बिजनेस को शरीर की तरह नहीं संस्था की तरह चलाने की जरूरत : राकेश सूरज

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-आज के दौर में सोशल मीडिया प्रचार का सशक्त माध्यम: पुलकित जैन


-अग्रवाल वैश्य समाज की ओर से बिजनेस एवं सोशल मीडिया प्रबंधन पर कार्यशाला आयोजित

-कार्यक्रम की अश्य्क्षता अग्रवाल वैश्य समाज के अध्यक्ष अशोक बुवानीवाला ने की

खाटू श्यामजी: अग्रवाल वैश्य समाज हरियाणा की युवा एवं छात्र इकाई द्वारा श्री खाटू श्याम जी की सेठ सांवरा धर्मशाला में चल रहे प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन बिजनेस एवं मीडिया प्रबंधन पर एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया गया। इस मौके पर बिजनेस मैनेजमेंट पर ईईपीसी के उत्तर भारत के रीजनल डायरेक्टर राकेश सूरज, मीडिया प्रबंधन पर असिस्टेंट प्रोफेसर पुलकित जैन, टीम रणनीति मोटीवेटर पर अरुण सर्राफ, चुनाव प्रबंधन पर डॉ अनिल सिंघानिया, श्रीराम कॉलेज की मोटीवेटर प्रोफ़ेसर सपना बंसल और मोटिवटर रमेश सिंगला ने अपने विचार साझा किए

कार्यक्रम की अध्यक्षता अग्रवाल वैश्य समाज के प्रदेश अध्यक्ष अशोक बुवानीवाला ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ महाराजा अग्रसेन, महारानी लक्ष्मी एवं श्री खाटू श्याम जी की प्रतिमा के सम्मुख अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन करके किया गया। ट्रेनरों को पुष्पगुच्छ एवम अंगवस्त्र देकर अभिनंदन किया गया।

अपने संबोधन में रीजनल डायरेक्टर राकेश सूरज ने कहा कि अग्रवाल समाज का देश के व्यापार में एक महत्वपूर्ण रोल रहा है। अग्रवाल सरनेम आते ही उनमें बिजनेस अपने आप ही जुड़ जाता है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में फैमिली बिजनेस की मान्यता घटती जा रही है और यह कटु सत्य है कि फैमिली बिजनेस तीसरी पीढ़ी में आते-जाते खत्म हो जाता है। फैमिली बिजनेस मानव की शरीर की तरह से होता है जिसे एक दिन खत्म हो जाना है। हमें अपना व्यवसाय मानव शरीर की तरह नहीं बल्कि एक संस्था की इस तरह से चलाना होगा। अगर हम अपने व्यापार को एक संस्था की तरह से चलाएंगे तो वह दिन दूनी रात चौगुनी करेगा। आज बड़ी-बड़ी कंपनियों के कोई मालिक नहीं है बल्कि उन्हें संस्थाएं चला रही हैं।

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उन्होंने कहा कि बिना किसी प्लानिंग के कोई बिजनेस नहीं चल सकता इसलिए व्यापार को चलाने के लिए एक व्यापक तैयारी करें। हमें अपने व्यापार में सारा काम खुद अपने हाथों में ना रखकर उन लोगों को सौंप देना चाहिए जो कि उसके लायक हैं। हर व्यापारी को देश और विदेश की ताजातरीन घटनाओं की व्यापक जानकारियां होनी चाहिए। व्यापार के क्षेत्र में क्या कुछ चल रहा है और सरकार क्या-क्या पॉलिसी बना रही है उसका पता होना चाहिए। इसके अलावा बिजनेस करते वक्त सामान्य ज्ञान का भी होना भी बेहद जरूरी है और यह सब जानकारी हमें अखबारों को पढ़ने, टीवी चैनल उसको देखने व सोशल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हो सकती हैं।हमें सरकार के विभिन्न विभागों का पता होना चाहिए ताकि उन विभागों द्वारा जारी की जा रही स्कीमों का हम लाभ उठा सकें। उन्होंने कहा कि हम किसी प्रोडक्ट्स को बनाकर अपने पास तक ही सीमित ना रखें बल्कि उसे डिस्प्ले में लाएं और उसकी ब्रांडिंग करें। कहा भी गया है कि जो दिखता है वही बिकता है। भारतीय व्यापारी की सबसे बड़ी कमी यह है कि वह सामने वाले के आगे बहुत जल्द सबकुछ खोल कर रख देता है और सामने वाला उसका मौका लगते ही लाभ उठा लेता है। इसलिए हमे अपने इमोशन पर काबू रखकर अपने प्रोडक्ट की क्वालिटी पर विशेष ध्यान देना चाहिए। बिजनेस में सप्लाई चैन और विश्वास की भावना अपना महत्वपूर्ण रोल अदा करती है। व्यापार में कभी भी देखा देखी नहीं करनी चाहिए और हर वक्त एक बदलाव के लिए तैयार रहना चाहिए।उन्होंने कहा कि हर व्यापारी को सरकार के द्वारा दिए जाने वाले अवार्डो विभिन्न प्रकार के आवासों के लिए हैं फार्म जरूर भरना चाहिए। इस बात की कतई चिंता नहीं करनी चाहिए कि वह अवार्ड हमें मिलेगा भी या नहीं।

