-वीरेश शांडिल्य ने भेजा अनुराग ठाकुर को पत्र
-आदि पुरुष फिल्म निर्माता को तीन साल के लिए किसी भी फ़िल्म बनाने के लिए बैन करने की मांग की
-केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने शिकायत पर संज्ञान न लिया तो लेंगे हाईकोर्ट की शरण
-फ़िल्म निदेशक व फ़िल्म में रोल करने वाले अभिनेता व अभिनेत्रियों पर एफ़आईआर दर्ज करने पर दिया बल
नई दिल्ली : विश्व हिंदू तख्त प्रमुख व एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्य्क्ष वीरेश शांडिल्य ने आज हजारों वर्ष पुराने सनातन धर्म से व सनातन संस्कृति से छेड़छाड़ करने वाले आदिपुरुष फिल्म बनाने वाले व फिल्म को मंजूरी देने वाले चेयरमैन व फिल्म के अभिनेताओं पर मामला दर्ज करने को लेकर शिकायत पत्र भारत के सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर को भेजा । शांडिल्य ने भेजे पत्र में आदिपुरुष के निदेशक ओम राउत जिसने भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म पर एक साजिश के तहत हमला है उसके खिलाफ मामला दर्ज करने की माँग की । शांडिल्य ने पत्र में कहा कि निदेशक ने इस फ़िल्म को हिन्दू धर्म का मजाक उड़ाने की नीयत से बनाया है और हिन्दू धर्म व हिन्दू संस्कृति को तार तार करने की साजिश रची है ओर जिन देवी देवताओं को हम पूजते हैं उन्हें नीचा दिखाया गया है जो बर्दाश्त नहीं होगा । शांडिल्य ने कहा फिल्म में असंसदीय शब्दो का इस्तेमाल किया गया जिनका श्री राम चरित मानस में कही कोई जिक्र नही है। फिर भी निदेशक ने ऐसा लगता है कि ईसाई मशनीरी व मुस्लिम फंडिंग से यह फिल्म बनाई जिसमे भगवान राम,व भगवान हनुमान को बदनाम कर हिन्दू समाज व हिन्दू धर्म को नीचा दिखाया और फिल्म निदेशक व इसमें काम करने वाले अभिनेताओं व अभिनेत्रियों ने भी पैसे के लालच में हजारो वर्ष पुराने हिन्दू संस्कृति को बदनाम कर देश मे दंगे करवाने व हिंदुस्तान के नही बलिक विश्व के सनातनियो की धार्मिक भावनाएं भड़काने की साजिश रची।
शांडिल्य ने कहा इस फिल्म के निदेशक ने जानबूझकर इस फ़िल्म का निर्माण किया व हिंदुओ व हिन्दू देवी देवताओं व सनातन संस्कृति को मात्र बदनाम करने का कार्य किया ताकि देश मे आरजकता फैले। हिन्दू भड़के,माहौल व भाईचारा खंडित हो।
शांडिल्य ने कहा कि उन्होंने आज फिल्म देखी और दुख हुआ कि फ़िल्म निदेशक ओम राउत ने तो पैसे की फंडिंग के चलते साजिश रची लेकिन भारत सरकार ने सेंसर बोर्ड बनाया हुआ जो केंद्र सरकार अधीन है उस बोर्ड ने इस फ़िल्म को रिलीज होने क्यों दिया । फ़िल्म निदेशक से बड़ी गलती तो सेंसर बोर्ड की है जिसकी डयूटी है कि फ़िल्म में कोई ऐसा सीन ,डायलॉग ,गीत आदि न हो जो समाज का माहौल खराब न कर सके। धार्मिक भावनाएं न भड़कती हों ।किसी के धर्म के साथ खिलवाड़ न हो। लेकिन फ़िल्म आदिपुरुष तो हिन्दू धर्म को बर्बाद कर रहा है और हमारी युवा पीढ़ी को पथ भ्रमित कर दिया ।
वीरेश शांडिल्य ने पत्र में विश्व हिंदू तख्त व एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया की और से माँग की कि उनकी शिकायत पर सेंसर बोर्ड के चेयरमैन को सस्पेंड किया जाए व फ़िल्म के निदेशक समेत तमाम अभिनेता व अभिनेत्रियां के खिलाफ 120 बी,124A 153A, 295, ,के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाये व आदिपुरुष फ़िल्म से डॉयलॉग नही फ़िल्म ही रद्द की जाए व फ़िल्म से कमाई धन राशि को जब्त कर सरकारी खजाने में डाला जाए व सेंसर बोर्ड के चेयरमैन सहित ,निदेशक व तमाम फ़िल्म सहयोगियों को गिरफ्तार किया जाए। व तीन साल तक फ़िल्म के निदेशक को तीन साल के लिए कोई भी फिल्म बनाने से बैन किया जाए। और जिन सिनेमाघरों को पता चलने के बाद कि यह फ़िल्म हिन्दु देवी-देवताओं के खिलाफ़ है हिन्दू धर्म के खिलाफ है फिर भी दिखाई उन सब सिनेमाघरों को 10-10 लाख का जुर्माना जमा करने के संबंधित जिलों के डीसी व एसपी को आदेश दें ताकि फिर सनातन धर्म को कमजोर करने की कोई भी देशद्रोही हिम्मत न जुटा सके l वहीं शांडिल्य ने आईजी अंबाला को भी इस बारे शिकायत भेजी और कहा कि अगर कारवाई ना हुई तो वह हाईकोर्ट की शरण लेंगे ।विश्व हिंदू तख्त प्रमुख शांडिल्य ने की आदिपुरुष को अनुमति देने पर सेंसर बोर्ड के चेयरमैन को करने की माँग
