गुरुग्राम : एसजीटी यूनिवर्सिटी स्थित एशिया की सबसे बड़ी नेशनल रिफरेन्स सिमुलेशन सेंटर (NRSC) लैब में इंडियन नर्सिंग काउंसिल के मान्यता प्राप्त ट्रैनिंग ऑफ ट्रैनर्स (ToT) कोर्स के 24वें बैच की शुरुआत हुई, जिसमें देश के अलग अलग राज्यों के नर्सिंग कॉलेज से आए लगभग 20 से अधिक फैकल्टी मेम्बर्स को ‘सिमुलेशन बेस्ड एजुकेशन’ की ट्रैनिंग दी जाएगी। इसमें नर्सिंग संकाय सदस्यों को चेक लिस्ट, ओसकी(OSCE), केस स्टडीज एंड डीसीजन मैकिंग और सिमुलेशन मेथोडोलॉजी आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इस सिमुलेशन लैब में संकाय सदस्य प्रशिक्षण के दौरान वैसा ही महसूस करते हैं जैसे अस्पताल के में किसी जीवित मरीज का इलाज के दौरान होता है। इंडियन नेशनल काउंसिल द्वारा चयनित ट्रैनी ही सिमुलेशन लैब में प्रशिक्षण प्राप्त कर पाते हैं।
यहां नेशनल रिफरेन्स सिमुलेशन सेंटर में कार्यरत मुख्य प्रशिक्षों द्वारा संकाय सदस्यों को सिमुलेशन बेस्ड मेथोडोलॉजी का प्रशिक्षण मैनिकिंस (एक रोबोटिक पुतला, जो मनुष्य में होने वाली कई तरह की बीमारियों व उनके लक्षणों को अभिव्यक्त करता है) की सहायता से सिखाई जाती है, जैसे- बाल चिकित्सा में अस्थमा के दौरे, हार्टअटैक, प्रसव और प्रसव संबंधी जटिलताओं, जी आई ब्लीड एवं नवजात हाइपोक्सिया आदि केस को कैसे बेहतर ढंग से हैंडल किया जाए।
संकाय सदस्य प्रशिक्षण के दौरान मैनिकिंस पर अभ्यास करते हैं, इन मैनिकिंस को कुछ इस तरह से बनाया गया है कि उसमें किसी भी तरह की चिकित्सीय समस्याओं को महसूस कराया जा सकता है, और प्रशिक्षणार्थी जब इस पर प्रशिक्षण करेंगे तो उनके द्वारा की गई चिकित्सीय गतिविधियों के अनुरूप अच्छा या बुरा प्रभाव भी देखा जा सकता है।
एसजीटी यूनिवर्सिटी की सिमुलेशन लैब देश की एकमात्र आइएनसी द्वारा मान्यता प्राप्त सबसे बड़ी लैब है, जो अब तक पूरे देश से लगभग 1000 से भी अधिक नर्सिंग संकाय सदस्यों को प्रशिक्षण दे चुकी है।