-पीएम ने देश के 77 वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर लाल किले की प्राचीर पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया
-राज घाट में राष्ट्र पिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी
सुभाष चौधरी /The Public World
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज देश के 77 वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर लाल किले की प्राचीर पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया. दिल्ली के लाल किले में हो रहे 77वें स्वतंत्रता दिवस के ऐतिहासिक मौके पर मौजूद लोगों पर भारतीय वायुसेना के दो उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर मार्क-III ध्रुव द्वारा पुष्प वर्षा की गई. इस अवसर पर उन्होंने गार्ड ऑफ़ ओनर का निरिक्षण किया. इससे पूर्व उन्होंने राज घाट में राष्ट्र पिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधान मंत्री ने नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार के 9 वर्षों के कार्यकाल की उन सभी योजनाओं का जिक्र किया जिसे लागू किया गया है.
उन्होंने 90 मिनट के लम्बे भाषण में मणिपुर हिंसा की भी चर्चा की और वहां शान्ति बहाली की उम्मीद जताई. उन्होंने बल देते हुए कहा कि यह मेरा अखंड, अटूट और एकनिष्ठ विश्वास है कि 2047 में जब देश आजादी के सौ साल मनाएगा तब मेरा देश विकसित भारत बनकर रहेगा. यह मैं देश के संसाधन, सामर्थ्य और युवाशक्ति की जनसंख्या को देखते हुए कह रहा हूं. उन्होंने देशवासियों से विश्व मित्र वाले राष्ट्रीय चरित्र को अपनाने की बात की. उन्होंने कहा कि 2014 देशवासियों ने उन पर भरोसा जताया था . फिर उनकी सरकार के परफोर्मेंस को देखते हुए 2019 में भी सेवा का मौका दिया और आने वाले 2014 के 15 अगस्त में भी वे नए विश्वास के साथ लाल किला से देश को संबोधित करेंगे . उन्होंने आने वाले वर्ष में भारत को विकसित बनाने के लिए देशवासियों से सहयोग और आशीर्वाद माँगा .
प्रधान मंत्री ने कहा कि ” मैं लालकिले से आपकी मदद मांगने आया हूं, मैं आपका आशीर्वाद मांगने आया हूं। आजादी के अमृतकाल में 2047 में, जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा, उस समय दुनिया में भारत का तिरंगा झंडा विकसित भारत का तिरंगा झंडा होना चाहिए।” उन्होंने कहा कि ये नया भारत है, आत्मविश्वास से भरा हुआ भारत है, ये संकल्पों को चरितार्थ करने के लिए जी-जान से जुटा हुआ भारत है। इसलिए ये भारत, न रुकता है, न थकता है, न हांफता है और न ही ये भारत हारता है। ”
पीएम मोदी ने कहा कि ” जिसका शिलान्यास हमारी सरकार करती है, उसका उद्घाटन भी हम अपने कालखंड में ही करते हैं। इन दिनों मैं जो शिलान्यास कर रहा हूं, उनका उद्घाटन भी मेरे नसीब में है। ” 2019 में परफॉर्मेंस के आधार पर आप सबने हमें फिर से आशीर्वाद दिया। परिवर्तन का वादा मुझे ले आया और आने वाले 5 साल अभूतपूर्व विकास के हैं। 2047 के सपने को साकार करने के सबसे बड़े स्वर्णिम पल आने वाले 5 साल हैं। ”
प्रधान मंत्री ने कहा कि ” मैं आप में से आता हूं, मैं आपके बीच से निकला हूं, मैं आपके लिए जीता हूं। अगर मुझे सपना भी आता है तो आपके लिए आता है, अगर मैं पसीना भी बहाता हूं तो आपके लिए बहाता हूं। इसलिए नहीं कि आपने मुझे ये दायित्व दिया, ये मैं इसलिए कर रहा हूं क्योंकि आप मेरे परिवारजन हैं और मैं आपके किसी दुख को नहीं देख सकता हूं। ” अगली बार 15 अगस्त को इसी लाल किले से मैं आपको देश की उपलब्धियां, आपके सामर्थ्य, आपके संकल्प, उसमें हुई प्रगति, उसकी सफलता और गौरवगान… पूरे आत्मविश्वास से आपके सामने प्रस्तुत करूंगा। ”
प्रधान मंत्री लाल किला के प्राचीर से क्या बोले ?
