पीएम विश्वकर्मा योजना का शुभारंभ 17 सितंबर को, दस्तकारों को प्रोत्साहन के लिए योजना

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– आईएमटी मानेसर के कम्युनिटी सेंटर सहित देश के 70 केंद्रों में कार्यक्रम का होगा सीधा प्रसारण
– केंद्रीय संसदीय कार्य, कोयला एवं खनन मंत्री प्रहलाद जोशी होंगे गुरुग्राम में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि : डीसी 

गुरुग्राम, 15 सितंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली के द्वारका स्थित कन्वेंशन सेंटर से 17 सितंबर रविवार को दस्तकारों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना की शुरुआत करेंगे। प्रधानमंत्री के संबोधन का गुरुग्राम सहित देश के 70 शहरों में सीधा प्रसारण होगा। केंद्रीय संसदीय कार्य, कोयला एवं खनन मंत्री प्रहलाद जोशी पीएम-विश्वकर्मा योजना के शुभारंभ अवसर पर रविवार की सुबह 10.30 बजे गुरुग्राम के मानेसर स्थित एचएसआईआईडीसी कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे। यह जानकारी डीसी निशांत कुमार यादव ने शुक्रवार की शाम लघु सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा करते हुए दी।

योजना के दायरे में दस्ताकारों की यह श्रेणी होगी शामिल

डीसी निशांत कुमार यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री का संबोधन हरियाणा में गुरुग्राम व अंबाला सहित देश के 70 स्थानों पर सुना जाएगा। सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से मानेसर में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के संबोधन के प्रसारण की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही आयोजन स्थल के आस-पास यातायात प्रबंधन व स्वच्छता संबंधी इंतजाम भी उचित होने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कार्यक्रम में आने वाले लोगों के बैठने, पीने के पानी, स्वच्छता, लाइट आदि की व्यवस्था उचित प्रकार से होनी चाहिए। पीएम-विश्वकर्मा योजना में 18 हस्त व्यवसायों को शामिल किया गया है। जिनमें सुथार, नाव बनाना, शस्त्राकार, लुहार, हथौड़ा व लोहे के औजार बनाना, ताला बनाना, सुनार, कुंभकार, मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, टोकरी, चटाई बनाना, गुडि़य़ा व खिलौने बनाना, बारबर, धोबी, दर्जी और मछली पकडऩे के जाल बनाने का काम शामिल है। इस योजना में विभिन्न व्यावसायों से जुड़े दस्तकारों को प्रशिक्षण, टूल किट व बैंक लोन की सुविधा प्रदान की जाएगी।

टूल किट खरीदने पर मिलेगी 15 हजार रुपए की अनुदान राशि

उन्होंने बताया कि इस योजना में कारीगर को पहले पीएम विश्वकर्मा.जीओवी.इन पोर्टल पर 17 तारीख के बाद अपना पंजीकरण करवाना होगा। पंजीकरण के बाद इन कारीगरों की जिला में स्थापित किए गए कौशल विकास केंद्रों में पांच दिन की ट्रेनिंग करवाई जाएगी और टूल किट खरीदने के लिए 15 हजार रूपए का अनुदान दिया जाएगा। छोटे कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पहले एक लाख रूपए का लोन दिया जाएगा। जिसको 18 महीनों में पांच प्रतिशत की ब्याज दर से चुकाया जाना है। बैंक ऋण की अदायगी के बाद इन कारीगरों को दोबारा ट्रेनिंग दिलवाई जाएगी। ट्रेनिंग में हर रोज 500 रूपए का स्टाइपेंड दिया जाएगा। तदोपरांत दो लाख रूपए का लोन मिलेगा, जिसकी अदायगी तीस माह में की जानी है। इस दौरान कारीगरों को बाजार से जोडऩे का भी प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि योजना पांच साल के लिए है और पहले साल में देशभर के तीस लाख कारीगरों को इससे जोड़े जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

इस अवसर पर एडीसी हितेश कुमार मीणा, सीपीओ वत्सल वशिष्ठ, डीआईओ विभू कपूर, लीड बैंक मैनेजर अशोक

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