मनुष्य निर्माण में शिक्षा का सबसे ज्यादा योगदान : यशपाल बतरा
शिक्षित होने के साथ-साथ बच्चे संस्कारी भी बनें : यशपाल बतरा
मुख्य अतिथि बतरा ने विजयी छात्रों को पुरस्कार देकर किया सम्मानित
सीएम मनोहर लाल ने नई शिक्षा नीति लागू करके प्रदेश को शैक्षणिक स्तर पर मजबूत किया
नई शिक्षा नीति से सरकारी और निजी स्कूलों में नहीं रहेगा कोई भेद : बतरा
गुरुग्राम, 20 मार्च। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर यशपाल बतरा ने कहा कि शिक्षा मनुष्य निर्माण के लिए बेहद अहम है। भौतिक विकास के साथ-साथ मनुष्य निर्माण जरूरी है और मनुष्य निर्माण में सबसे ज्यादा योगदान शिक्षा का होता है। हरियाणा की मनोहर सरकार भी शिक्षा के स्तर को उंचा उठाने के लिए भरपूर प्रयास कर रही है। प्राइवेट संस्थाएं भी शिक्षा के प्रसार में अपना योगदान दे रही है। यह बात श्री बतरा ने सेक्टर-7 में बचपन प्ले स्कूल द्वारा आयोजित एनुअल डे के अवसर पर कही। एनुअल डे पर मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे बीजेपी नेता यशपाल बतरा का स्कूल प्रबंधकों द्वारा बुके देकर सम्मानित किया गया। इस मौके छात्रों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत कर उपस्थित सभी लोगों का मन मोह लिया। मुख्य अतिथि श्री बतरा ने प्रतियोगिताओं में विजयी रहे बच्चों को पुरस्कार देकर उनका उत्साहवर्धन किया।
गुरू के महत्व पर बोलते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं मुख्य अतिथि यशपाल बतरा ने कहा कि गुरू के बिना ज्ञान नहीं मिलता। एक बच्चे की पहली गुरू उसकी मां होती है, लेकिन शिक्षा के मंदिर में बच्चों के लिए शिक्षक का महत्व और बढ़ जाता है। बच्चों को सही दिशा देने में एक शिक्षक की अहम भूमिका होती है। इसलिए सबसे पहले मैं शिक्षकों को नमन करता हूं। उन्होंने कहा कि एक शिक्षक ही है, जो सोचता है हर बच्चा-पढ़े-लिखे और आगे बढ़े। जिससे वह स्वयं का अपने परिवार का, मानव समाज का और देश का विकास करे।
यशपाल बतरा ने भारत की नई शिक्षा नीति बेहतर है। यह हमारे इतिहास, संस्कृति और भविष्य की शिक्षा के बीच सेतू का काम कर रही है। नई शिक्षा नीति लागू करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ऐतिहासिक कार्य किया है। नई शिक्षा नीति इसलिए बनाई गई कि विश्व के आयाम बदल रहे हैं। हम ग्लोबल स्तर पर मजबूत हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नई शिक्षा नीति को लागू करके प्रदेश को शैक्षणिक स्तर पर मजबूत किया है। उनकी दूरगामी सोच प्रदेश को विकासशील राज्यों में शामिल कर रही है।
विद्यार्थियों को संस्कार भी सीखाना अनिवार्य : बतरा
यशपाल बतरा ने कहा कि वर्तमान समय में सिर्फ शिक्षा ही विद्यार्थियों के लिए पूर्ण नही है। शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों को संस्कार भी सीखना अनिवार्य है। बिना संस्कार के व्यक्ति का जीवन अधूरा है। उच्चतम शिक्षा प्राप्त होने पर अगर विद्यार्थी के पास संस्कार नहीं है तो उनके द्वारा प्राप्त की गई सम्पूर्ण शिक्षा व्यर्थ है, इसलिए स्कूलों में अपनी संस्कृति के बारे में भी बच्चों को बताना चाहिए।
निजी स्कूल भी बच्चों को दे रहे हैं अच्छी शिक्षा :
यशपाल बतरा ने कहा कि हमारी संस्कृति जैसी संस्कृति दुनिया में कहीं पर भी नहीं हैं। हमारे यहां जो संस्कार दिए जाते हैं, उनको व्यक्ति जीवनभर पालन करता है। यह हमारी संस्कृति की ही खूबसूरती है। यही कारण है कि हमारे संस्कारों को दुनिया में अपनाया जा रहा है। सरकार और प्राइवेट स्कूल भी बच्चों को शिक्षित करने में बेहतर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति शिक्षा जगत में नये बदलावों की मंशा के साथ आई है। इस नीति में तकनीक से लेकर कौशल तक सब शामिल किया गया है। साथ ही सभी स्कूलों में समान शिक्षा और समान नियम लागू होंगे जिससे निजी तथा सरकारी स्कूलों में कोई भेद नहीं रहेगा।