“आज स्वतंत्रता दिवस के साथ-साथ श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती भी पूर्ण हो रही है” “यह वर्ष स्वामी दयानंद की 150वीं जयंती, रानी दुर्गवाती की 500वीं जयंती और मीराबाई के जन्म के 525 वर्षों का भी वर्ष है”
“मणिपुर समेत भारत के अन्य राज्यों में पिछले कुछ हफ्तों में जो हिंसा का दौर चला, वह दुखद था। पर अब वहां से शांति की खबरें आ रही हैं” “देश मणिपुर के साथ खड़ा है। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर इसका समाधान करेंगे”
“आज हमारे पास जनशक्ति, जनतंत्र और विविधता की त्रिवेणी है जो हमारे हर सपने को साकार करने के सामर्थ्य रखती है” “भारत युवाओं का देश है। दुनिया में 30 साल से कम आयु वाले लोगों की सबसे ज्यादा जंसख्या भारत में ही है”
2014 और 2019 में आपने ऐसी सरकार फॉर्म की जिससे मोदी में रिफॉर्म करने की हिम्मत आई” “इन रिफॉर्म्स से लोक प्रशासन में अभूतपूर्व सुधार आए। यह निश्चित ही रिफॉर्म, परफ़ॉर्म और ट्रांसफॉर्म का कालखंड है”
“हमने जलशक्ति मंत्रालय बनाया जिसने हर एक नागरिक तक पेयजल की पहुंच को सुनिश्चित किया” “आयुष मंत्रालय से योग को दुनियाभर में ख्याति मिली” “मत्स्यपालन व पशुपालन और सहकारिता मंत्रालयों ने सामाजिक उत्थान में विशेष योगदान दिया”
“2014 में हम वैश्विक अर्थव्यवस्था में दूसरे नंबर पर थे पर भारत आज दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है” “देश की आर्थिक समृद्धि से सिर्फ तिजोरी नहीं भरती है बल्कि देश का सामर्थ्य बढ़ता है और पाई-पाई को गरीब कल्याण में खर्च किया जाता है”
“आज स्थानीय निकायों के विकास के लिए भारत सरकार सालाना 3 लाख करोड़ और गरीबों के घरों के लिए 4 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि खर्च कर रही है” “भारत सरकार किसानों और कृषि के विकास के लिए ₹10 लाख करोड़ से ज्यादा की यूरिया सब्सिडी दे रही है”
“इस विश्वकर्मा जयंती पर हम 13-15 हजार करोड़ रुपयों से विश्वकर्मा योजना की शुरुआत करेंगे जो परंपरागत औजारों से काम करने वाले भारत के लाखों व्यवसाइयों और कारीगरों के उत्थान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा”
“पीएम-किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों के खातों में ढाई लाख रुपये से ज्यादा की राशि जमा की गई है” “हमने शुद्ध पानी की पहुंच के लिए जल जीवन मिशन, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए आयुष्मान भारत जैसी सफल योजनाएं भी शुरु कीं”
“आज देश में 75,000 अमृत सरोवरों का काम तेजी से चल रहा है” “जनशक्ति और जलशक्ति की ये ताकत भारत के पर्यावरण की रक्षा में भी काम आने वाली है”
“दुनिया हमारे ‘वन सन, वन वर्ल्ड और वन ग्रीन’ के दर्शन से जुड़ रही है” “स्वास्थ्य के समावेशी विकास के लिए हमारी अप्रोच ‘वन अर्थ, वन हेल्थ’ की है” जी20 के लिए भी हम ‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर’ के मंत्र को लेकर चल रहे हैं.
