गुरुग्राम : शहर के व्यस्ततम धनवापुर रेलवे क्रॉसिंग पर निर्माणाधीन अंडर पास की शटरिंग गिरने से बड़ा हादसा होने की खबर है. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इस घटना में कम से कम 5 मजदूर दबकर घायल हो गए जिनमें से एक की मृत्यु होने की आशंका जताई जा रही है. गंभीर अवस्था में एक मजदूर को स्थानीय पुलिस बचाव कार्य के दौरान एंबुलेंस से अस्पताल ले गई. हालांकि अभी तक मजदूर के मरने की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. इस घटना में घायल हुए मजदूरों की पहचान का खुलासा अब तक नहीं किया गया है.
उल्लेखनीय है कि धनवापुर रेलवे क्रॉसिंग पर 5 वर्ष पूर्व ही अंडरपास के निर्माण का शिलान्यास हरियाणा के तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री राव नरबीर ने किया था. निर्माण शुरू होने के साथ सेक्टर 4 और धनवापुर की दिशा के अंडरपास का निर्माण तो कर दिया गया लेकिन रेलवे लाइन के नीचे उसे कनेक्ट नहीं किया गया. रेलवे लाइन के नीचे की मिट्टी को बेहद गैर जिम्मेदाराना तरीके से खोदकर खतरनाक स्थिति में पिछले 5 वर्षों से छोड़ दिया गया था. इलाके के लोग परेशान थे लेकिन इस बीच ना तो किसी राजनेता और ना ही किसी अधिकारी ने इस अंडरपास की सुध ली.
बदल जाता है कि कुछ समय पूर्व इस अंडरपास का दोबारा निर्माण शुरू किया गया था. धनापुर की तरफ बनाए गए अंडरपास को कवर करने के लिए डालने की प्रक्रिया शुरू की गई थी. इसके लिए शटरिंग की गई थी जो आज यानी गुरुवार को दोपहर बाद अचानक भरभरा गई. इसमें 5 मजदूरों के दबने की खबर है. इनमें से चार घायल अवस्था में बाहर निकाले गए जबकि एक की हालत गंभीर थी. गंभीर अवस्था वाले मजदूर को स्थानीय पुलिस ने तत्काल एंबुलेंस अस्पताल पहुंचाया जिसकी मृत्यु होने की आशंका जताई जा रही है.
घटनास्थल पर मौजूद अधिकतम लोगों का यह कहना था कि मजदूरों ने शटरिंग का मटेरियल बेहद पुराना और कमजोर होने की शिकायत संबंधित इंजीनियर से की थी. लेकिन इंजीनियर ने कमजोर मटेरियल को ही सतरिंग में लगाने का आदेश दे दिया और नतीजतन आज यह बड़ा हादसा सामने आया.
घटना की जानकारी मिलते ही हजारों लोग घटनास्थल पर पहुंच गए. सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस की टीम भी पहुंची और राहत एवं बचाव का कार्य तत्काल शुरू. जेसीबी से अंडर पास की सेटिंग को हटाने का काम कराया गया.
गौरतलब है कि यहां से गुजरने वाली रेलवे लाइन से प्रतिदिन सैकड़ों रेलगाड़ियों की आवाजाही होती है जिसमें लाखों यात्री यहां से गुजरते हैं. लंबे समय तक इस अंडरपास का निर्माण बंद रहे और खतरनाक स्थिति में छोरी जाने के बावजूद रेलवे के अधिकारियों ने भी इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया. परिणामतः इलाके के लोग अपनी जान हथेली पर लेकर हजारों की संख्या में प्रतिदिन इस रेलवे लाइन से पैदल पार करते हैं. इनमें सड़क स्कूलों की हजारों बच्चे भी शामिल हैं जिनकी यहां से गुजर ना मजबूरी या फिर नियति बन गई है.
आश्चर्यजनक बात यह है कि रेलवे लाइन के नीचे की खुदाई कर खतरनाक स्थिति में लंबे समय तक छोड़ दिया जाना अपने आप में बड़ा सवाल है. दूसरी तरफ निर्माणाधीन अंदर पास की स्टेरिंग गिरने से इसके निर्माण में बढ़ती जा रही अनियमितता एवं गुणवत्ता से होने वाले खिलवाड़ की चर्चा जोरों पर है. लोग इस अंडरपास के निर्माण में उपयोग किए जा रहे बेहद कमजोर बिल्डिंग मटेरियल को लेकर आशंकित हैं.