ट्यूलिप सोसाइटीज के निवासियों ने कचरे के पृथक्करण का संकल्प लिया

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गुरुग्राम। एमसीजी के सहयोगात्मक दृष्टिकोण से डॉ. नरेश कुमार संयुक्त आयुक्त-एसबीएम ने 08 जनवरी को सेक्टर 69 और 70 में ट्यूलिप सोसाइटी का दौरा किया । उन्होंने ट्यूलिप आइवरी क्लब में सभी आरडब्ल्यूए से मुलाकात की और कचरा प्रबंधन को लेकर विस्तार से समझाया ताकि उन्हें कचरे के अलगाव के महत्व की दृष्टि से प्रोत्साहित किया जा सके। उन्होंने दरबारीपुर रोड पर संचालित 10TPD वेट वेस्ट कंपोस्टिंग प्लांट और प्रोडक्टिव इंडिया फाउंडेशन के नए कंपोस्टिंग प्लांट का भी निरीक्षण कर व्यवस्था का जायजा लिया।

डॉ. नरेश ने उपस्थित निवासियों और आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधियों को एसबीएम नियम 2016 और एनजीटी के आदेशों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए किए जा रहे विभिन्न प्रयासों के बारे में बताया । उन्होंने कहा कि बंधवारी में लैंडफिल को साफ करने के लिए धीरे-धीरे बहुत कुछ हासिल किया जा रहा है और जल्द ही डब्ल्यूटीई संयंत्र चालू हो जाएगा। उनका कहना था कि विभिन्न विकेन्द्रीकृत एमआरएफ और खाद पूरे गुरुग्राम में आ रहे हैं, हालांकि जब तक गुरुग्राम अलग-अलग कचरा नहीं देता है, तब तक जीरो वेस्ट गुरुग्राम संभव नहीं है।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल ट्यूलिप सोसायटियों को चालान जारी किए गए थे । इस बार डॉ. नरेश ने जीरो टॉलरेंस के दृष्टिकोण पर जोर दिया, जिसे एमसीजी ने स्रोत अलगाव के लिए अपनाया है। उन्होंने यह भी बताया कि क्यूआर कोड परियोजना पूरे गुरुग्राम में चल रही है और जल्द ही संग्रह दक्षता में भी वृद्धि होगी।

सभी आरडब्ल्यूए इस बात से सहमत थे कि अब परिवर्तन अनिवार्य है और वे अपने निवासियों को अलग-अलग कचरा देने के लिए प्रोत्साहित करेंगे और अपने परिसरों में कंपोस्टिंग इकाइयों की स्थापना के लिए सूचीबद्ध एजेंसियों के साथ भी काम करेंगे।

ट्यूलिप आइवरी के अध्यक्ष श्री अजय शर्मा ने कहा कि वे अपशिष्ट पृथक्करण पर एमसीजी के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं और इस क्षेत्र में सभी समाजों को सही प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे और इस वित्तीय वर्ष के भीतर अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सूचीबद्ध एजेंसियों के साथ गठजोड़ करेंगे और साथ ही लैंडफिल में कोई कचरा नहीं जाने के लिए एमसीजी से प्रयास करने का अनुरोध किया। इस पर उपस्थित सभी आरडब्ल्यूए ने शपथ ली।

गुरुग्राम में 2017 से इस क्षेत्र में काम कर रहे प्रोडक्टिव इंडिया फाउंडेशन के श्री गौरव वाही भी अपनी टीम के साथ उपस्थित थे और उन्होंने सभी उपस्थित लोगों को समझाया कि वे गीले कचरे को एक अच्छी गुणवत्ता वाली खाद में परिवर्तित कर रहे हैं जो सभी 22 मापदंडों को पूरा करती है। एफसीओ दिशानिर्देशों के। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे कम जगह में भी SWM नियम 2016 को उपस्थित BWG के लिए समग्रता में अपनाया जा सकता है और जिसे हम कचरा कहते हैं वह एक संसाधन है, कुप्रबंधित है।

डॉ. हरभजन सिंह (रोसमेर्टा टेक्नोलॉजीज से) ने सभी को सूचित किया कि कैसे प्रौद्योगिकी के उपयोग की यह अवधारणा यह सुनिश्चित करेगी कि सभी हितधारकों द्वारा एक स्वच्छ गुरुग्राम बनाने के लिए अनुपालन पूरा किया जाए।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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