विश्व हिन्दू तख्त के प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने भेजा अनुराग ठाकुर को पत्र आदि पुरुष फिल्म निर्माता को तीन साल के लिए किसी भी फ़िल्म बनाने के लिए बैन किया जाए
शांडिल्य बोले : धार्मिक भावनाएं भड़काने व देश में दंगे अराजकता फैलाने की साजिश रचने वाले फ़िल्म निदेशक व फ़िल्म में रोल करने वाले अभिनेता व अभिनेत्रियों पर एफ़आईआर दर्ज कर गिरफ्तार किया जाएँ, केंद्रीय मंत्री ठाकुर व आईजी अम्बाला ने शिकायत पर संज्ञान न लिया तो लेंगे हाईकोर्ट की शरण
अम्बाला : विश्व हिंदू तख्त प्रमुख व एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्य्क्ष वीरेश शांडिल्य ने आज हजारों वर्ष पुराने सनातन धर्म से व सनातन संस्कृति से छेड़छाड़ करने वाले आदिपुरुष फिल्म बनाने वाले व फिल्म को मंजूरी देने वाले चेयरमैन व फिल्म के अभिनेताओं पर मामला दर्ज करने को लेकर शिकायत पत्र भारत के सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर को भेजा । शांडिल्य ने भेजे पत्र में आदिपुरुष के निदेशक ओम राउत जिसने भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म पर एक साजिश के तहत हमला है उसके खिलाफ मामला दर्ज करने की माँग की । शांडिल्य ने पत्र में कहा कि निदेशक ने इस फ़िल्म को हिन्दू धर्म का मजाक उड़ाने की नीयत से बनाया है और हिन्दू धर्म व हिन्दू संस्कृति को तार तार करने की साजिश रची है ओर जिन देवी देवताओं को हम पूजते हैं उन्हें नीचा दिखाया गया है जो बर्दाश्त नहीं होगा । शांडिल्य ने कहा फिल्म में असंसदीय शब्दो का इस्तेमाल किया गया जिनका श्री राम चरित मानस में कही कोई जिक्र नही है। फिर भी निदेशक ने ऐसा लगता है कि ईसाई मशनीरी व मुस्लिम फंडिंग से यह फिल्म बनाई जिसमे भगवान राम,व भगवान हनुमान को बदनाम कर हिन्दू समाज व हिन्दू धर्म को नीचा दिखाया और फिल्म निदेशक व इसमें काम करने वाले अभिनेताओं व अभिनेत्रियों ने भी पैसे के लालच में हजारो वर्ष पुराने हिन्दू संस्कृति को बदनाम कर देश मे दंगे करवाने व हिंदुस्तान के नही बलिक विश्व के सनातनियो की धार्मिक भावनाएं भड़काने की साजिश रची।
शांडिल्य ने कहा इस फिल्म के निदेशक ने जानबूझकर इस फ़िल्म का निर्माण किया व हिंदुओ व हिन्दू देवी देवताओं व सनातन संस्कृति को मात्र बदनाम करने का कार्य किया ताकि देश मे आरजकता फैले। हिन्दू भड़के,माहौल व भाईचारा खंडित हो।
शांडिल्य ने कहा कि उन्होंने आज फिल्म देखी और दुख हुआ कि फ़िल्म निदेशक ओम राउत ने तो पैसे की फंडिंग के चलते साजिश रची लेकिन भारत सरकार ने सेंसर बोर्ड बनाया हुआ जो केंद्र सरकार अधीन है उस बोर्ड ने इस फ़िल्म को रिलीज होने क्यों दिया । फ़िल्म निदेशक से बड़ी गलती तो सेंसर बोर्ड की है जिसकी डयूटी है कि फ़िल्म में कोई ऐसा सीन ,डायलॉग ,गीत आदि न हो जो समाज का माहौल खराब न कर सके। धार्मिक भावनाएं न भड़कती हों ।किसी के धर्म के साथ खिलवाड़ न हो। लेकिन फ़िल्म आदिपुरुष तो हिन्दू धर्म को बर्बाद कर रहा है और हमारी युवा पीढ़ी को पथ भ्रमित कर दिया ।
वीरेश शांडिल्य ने पत्र में विश्व हिंदू तख्त व एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया की और से माँग की कि उनकी शिकायत पर सेंसर बोर्ड के चेयरमैन को सस्पेंड किया जाए व फ़िल्म के निदेशक समेत तमाम अभिनेता व अभिनेत्रियां के खिलाफ 120 बी,124A 153A, 295, ,के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाये व आदिपुरुष फ़िल्म से डॉयलॉग नही फ़िल्म ही रद्द की जाए व फ़िल्म से कमाई धन राशि को जब्त कर सरकारी खजाने में डाला जाए व सेंसर बोर्ड के चेयरमैन सहित ,निदेशक व तमाम फ़िल्म सहयोगियों को गिरफ्तार किया जाए। व तीन साल तक फ़िल्म के निदेशक को तीन साल के लिए कोई भी फिल्म बनाने से बैन किया जाए। और जिन सिनेमाघरों को पता चलने के बाद कि यह फ़िल्म हिन्दु देवी-देवताओं के खिलाफ़ है हिन्दू धर्म के खिलाफ है फिर भी दिखाई उन सब सिनेमाघरों को 10-10 लाख का जुर्माना जमा करने के संबंधित जिलों के डीसी व एसपी को आदेश दें ताकि फिर सनातन धर्म को कमजोर करने की कोई भी देशद्रोही हिम्मत न जुटा सके l