नई दिल्ली : वस्त्र मंत्रालय ने साउथ इंडिया टेक्सटाइल रिसर्च एसोसिएशन (एसआईटीआरए) के साथ साझेदारी में मुंबई में राष्ट्रीय तकनीकी कपड़ा मिशन (एनटीटीएम) के अंतर्गत ‘मेडिटेक्स 2023’ मेडिकल टेक्सटाइल में स्कोप और अवसरों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया ।
इस सम्मेलन में कई तकनीकी सत्र आयोजित किए गए जिनमें मेडिकल टेक्सटाइल के मौजूदा लाभ और संभावनाएं; आयात विकल्प: स्कोप और स्वदेशी मेडिकल टेक्सटाइल उत्पादों का स्कोप और मांग, मेडिकल टेक्सटाइल में उद्यमशीलता का मार्ग – अवधारणा से बाजार तक; मेडिकल टेक्सटाइल की भविष्य की दिशा और मानक, प्रमाणन और नियामक आवश्यकताएं शामिल हैं। सम्मेलन के दौरान मेडिकल टेक्सटाइल्स में 15 वर्षों के अनुसंधान पर एक पुस्तक : ए क्रिस्टल जुबली पब्लिकेशन (2008 – 2023) भी जारी की गई।
सम्मेलन में केंद्रीय मंत्रालयों, केंद्र और राज्य सरकार के उपयोगकर्ता विभागों (स्वास्थ्य और मेडिकल), संस्थानों के अधिकारियों और प्रतिनिधियों, उद्योग जगत की हस्तियों, वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और मेडिकल टेक्सटाइल से संबंधित पेशेवरों ने भाग लिया।
केन्द्रीय वस्त्र और रेलवे राज्य मंत्री, दर्शना विक्रम जरदोश ने नवाचार पर ध्यान केंद्रित करने, नए उत्पादों के व्यावसायीकरण को बढ़ाने और मेडिकल टेक्सटाइल के क्षेत्र में नई तकनीकी प्रगति तक पहुंच बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि उन्नत प्रौद्योगिकी के बेहतर उपयोग के लिए अनुसंधान संगठनों, शिक्षा जगत और उद्योगों के बीच उच्च स्तर के सहयोग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
उन्होंने पीपीई किट और मास्क के वैश्विक दिग्गज के रूप में भारत के बदलाव का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि भारत कोविड ग्रेड पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) के गैर-उत्पादक देश से केवल छह महीने की अवधि में ही पीपीई और एन-95 मास्क का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक देश बन गया।
उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि भारत में युवा सोच और स्टार्टअप्स को विशेष रूप से मेडिकल टेक्सटाइल सेगमेंट में समर्थन देकर मजबूत किया जाना चाहिए ताकि प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल विजन को बढ़ावा दिया जा सके।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार भारत में वस्त्र और तकनीकी वस्त्र इको सिस्टम को समग्र रूप से मजबूत बनाने के लिए वस्त्र के लिए पीएलआई योजना, पीएम मित्र पार्क योजना और राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन (एनटीटीएम) सहित शुरू की गई विभिन्न पहलों के रूप में निरंतर नीतिगत सहायता प्रदान कर रही है।
उन्होंने विभिन्न हितधारकों से अपने बहुमूल्य सुझाव सामने रखने का आग्रह किया, जो भारत में मेडिकल वस्त्र उद्योग के भविष्य के लिए एक ठोस रोडमैप बनाने का मार्ग प्रशस्त करेंगे और प्रधानमंत्री के कर्तव्य काल के विजन को भी साकार करेंगी।
वस्त्र मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री राजीव सक्सेना ने भारत में पैकटेक और मोबिलटेक की तुलना में कम हिस्सेदारी के बावजूद, जीवन की गुणवत्ता के साथ सीधे संबंध के कारण मेडिकल टेक्सटाइल की जीवन शक्ति पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में गहन अनुसंधान एवं विकास और कौशल के कारण भारत में मेडिकल वस्त्र की बाजार हिस्सेदारी में मजबूती से वृद्धि हो रही है। इसके अलावा, वैश्विक बाजार और घरेलू बाजार के संदर्भ में मेडिकल टेक्सटाइल में उत्पाद फोकस को फिर से स्थापित करने की जरूरत है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मेडिकल टेक्सटाइल में व्यापक नवाचार और अनुसंधान करने की आवश्यकता है। उन्होंने विशेष रूप से नवीन प्रौद्योगिकियों और सैनिटरी पैड, डायपर और अन्य सर्जिकल सीवन जैसी अत्यधिक आयातित मेडिकल टेक्सटाइल वस्तुओं के स्वदेशीकरण पर ध्यान केंद्रित करने पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि वस्त्र मंत्रालय विभिन्न मेडिकल टेक्सटाइल के नियामक पहलुओं पर सीडीएससीओ के साथ भी काम कर रहा है। उन्होंने यह घोषणा की कि वस्त्र मंत्रालय जल्द ही सैनिटरी पैड और डायपर सहित 6 मेडिकल वस्त्र वस्तुओं के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) अधिसूचित करेगा।
राजीव सक्सेना ने तकनीकी वस्त्र उत्पादों और उपकरणों में अनुसंधान एवं विकास, स्टार्टअप दिशानिर्देश, (जीआरईएटी) और शिक्षा दिशानिर्देश 2.0 सहित राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन (एनटीटीएम) के अंतर्गत विभिन्न दिशानिर्देशों का उपयोग करने के लिए उद्योग और संस्थानों को प्रोत्साहित किया।
डॉ. शैलेश पवार, वैज्ञानिक-एफ, आईसीएमआर-एनआईवी ने भारत में मेडिकल उपकरणों के स्वदेशी विकास की व्यापक संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मेडिकल टेक्सटाइल एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा क्योंकि भारत कोविड-19 महामारी जैसी स्वास्थ्य की आपात स्थितियों के बारे में तैयारी कर रहा है।
इसके अलावा, वस्त्र उद्योग में स्थिरता और पुनर्चक्रण को मजबूत बनाने के लिए विशेष रूप से मेडिकल टेक्सटाइल उद्योग में बॉयो-डिग्रेडेबलिटी के संदर्भ में नवाचार समय की मांग है।
एस के सुंदररमन, सदस्य, प्रशासन परिषद, एसआईटीआरए ने तकनीकी वस्त्र क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए वस्त्र मंत्रालय द्वारा की गई पहल की सराहना की।