हरियाणा सरकार ने उठाए पर्यावरण संरक्षण और अपशिष्ट प्रबंधन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम : मुख्य सचिव

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– हिपा में जिला पर्यावरण योजनाओं के क्रियान्वयन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में पहुंचे मुख्य सचिव संजीव कौशल 
– एनजीटी के अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल ने किया प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ

गुरुग्राम, 26 जून। हरियाणा सरकार ने शहरी स्थानीय निकाय क्षेत्रों में ठोस, खतरनाक व बायोमेडिकल श्रेणी के कचरे की वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधन और निपटान सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए है। प्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं। यह बात हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने सोमवार को गुरूग्राम के हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) में जिला पर्यावरण योजनाओं के कार्यान्वयन पर आधारित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल ने एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। प्रशिक्षण शिविर को सीएक्यूएम के अध्यक्ष डॉ. एम.एम. कुट्टी, हरियाणा की पूर्व मुख्य सचिव उर्वशी गुलाटी, पर्यावरण, वन और वन्य जीव के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग, एचएसपीसीबी के अध्यक्ष पी. राघवेंद्र राव तथा हिपा की महानिदेशक चंद्रलेखा मुखर्जी ने भी संबोधित किया। शिविर में गुरुग्राम के डीसी निशांत कुमार यादव सहित प्रदेश के आठ जिलों के डीसी उपस्थित रहें वहीं अन्य जिलों के डीसी ऑनलाइन प्रशिक्षण शिविर में शामिल हुए।

श्री कौशल ने हरियाणा में पर्यावरण संरक्षण व अलग-अलग श्रेणी के कचरे के प्रबंधन व निष्पादन से जुड़े कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि एनजीटी के निर्देशों के अनुसार, राज्य के जिलों में पर्यावरण योजनाएं तैयार करने के लिए उपायुक्तों को संवेदनशील बनाया गया है। जिला पर्यावरण योजना में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, वायु गुणवत्ता, औद्योगिक अपशिष्ट जल उपचार, जल गुणवत्ता, खनन जैसे विभिन्न विषयगत क्षेत्र शामिल हैं। पर्यावरण योजना के अनुसार गतिविधियों व योजनाओं को पर्यावरण विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने और पर्यावरणीय मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करने में यह योजनाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। पर्यावरण अनुकूल योजनाओं पर कार्य से राज्य के समग्र विकास और प्रगति में योगदान मिलेगा।

उन्होंने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वाली इकाइयों से पर्यावरण क्षतिपूर्ति निधि भी एकत्रित करने का प्रावधान किया गया है। जिसका कुशल उपयोग सुनिश्चित करने के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया गया है। उन्होंने प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल सभी उपायुक्तों और वरिष्ठ जिला-स्तरीय अधिकारियों को समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ इस दिशा में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने सभी उपायुक्तों से अपनी बेस्ट प्रैक्टिस को सांझा करने, किसी भी संशय पर मार्गदर्शन लेने और तकनीकी सत्रों के दौरान मूल्यवान सुझाव प्रदान करने का भी आग्रह किया। इस अवसर पर उपस्थित विशेषज्ञों ने अधिकारियों के प्रश्नों का समाधान करने और उनकी समझ बढ़ाने के लिए उनसे बातचीत की।

मुख्य सचिव ने कहा कि हरियाणा सरकार पर्यावरण की रक्षा और सतत विकास सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम है। उन्होंने कहा, जिला पर्यावरण योजनाओं को लागू करके और सहयोगात्मक रूप से काम करके, हम अपने राज्य के लिए एक स्वच्छ, हरा-भरा और स्वस्थ भविष्य बना सकते हैं।

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