पत्रकारों की लड़ाई मे उनके साथ हैं : कीर्ति आजाद

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पत्रकारों एवं पत्रकारिता पर अमर्यादित टिप्पणी करने का मामला

दरभंगा। दरभंगा के सांसद कीर्ति आजाद ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहाँ किसी की तानाशाही नहीं चलती, चाहे वे राजनेता हो या कुलपति। श्री आजाद ने आज यहाँ पत्रकारों पर ल.ना.मि.विश्वविद्यालय के अधिकारिक व्हाट्स एप “University Media” पर समाचार की पुष्टि करने के बदले एक एडमिन द्वारा पत्रकारों एवं पत्रकारिता पर अमर्यादित टिप्पणी करने एवं लांछन लगाये जाने की घटना पर दु:ख व्यक्त करते हुए कहा कि कुलपति को शीघ्र कारवाई करनी चाहिए थी। उन्होंने मीडिया को प्रजातंत्र का चौथा स्तंभ बताते हुए कहा कि मीडिया पर आरोप लगाना कदापि उचित नहीं है।उन्होंने कहा कि अगर मीडिया आप पर आरोप लगाती है, जो सत्य है और सकारात्मक है तो उन आरोप का गहन चिंतन कर, शोध कर शीघ्र उसका जबाब देना चाहिए। गलतियाँ किससे नहीं होती है। बड़प्पन उसी मे होता है जो अपनी गलती मान ले।उन्होंने कहा कि मीडिया विपरीत परिस्थितियों में न्यूज लाकर आम जन, अधिकारी एवं सरकार तक पहूँचाता है तब उन समस्याओं का निदान होता है।श्री आजाद ने कहा कि कुलपति श्री कुशवाहा की ईमानदारी को लेकर कभी शिकायत नहीं रही लेकिन शिक्षा के स्तर में गिरावट हुई है।छात्रों की समस्याएं बढ़ी है और उसका निदान नहीं हो रहा है।श्री आजाद ने आज यहाँ चेतावनी देते हुए कहा कि वे पत्रकारों की लड़ाई मे उनके साथ हैं और अगर जरुरत पड़ी तो पत्रकारों के समर्थन में आंदोलन भी करेंगे। श्री आजाद ने vc को छात्र हित में काम करने की नसीहत देते हुए तानाशाही रवैये छोड़ने की सलाह भी दी। कीर्ति आजाद ने vc पर चुटकी लेते हुए कहा कि vc की ईमानदारी पर हम कोई सवाल नहीं उठा रहे पर उनकी क्रियाकलाप की सूचना बहुत पहले से उन्हें मिल रही है और उसपर मेरी नजर भी है।

 

जनाधिकार पार्टी ने भी किया कुलपति का विरोधjanadhikar-party-1

चारो तरफ से हो रहा है ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी के कुलपति का विरोध, जनाधिकार पार्टी ने सड़क पर सिंडिकेट की बैठक कर खूब उड़ाया कुलपति साकेत कुशवाहा का मज़ाक, लोगो के बीच हंसी का पात्र बने vc, नुक्कड़ नाटक के तर्ज़ पर आयकर चौराहे पर हुआ कार्यक्रम। कल करेगा vc की सदबुद्धि के लिए यज्ञ ।

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