चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने नूहं हिंसा मामले में बड़ा प्रशासनिक कदम उठाते हुए आज जिला के उपायुक्त प्रशांत पवार का तबादला करने का आदेश जारी कर दिया. उन्हें फिशरीज डिपार्टमेंट स्पेशल सेक्रेट्री, एचएसवीपी रोहतक एडमिनिस्ट्रेटर, और अर्बन स्टेट एडिशनल डायरेक्टर की जिम्मेदारी के साथ-साथ रोहतक म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन का कमिश्नर और डिस्ट्रिक्ट म्युनिसीपल कमिश्नर रोहतक का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है. उनकी जगह धीरेंद्र खरगटा को जिला नूंह के उपायुक्त पद पर तैनात किया गया है. इससे पूर्व धीरेंद्र खरगटा रोहतक के उपायुक्त थे. प्रदेश सरकार की ओर से नूंह में प्रशासनिक फेरबदल का यह दूसरा बड़ा निर्णय है जिसकी संभावना पहले से ही जताई जा रही थी. इससे पूर्व गुरुवार देर शाम को जिला के एस पी वरुण सिंगला का भी तबादला कर दिया गया था.
गौरतलब है कि प्रशांत पंवार आज दोपहर तक नूंह जिला के उपायुक्त के तौर पर कार्य कर रहे थे. उनके तबादले की भनक किसी को नहीं थी. शुक्रवार को भी उन्होंने नूंह जिला में ब्रज मंडल यात्रा में हुई हिसंक घटना को लेकर मिडिया से बातचीत की थी और कानून व्यवस्था संभाल रहे थे. सरकार ने तनावग्रस्त व अतिसंवेदनशील जिला नूंह ( मेवात) की प्रशासनिक जिम्मेदारी धीरेंद्र खरगटा को दी है . उनके कंधे पर जिला में सामान्य हालात और शांति व्यवस्था बनाने की है. दो समुदायों के बीच पैदा हुए अविश्वास को भी पाटना उनके लिए एक चुनौती होगी.
समझा जाता है कि प्रशांत पवार का तबादला 3 दिन पूर्व प्रदेश के बेहद संवेदनशील जिला नूंह में ब्रजमंडल यात्रा के दौरान हुई हिंसक घटना के सिलसिले में किया गया है. उक्त घटना में 6 लोगों के मारे जाने की पुष्टि सरकार ने की है. 70 से अधिक लोग घायल अवस्था में अस्पताल में पड़े हैं. इस घटना को लेकर हरियाणा सरकार की राष्ट्रीय स्तर पर भारी किरकिरी हुई है. सरकार को राजनीतिक और प्रशासनिक तौर पर निष्क्रिय बताने की होड़ लग गई है. हिन्दू व मुस्लिम दोनों संगठनों के पैरोकार मनोहर सरकार को जमकर कोस रहे हैं.
कहां जा रहा है कि जितनी बड़ी संख्या में उपद्रवियों ने पत्थरबाजी की और गोलियों की बौछार ब्रज मंडल यात्रा में शामिल लोगों पर की वह अपने आप में कानून व्यवस्था की दृष्टि से बड़ी चूक है. इसके लिए लोकल इंटेलिजेंस की क्षमता और भूमिका दोनों सवालों के घेरे में है. यह घटना त्वरित नहीं हो सकती बल्कि इसके पीछे कोई बड़ा षड्यंत्र है.
इस मामले पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने साफ़ तौर पर माना है कि प्राथमिक साख्यों से पता चलता है कि यह घटना त्वरित नहीं बल्कि पूर्व सुनियोजित षड्यंत्र का नतीजा है. उन्होंने कहा है कि102 एफआईआर दर्ज की जा चुकी है और 202 लोगों को गिरफतार किया जा चुका है। उन्होंने कहा है कि 80 लोगों को हिरासत में लिया गया हैं। अनिल विज ने कहा कि नूंह हिंसा को अंजाम देने के लिए प्री-प्लान किया गया और गोलियां चलाई गई और पहाडों पर चढकर गोलियां मारी गई। इसी प्रकार, छतों पर पत्थर इकटठे किए गए व मोर्चें बनाए गए। इन सबकी जानकारी ली जा रही है और इन सब पर कार्यवाही की जाएगी।
सरकार इस मामले में हुई चूक की भरपाई करने के लिए प्रशासनिक फेरबदल करने में जुट गई है. बताया जाता है कि घटना के दिन नूंह जिला के तत्कालीन एस पी वरुण सिंगला छुट्टी पर थे जबकि जिला उपायुक्त मुख्यालय में ही मौजूद थे. बावजूद इसके इतनी बड़ी घटना हो गई जिसमें आधा दर्जन लोगों की जाने नाहक चली गई . 6 दर्जन से अधिक लोग बुरी तरह घायल हैं जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है.
संभावना इस बात की जताई जा रही है कि जिला में तैनात अन्य प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के तबादले भी जल्द किए जा सकते हैं. प्रदेश सरकार किसी भी स्तर पर अब कोई खामी नहीं बरतना चाहती है. इसलिए अर्ध सैनिक बल एवं हरियाणा पुलिस की 34 कंपनियां अकेले जिला नूंह में तैनात की गई है. प्रदेश के एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर सहित कई वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी मेवात क्षेत्र में ही पिछले 3 दिनों से कैंप किए हुए हैं. जुम्मे की नमाज को लेकर सरकार आशंकित थी लेकिन प्रशासनिक सतर्कता से आज माहौल शांत रहा .