“जलवायु परिवर्तन से जूझ रही दुनिया को हमने ‘लाइफ मिशन’ के जरिए रास्ता दिखाया है” “हमने बायोडाइवर्सिटी को देखते हुए बिग कैट अलायंस बनाया” “हमने योग और आयुष के द्वारा विश्व कल्याण और वैश्विक स्वास्थ्य पर बल दिया है”
“मेरे प्रिय परिवारजनों, यह मेरा अखंड, अटूट और एकनिष्ठ विश्वास है कि 2047 में जब देश आजादी के सौ साल मनाएगा तब मेरा देश विकसित भारत बनकर रहेगा” “यह मैं देश के संसाधन, सामर्थ्य और युवाशक्ति की जनसंख्या को देखते हुए कह रहा हूं”
ये नया भारत है, आत्मविश्वास से भरा हुआ भारत है, ये संकल्पों को चरितार्थ करने के लिए जी-जान से जुटा हुआ भारत है। इसलिए ये भारत, न रुकता है, न थकता है, न हांफता है और न ही ये भारत हारता है।
जिसका शिलान्यास हमारी सरकार करती है, उसका उद्घाटन भी हम अपने कालखंड में ही करते हैं। इन दिनों मैं जो शिलान्यास कर रहा हूं, उनका उद्घाटन भी मेरे नसीब में है।
मैं साफ-साफ देख रहा हूं कि Covid के बाद एक नया Global Order, एक नया Geo-Political Equation, बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। बदलते हुए विश्व को आकार देने में आज मेरे 140 करोड़ देशवासियों का सामर्थ्य नजर आ रहा है।
विश्वभर में भारत के सामर्थ्य के प्रति एक नया विश्वास पैदा हुआ है। आज भारत की विविधता को दुनिया अचंभे से देख रही है, जिस कारण भारत का आकर्षण बढ़ा है।
2019 में परफॉर्मेंस के आधार पर आप सबने हमें फिर से आशीर्वाद दिया। परिवर्तन का वादा मुझे ले आया और आने वाले 5 साल अभूतपूर्व विकास के हैं। 2047 के सपने को साकार करने के सबसे बड़े स्वर्णिम पल आने वाले 5 साल हैं।
हमने कठोर परिश्रम किया है, देश के लिए किया है, शान से किया है। सिर्फ और सिर्फ nation first, राष्ट्र सर्वोपरि…इस भावना से किया है।
मैं आप में से आता हूं, मैं आपके बीच से निकला हूं, मैं आपके लिए जीता हूं। अगर मुझे सपना भी आता है तो आपके लिए आता है, अगर मैं पसीना भी बहाता हूं तो आपके लिए बहाता हूं। इसलिए नहीं कि आपने मुझे ये दायित्व दिया, ये मैं इसलिए कर रहा हूं क्योंकि आप मेरे परिवारजन हैं और मैं आपके किसी दुख को नहीं देख सकता हूं।
विश्वभर में भारत के सामर्थ्य के प्रति एक नया विश्वास पैदा हुआ है। आज भारत की विविधता को दुनिया अचंभे से देख रही है, जिस कारण भारत का आकर्षण बढ़ा है।
अगली बार 15 अगस्त को इसी लाल किले से मैं आपको देश की उपलब्धियां, आपके सामर्थ्य, आपके संकल्प, उसमें हुई प्रगति, उसकी सफलता और गौरवगान… पूरे आत्मविश्वास से आपके सामने प्रस्तुत करूंगा।
हमें वो भारत बनाना है…जो पूज्य बाबू के सपनों का था। हमें वो भारत बनाना है…जो हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का सपना था। हमें वो भारत बनाना है…जो हमारे वीर शहीदों का था, जो हमारी वीरांगनाओं का था। जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना जीवन दे दिया था।
अगर सपनों को सिद्ध करना है और संकल्प को पार करना है तो हमें तीन बुराइयों से लड़ना होगा। पहली लड़ाई भ्रष्टाचार के खिलाफ है, दूसरी लड़ाई परिवारवाद के खिलाफ है, और तीसरी लड़ाई तुष्टिकरण के खिलाफ है।
