कोविड के कारण 1.4 करोड़ कम लोगों के पास रोजगार

Font Size

CMIE employment report

CMIE employment reportDelhi: देश में रोजगार के मोर्चे पर भले ही सुधार देखा जा रहा हो लेकिन इसको कोविड-पूर्व (CMIE employment report) स्थिति में पहुंचने में अभी भी वक्त लगने वाला है. एक आंकड़े के मुताबिक जनवरी 2020 में जितने लोगों के पास रोजगार था, अक्टूबर 2022 में उसके मुकाबले 14 मिलियन या 1.4 करोड़ कम लोगों के पास रोजगार था. ये आंकड़ा CEDA-CMIE बुलेटिन के मुताबिक आया है. इस आंकड़े में 45 लाख कम पुरुष और 96 लाख कम महिलाओं का हिस्सा है.

इस आंकड़े को संकलित करने और प्रकाशित करने का काम अशोका यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर इकनॉमिक डेटा एंड एनालिसिस और सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी ने संयुक्त रूप से किया है. उनके काम को एकत्रित करके 27 दिसंबर 2022 को पब्लिश किया गया है. महामारी के बाद लोगों के आर्थिक जीवन और रोजगार के ऊपर क्या असर पड़ा है, इसके लिए सीएमआईई ने सर्वे कराया है और इसका डेटा पब्लिश किया है.

सीएमआईई के द्वारा जारी लेटेस्ट बुलेटिन को इसके लेखक प्रीथा जोसेफ और राशिका मुद्गिल ने इस बात का विशेष रूप से उल्लेख किया कि (15 साल से 39 साल) के आयुवर्ग पर इस महामारी के बाद पैदा हुए हालात का सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा. इसका साफ अर्थ है कि पिछले तीन सालों में युवा लोगों पर बेरोजगारी का असर सबसे ज्यादा पड़ा है.

जनवरी 2022 के मुकाबले अक्टूबर 2022 में 15 से 39 साल वाले आयुवर्ग के 20 फीसदी कम लोगों को रोजगार मिला. इसका अर्थ है कि 3 करोड़ 65 लाख लोगों पर बेरोजगारी का असर पड़ा है. हालांकि इसके अलावा बड़े आयु वर्ग (40-59 साल के लोग) इससे कम प्रभावित हुए और उनके रोजगार में 12 फीसदी का इजाफा देखा गया. इसका अर्थ है कि जनवरी 2020 के मुकाबले अक्टूबर 2022 में 2.5 करोड़ ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है.

CMIE की तरफ से कहा गया है कि ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि 15-39 आयु वर्ग के लोग वर्कफोर्स में लौट रहे हैं. इसके अलावा ज्यादा आयु वर्ग के लोग अपने मौजूदा स्किल्स को यूज करके अपने जॉब को बचा रहे हैं और अपने कार्यक्षेत्र में लौट रहे हैं.

 

CMIE employment report CMIE employment report CMIE employment report CMIE employment report 

Table of Contents

You cannot copy content of this page