हैदराबाद : कांग्रेस पार्टी की नवगठित वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक हैदराबाद में चल रही है . इस बैठक में आगामी चुनाव के मद्देनजर जनता से जुड़े जरूरी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में तीन प्रस्ताव पारित किये गए हैं जबकि एक मसौदा प्रस्ताव पर विचार विमर्श चल रहा है. कार्यसमिति की इस पहली बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी , राहुल गाँधी सहित सभी सदस्य व पी सी सी प्रेसिडेंट्स और सी एल पी लीडर्स मौजूद हैं .
याह जानकारी बैठक के बीच में ही पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए पूर्व वित्त मंत्री व कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदम्बरम ने दी. उन्होंने पत्रकारों को बताया कि इस बैठक में तीन प्रस्ताव पारित किये गए है जिनमें तीनों शोक प्रस्ताव हैं। पहला प्रस्ताव- केरल के पूर्व सीएम ओमान चांडी के निधन को लेकर है। दूसरा- मणिपुर में जारी हिंसा के पीड़ितों के लिए और तीसरा- हिमाचल प्रदेश के आपदा पीड़ितों के लिए है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लिए हमने मांग भी की है कि मोदी सरकार इस आपदा को ‘राष्ट्रीय आपदा’ घोषित करे, ताकि प्रदेश को अधिक मदद मिल सके।
मसौदा प्रस्ताव के विषयों की चर्चा करते हुए पी चिदम्बरम ने कहा कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) एक मसौदा प्रस्ताव पर विचार-विमर्श कर रही है। विचार-विमर्श अभी भी चल रहा है. उन्होंने कहा कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में हम देश की स्थिति पर चर्चा कर रहे हैं. इनमें देश की वर्तमान राजनीतिक स्थिति, आर्थिक संकट और सुरक्षा खतरे (आंतरिक और बाहरी दोनों) देश के लिए बड़ी चुनौतियां शामिल हैं।
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता ने बल देते हुए कहा कि हमारा मानना है कि भाजपा सरकार देश के संवैधानिक और संघीय ढांचे के लिए चुनौती है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार उन राज्य सरकारों की सहायता नहीं करती जहां लोगों ने उनके खिलाफ जनादेश दिया है। उनका कहना था कि मोदी सरकार. कर्नाटक को चावल की आपूर्ति से इनकार कर दिया, और बाढ़ प्रभावित हिमाचल प्रदेश को सहायता प्रदान नहीं की।
मसौदा के अन्य विषयों की चर्चा करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि मणिपुर अशांति का सामना कर रहा है और पीएम मोदी के पास मणिपुर जाने का समय नहीं दिख रहा है. कश्मीर में क्या हो रहा है? हम जो देखते हैं वह सामान्य स्थिति से बहुत दूर है।
देश की आर्थिक स्थिति का जिक्र करते हुए पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले कई महीनों से आरबीआई महंगाई का हवाला देकर ब्याज दर बढ़ा रहा है। इस बात के पूरे संकेत हैं कि इससे ब्याज दर फिर बढ़ेगी. कई वस्तुओं पर खुदरा महंगाई दर दहाई अंक के करीब या उसके पार पहुंच गई है।
महंगाई पर उनका कहना था कि खाद्य मुद्रास्फीति 10% से अधिक है. सरकार के पास कोई स्पष्टीकरण नहीं है. थोक मूल्य सूचकांक गिर रहा है, लेकिन खुदरा कीमतें बढ़ रही हैं। बेरोज़गारी 8.5% के करीब है। मासिक निर्यात में गिरावट आई है. कई संकेतक गंभीर संकट की ओर इशारा कर रहे हैं. हमारे पास मुद्रास्फीति, बेरोजगारी, धीमी वृद्धि, गिरता निर्यात और आयात है।
उन्होंने देश के समक्ष व्याप्त सुरक्षा चुनौतियों के बारे में कहा कि सुरक्षा चुनौतियाँ मणिपुर, जम्मू और कश्मीर में हैं, और, इसके अलावा, हमारी सीमाओं पर चीनी चुनौती भी है। विभिन्न स्तरों पर कई वार्ताओं के बावजूद चीनी विरोध में डटे हुए हैं।
पी चिदम्बरम ने यह कहते हुए सवाल किया कि ‘यथास्थिति’ जैसे साहसी शब्दों का क्या हुआ ? इसके विपरीत, यथास्थिति हर दिन बदल रही है। हम क्षेत्र खो रहे हैं, और चीनी क्षेत्र को बनाए रख रहे हैं या उस पर कब्ज़ा कर रहे हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि पीएम मोदी के इस दावे ने कि भारतीय क्षेत्र में किसी ने घुसपैठ नहीं की है, चीन को एक इंच भी पीछे न हटने की अपनी जिद पर कायम रहने के लिए प्रोत्साहित किया है.