नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के छह साल पहले 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के फैसले को सोमवार (2 जनवरी) को बरकरार रखा है. इस फैसले पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों की ओर से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं. कांग्रेस (Congress) ने उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के फैसले पर नाराजगी जताई है. जबकि बीजेपी (BJP) ने फैसले का स्वागत करते हुए इसे ऐतिहासिक बताया है.
कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि यह कहना पूरी तरह से गुमराह करने वाली और गलत बात है कि सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी को जायज ठहराया है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में कहा कि शीर्ष अदालत ने इस पर फैसला सुनाया है कि क्या रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 26(2) को नोटबंदी की घोषणा से पहले सही ढंग से लागू किया गया या नहीं. उन्होंने आरोप लगाया कि नोटबंदी एक बर्बादी वाला फैसला था जिससे आर्थिक प्रगति थम गई और लाखों नौकरियां चली गई.
जयराम रमेश के अनुसार, न्यायालय के निर्णय में यह कहीं भी नहीं कहा गया है कि नोटबंदी के जो उद्देश्य बताए गए थे, वह पूरे हुए या नहीं. सर्वोच्च न्यायालय का नोटबंदी का फैसला केवल प्रक्रिया तक सीमित है और नोटबंदी के परिणामों से इसका कोई संबंध नहीं है. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मोदी सरकार की ओर से लागू नोटबंदी का परिणाम- 120 लोगों की जानें गई, करोड़ों लोगों का रोज़गार छीना, असंगठित क्षेत्र तबाह हुआ, काला धन नहीं कम हुआ, नकली नोट बढ़े, मोदी सरकार का नोटबंदी का निर्णय भारतीय अर्थव्यवस्था पर हमेशा एक गहरे जख़्म की तरह रहेगा.