हमने देश के सीमावर्ती गाँवों के लिए Vibrant Border Village का कार्यक्रम शुरू किया है। अब तक सीमावर्ती गांव को कहा जाता था कि वह देश का आखिरी गांव है। हमने उस सोच को बदला है, वह देश का आखिरी गांव नहीं है! सीमा पर जो नजर आ रहा है, वह देश का पहला गांव है।
भ्रष्टाचार ने हमारे देश को दीमक की तरह नोंच लिया है…लेकिन ये मोदी के जीवन का कमिटमेंट है…कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ता रहूंगा। दूसरा, परिवारवाद ने हमारे देश को नोंच लिया है। इस परिवारवाद जिस तरह से देश को जकड़ के रखा है, इसने लोगों का हक छीना है। तीसरी बुराई तुष्टिकरण की है। इस तुष्टिकरण ने देश की मूलभूत चिंतन को, हमारे राष्ट्रीय चरित्र को दाग लगा दिए हैं। तहस-नहस कर दिया है। इसलिए हमें इन बुराइयों…भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण के साथ पूरे सामर्थ्य के साथ लड़ना है।
ये नया भारत है…आत्मविश्वास से भरा हुआ भारत है, ये संकल्पों को चरितार्थ करने के लिए जी-जान से जुटा हुआ भारत है। इसलिए ये भारत… न रूकता है, न थकता है, न हांफता है और न ही ये भारत हारता है।
हमारे देश में 25 साल से चर्चा हो रही थी कि नई संसद बने, लेकिन ये मोदी है…समय के पहले नई संसद बना के रख दिया। ये काम करने वाली सरकार है, निर्धारित लक्ष्यों के साथ काम करने वाली सरकार है।
आज भारत पुरानी सोच, पुराने ढर्रे को छोड़ करके, लक्ष्यों को तय करके, लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए चल रहा है। जिसका शिलान्यास हमारी सरकार करती है, उसका उद्घाटन भी हम अपने कालखंड में ही करते हैं।
देश में रेल आधुनिक हो रही है तो वंदे भारत ट्रेन भी आज देश के अंदर काम कर रही है। गांव-गांव पक्की सड़कें बन रही हैं तो इलेक्ट्रिक बसें, मेट्रो की रचना भी आज देश में हो रही है। आज गांव-गांव तक इंटरनेट पहुंच रहा है।
आज देश अनेक क्षमताओं को लेकर के आगे बढ़ रहा है। देश आधुनिकता की तरफ आगे बढ़ने के लिए काम कर रहा है। आज देश renewable energy और green hydrogen के लिए काम कर रहा है। देश की स्पेस में क्षमता बढ़ रही है तो deep sea mission में भी सफलता के साथ आगे चल रहा है।
जन औषधि केन्द्रों ने देश के सीनियर सिटिजन को, देश के मध्यमवर्गीय परिवार को एक नई ताकत दी है। इसकी सफलता को देखते हुए अब देश में 10 हजार जनऔषधि केन्द्र से बढ़ाकर 25 हजार जन औषधि केन्द्र बनाने का लक्ष्य रखा है।
युवा शक्ति पर मेरा भरोसा है, युवा शक्ति में सामर्थ्य है और हमारी नीतियां भी उसी युवा सामर्थ्य को और बल देने के लिए हैं। हमारे देश के युवाओं ने दुनिया के पहले 3 startup ecosystem में भारत को स्थान दिला दिया है। आज भारत के इस सामर्थ्य को देखकर विश्व के युवाओं को आश्चर्य हो रहा है।
