टेक की शिक्षा ग्रहण की।

इन सम्मान से किया जा चुका है सम्मानित

आईपीएस अशोक कुमार को वर्ष 2001 में कोसोवो में उत्कृष्ट कार्य के लिए यूनए मिशन पदक मिला था। 2006 में दीर्घ एवं उत्कृष्ट सेवाअें के लिए राष्ट्रपति द्वारा पुलिस पदक से सम्मानित किया गया और 2013 में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक मिला। आईआईटी दिल्ली में पूर्व छात्रों द्वारा राष्ट्रीय विकास में योगदान पुरस्कार किया गया। वह 3 साल तक आईआईटी दिल्ली के सीनेट सदस्य भी रहे। वह आईआईटी दिल्ली पूर्व छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे हैं। नोएडा में सीआरपीएफ में तैनाती के दौरान अशोक कुमार ने उत्तर प्रदेश और फिर उत्तराखंड पुलिस में नौकरी के दौरान हासिल अपने अनुभवों पर एक किताब लिखी है-खाकी में इंसान। इसमें वे किसी फरियादी की शिकायत को मानवीय संवेदनाओं के साथ सुनने और फिर उसके ही नजरिए से पूरी घटना पर मनन करने की बात करते हैं। किताब में छपे 16 किस्से बताते हैं कि खौफ पैदा करने की आज की सामान्य अवधारणा से परे खाकी में इंसानियत भी बसती है।

You cannot copy content of this page