उन्होंने विशेष तौर पर कहा कि व्यापार में मुंहजबानी कोई कार्य कार्य ना करें। जो भी काम करें वह लिखित में होना चाहिए। किसी भी कंपनी की अपना एक डोमेन होना ही चाहिए जिससे व्यापार में उसकी प्रतिष्ठा बढ़ सके।


अपने संबोधन में डिजिटल मीडिया प्रबंधन के एक्सपर्ट प्रोफेसर पुलकित जैन ने कहा कि आज का युग सोशल मीडिया का युग है। जीवन का कोई भी क्षण सोशल मीडिया से अछूता नहीं है। डिजिटल मीडिया अपने आप में प्रचार का बहुत बड़ा प्लेटफार्म है।सोशल मीडिया अपने आप में बहुत बड़ी ताकत है। जो व्यक्ति सोशल मीडिया में नहीं है उसका जीवन डायनासोर के जीवन के समान समझा जा सकता है। सोशल मीडिया में कंटेंट और सर्च इंजन अत्यंत महत्वपूर्ण रोल है। सोशल मीडिया ने कोरोना महामारी की मुश्किल की घड़ी में मानव की हर स्तर पर सहायता की है। सोशल मीडिया के माध्यम से हम अपनी अपने प्रोडक्ट की ब्रांडिंग कर सकते हैं। सोशल मीडिया पर हर यूजर को एक्टिविटी जरूर करनी चाहिए। जो व्यक्ति सोशल मीडिया में है उसे हर रोज अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट अवश्य करनी चाहिए।

उन्होने हैश टैग का जिक्र करते हुए कहा कि इसके माध्यम से हम अपनी एक्टिविटी को बहुत जल्द संख्या लोगों तक पहुंचा सकते हैं। कोई भी संदेश छोटा नहीं होता। आपके द्वारा पोस्ट की गई हर एक्टिविटी का समाज में गहरा प्रभाव पड़ता है और एक विशेष संदेश जाता है। उन्होंने विशेष रूप से ताकीद करते हुए कहा कि सोशल मीडिया में कुछ भी नहीं छुपाया जा सकता, इसलिए डिजिटल मीडिया में सोच समझकर ही पोस्ट करनी चाहिए और बच्चों को इससे दूर रहना चाहिए। सोशल मीडिया में पॉजिटिविटी के साथ साथ नेगेटिवीटी भी शामिल है। सोशल मीडिया के माध्यम से लोग सोशल बनते हैं और उनका सामाजिक जीवन में एक विशेष दायरा भी बढ़ता है।

उन्होंने सोशल मीडिया यूजर्स को विशेष रूप से कहा कि सोशल मीडिया पर डाली गई पोस्ट का रिस्पांस जरूर दें। वह रिस्पांस लाइक, कमेंट और इमोजी के माध्यम से भी दिया जा सकता है। सेमिनार के समापन पर ट्रेनरों को स्मृति चिन्ह देकर नवाजा गया।

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