भारत ने महंगाई को नियंत्रित रखने के लिए भरसक प्रयास किए। पिछले कालखंड की तुलना में हमें सफलता भी मिली है लेकिन हम इतने से संतोष नहीं मान सकते। मेरे देशवासियों पर महंगाई का बोझ कम से कम हो, इस दिशा में मुझे और भी कदम उठाने हैं और मेरा प्रयास निरंतर जारी रहेगा।
देश के नौजवानों…आज अवसरों की कमी नहीं है। आप जितने अवसर चाहेंगे, ये देश आसमान से ज्यादा अवसर देने का सामर्थ्य रखता है।
2014 में हम वैश्विक अर्थव्यस्था में 10वें नंबर पर थे और आज 140 करोड़ देशवासियों का पुरूषार्थ रंग लाया है और हम विश्व की 5वीं अर्थव्यस्था बन चुके हैं। ये ऐसे ही नहीं हुआ है, लीकेज को हमने बंद किया, मजबूत अर्थव्यस्था बनाई, हमने गरीब कल्याण के लिए ज्यादा से ज्यादा धन खर्च करने का प्रयास किया।
Demography, Democracy और Diversity की त्रिवेणी भारत के हर सपने को पूरा करेगी।देश जब आर्थिक रूप से समृद्ध होता है तो सिर्फ तिजोरी नहीं भरती है। देश का सामर्थ्य बढ़ता है, देशवासियों का सामर्थ्य बढ़ता है।
हमने पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से ढाई लाख करोड़ रुपये किसानों के खाते में जमा किए हैं। हर घर में शुद्ध पानी पहुंचे, हमने जल जीवन मिशन पर 2 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं! हमने आयुष्मान भारत योजना के तहत हमने 70 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं, ताकि गरीब को दवाई मिले, उनका अच्छे से इलाज हो। हमने पशुधन को बचाने के लिए करीब-करीब 15 हजार करोड़ रुपये टीकाकरण के लिए लगाये हैं!
पूर्वोत्तर में विशेषकर मणिपुर में, जो हिंसा का दौर चला, कई लोगों को अपना जीवन खोना पड़ा, मां-बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ। लेकिन कुछ दिनों से लगातार शांति की खबरें आ रही हैं। केंद्र और राज्य की सरकार मिलकर समस्याओं के समाधान के लिए भरपूर प्रयास कर रही है और करती रहेगी।
देश मणिपुर के लोगों के साथ है, मणिपुर के लोगों ने कुछ दिनों से जो शांति बनाए रखी है, उसको आगे बढ़ाए। शांति से ही समाधान का रास्ता निकलेगा। केंद्र और राज्य की सरकार मिलकर उन समस्याओं के समाधान के लिए भरपूर प्रयास कर रही है और करती रहेगी।
आपने ऐसी सरकार Form की है कि मोदी में Reform की हिम्मत आई और जब मोदी ने एक के बाद एक रिफॉर्म किए तो देश के कोने-कोने में सरकार के हिस्से के रूप में काम कर रहे ब्यूरोक्रेसी के लोगों ने Perform करने की जिम्मेदारी निभाई। अब जनता-जनार्दन जुड़ गई तो Transform होता नजर आ रहा है। इसलिए Reform, Perform और Transform का ये कालखंड भारत के भविष्य को गढ़ रहा है।
मैं देश के कोटि-कोटि जनों को, देश और दुनिया में भारत को प्यार करने वाले, भारत का सम्मान करने वाले कोटि-कोटि जनों को इस महान पर्व की अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं।
आज G20 होस्ट करने का भारत को अवसर मिला है। पिछले एक साल से देश के हर कोने में जिस प्रकार से G20 के अनेक आयोजन व कार्यक्रम हुए हैं, उसने देश के सामान्य मानवी के सामर्थ्य से दुनिया को परिचित करवा दिया है। भारत की विविधता को दुनिया अचंभे से देख रही है, जिस कारण भारत का आकर्षण बढ़ा है।
मैं माताओं-बहनों, बेटियों से कहना चाहता हूं कि देश आज मेरी माताओं-बहनों के सामर्थ्य से आगे बढ़ा है। आज देश प्रगति की राह पर चल पड़ा है तो मेरे किसान भाई-बहनों का पुरुषार्थ है, यह आप ही का परिश्रम है कि देश आज कृषि क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है।
आज झुग्गी-झोपड़ी से निकले बच्चे दुनिया में पराक्रम दिखा रहे हैं। छोटे-छोट गांव, कस्बे के नौजवान, हमारे बेटे-बेटियां आज कमाल दिखा रहे हैं। मैं देश के नौजवानों को कहना चाहता हूं, आज अवसरों की कमी नहीं है। आप जितने अवसर चाहेंगे, ये देश आसमान से ज्यादा अवसर देने का सामर्थ्य रखता है।
इस कालखंड में कोई भूभाग ऐसा नहीं था, कोई समय ऐसा नहीं था जब भारत के वीरों ने देश की आजादी की लौ को जलाये न रखा हो। देश की नारीशक्ति, देश के किसान, देश के मजदूर, कोई भी ऐसा नहीं था जो आजादी के सपने को लेकर जीता न हो। जनचेतना का वह व्यापक रूप, त्याग और तपस्या का वह व्यापक रूप, जन-जन के अंदर विश्वास जगाने वाला वह पल, आखिरकार 1947 में देश आजाद हुआ।
हम जो भी करेंगे, जो भी कदम उठाएंगे, जो फैसला लेंगे, वो अगले एक हजार साल तक अपनी दिशा निर्धारित करने वाला है, भारत के भाग्य को लिखने वाला है।
इतिहास में कुछ पल ऐसे आते हैं, जो अमिट छाप छोड़कर जाते हैं। उनका प्रभाव सदियों तक रहता है और कभी-कभी शुरूआत में वे बहुत छोटे लगते हैं लेकिन बाद में अनेक समस्याओं की जड़ बन जाते हैं। हमें याद है 1,000-1200 साल पहले इस देश पर आक्रमण हुआ। एक छोटे से राज्य में छोटे से राजा की पराजय हुई। लेकिन तब पता तक नहीं था कि एक घटना भारत को हजार साल की गुलामी में फंसा देगी और हम गुलामी में जकड़ते गए। जो आया, लूटता गया।
विश्वभर में भारत की चेतना के प्रति, भारत के सामर्थ्य के प्रति एक नया आकर्षण, एक नया विश्वास पैदा हुआ है। ये प्रकाशपुंज भारत से उठा है, जो विश्व अपने लिए ज्योति के रूप में देख रहा है।
इस बार प्राकृतिक आपदा ने देश के अनेक हिस्सों में अकल्पनीय संकट पैदा किए। जिन परिवारों ने इस संकट को सहन किया है मैं उन सभी परिवारों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूं। राज्य-केंद्र सरकार मिलकर उन सभी संकटों से मुक्त होकर तेजी से विकास की ओर आगे बढ़ेंगी, ये विश्वास दिलाता हूं।
पूज्य बापू के नेतृत्व में असहयोग का आंदोलन और भगत सिंह, राजगुरू जैसे अनगिनत वीरों का बलिदान…उस पीढ़ी में शायद ही कोई व्यक्ति होगा जिसने देश की आजादी में अपना बलिदान न दिया हो। देश की आजादी की जंग में जिस-जिस ने बलिदान दिया है, त्याग किया है, तपस्या की है, मैं उन्हें आदरपूर्वक नमन, उनका अभिनंदन करता हूं।
इतना बड़ा देश, 140 करोड़ मेरे भाई-बहन, मेरे परिवारजन… आज आजादी का पर्व मना रहे हैं। मैं देश के कोटि-कोटि जनों को, देश और दुनिया में भारत को प्यार करने वाले, भारत का सम्मान करने वाले कोटि-कोटि जनों को इस महान पर्व की अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं।