-गुरुग्राम ही नहीं देश के लाखों लोगों को जोड़ने का काम करेगा समग्र हिंदू सेवा संघ
-वर्तमान में देश अखण्ङ भारत के निर्माण की और अग्रसर
गुरूग्राम : हिंदू जागरण दिवस के अवसर पर समग्र हिंदू सेवा संघ के तत्वाधान में सेवा संकल्प सभा का आयोजन किया गया। इसमें महानगर से जुड़े एक हजार से ज्यादा राष्ट्रभक्तो ने हिस्सा लिया।शीतला माता मंदिर के सामने पार्किंग मैदान में आयोजित समग्र हिंदू सेवा संघ के तत्वाधान में हिंदू जागरण दिवस के अवसर पर आयोजित सेवा संकल्प सभा में संघ के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार ने हिस्सा लिया। आयोजन की अध्यक्षता प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ परमेश्वर अरोड़ा ने की। सानिध्य महंत दर्शन गिरी जी महाराज का रहा ।
इस आयोजन में महानगर के विभिन्न संस्थाओं से जुड़े हजारों राष्ट्र प्रेमी साथियों ने हिस्सा लिया। स्वागत समिति के संयोजक धर्मपाल यादव तथा सह संयोजक राजकुमार राजू के साथ ही समाजसेवी अजीत भारद्वाज, अखिल भारतीय उद्योग व्यापार सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय प्रवक्ता गजेन्द्र गुप्ता, प्रशान्त भारद्वाज, शिवदत्त भैय्या, सन्दीप शर्मा ने मंचासीन अतिथियों का पुष्पगुच्छ, माला, शाल और स्मृति चिन्ह देकर उनका स्वागत किया।
सेवा संकल्प सभा में बोलते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने कहा कि संसार में हमें भारतीय अथवा हिंदुस्तानी के रूप में पहचाना जाता है। हमारे मजहब कुछ भी हों पूजा पद्धति कुछ भी हों हम किसी भी भाषा को मानने वाले हों लेकिन हम एक मां के पुत्र हैं । अतः हमें अपने आप को और कुछ समझने की बजाय केवल हिंदुस्तानी समझना चाहिए।
संघ के वरिष्ठ प्रचारक ने यह भी कहा कि जो वर्ण भेद में विश्वास रखता है जो जाती पाती में विश्वास रखता है वह नरक का भागी होगा। उसे कभी भी परमात्मा भी क्षमा नहीं कर सकता। उनका कहना था हम सब हिंदुस्तानी एक हैं। हिंदू में भेद करना पाप है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार का दिन मुसलमानों के लिए प्रार्थना का दिन है, लेकिन कुछ षड्यंत्रकारियों ने नौजवानों को उकसाकर शुक्रवार को पत्थरवार में बदल दिया है. कुमार ने कहा कि ‘सिर तन से जुदा’ ये नारा गैर इस्लामिक, असंवैधानिक, अनइश्वरीय और अमनावीय है, इसकी कठोर निंदा करें । जिसने भी ये नारा दिया है, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई हो.
अपने भाषण में इंद्रेश कुमार ने ये अपील भी की कि मुसलमान मिलकर शुक्रवार को मोहब्बतवार में बदलें, ताकि ये दाग मिट जाये । संघ नेता ने कहा कि देश को अजमल कसाब जैसा नहीं बल्कि एपीजे अब्दुल कलाम जैसा युवा चाहिए। लोगों के एक वर्ग या संगठन के खिलाफ नफरत पैदा करने वाले निराधार आरोपों को भी घृणा फैलाने वाला भाषण माना जाना चाहिए। इंद्रेश कुमार ने कहा कि सभी नफरती बयानों को एक ही चश्मे से देखा जाना चाहिए। हम घृणित, उत्तेजक और विभाजनकारी बयानों पर कार्रवाई को लेकर अंतर नहीं कर सकते हैं, जबकि दोनों प्रकृति और सार में समान हैं।
उन्होंने कहा, “आप लिखकर लीजिए, 5-7 साल बाद आप कहीं भी, कराची, लाहौर, रावलपिंडी और सियालकोट में मकान खरीदेंगे और बिज़नस करने का मौक़ा मिलेगा” । इंद्रेश कुमार ने कहा, “47 के पहले पाकिस्तान नहीं था. लोग ये कहते हैं 45 के पहले वो हिंदुस्तान था. 25 के बाद फिर से वो हिंदुस्तान होने वाला है.” उन्होंने उम्मीद जताई कि ‘अखंड भारत’ का सपना जल्दी ही पूरा होगा.
उन्होंने कहा कि जब हम अपने आपको एक मां का पुत्र मानेंगे अनाचार एवं दुराचार लव जिहादतथा धर्म परिवर्तन की समस्याओं से छुटकारा मिल सकेगा उन्होंने सेवा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जब तक यह सुनिश्चित नहीं हो जाता कि कोई भी भूखा नहीं रहेगा कोई भी वस्त्र ही नहीं रहेगा कोई भी सहज इलाज से मैहरूम नहीं रहेगा जब तक शिक्षा से कोई वंचित नहीं रहेगा तब तक सेवा का कार्य अनवरत रूप से चलना चाहिए। संघ के प्रचारक इंद्रेश जी ने यह भी कहा की गुरुग्राम भारत के लिए आदर्श प्रस्तुत करेगा उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि समूचे देश को भाईचारे का तथा सेवा कार्यों के द्वारा समूचे समाज को एक सूत्र में बांधने का काम गुरुग्राम की धरती पर होगा शीतला माता की धरती पर होगा पूरे देश में इसका एक संदेश अवश्य जाएगा।
इन्द्रेश कुमार संघ के सहयोगी मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संस्थापक भी हैं, जिसका उद्देश्य मुसलमानों को हिंदुओं के करीब लाना है। ईसाई समुदाय तक पहुंचने के लिए, उन्होंने कुछ साल पहले आरएसएस के मुस्लिम विंग की तर्ज पर एक और संगठन, ईसाई राष्ट्रीय मंच की स्थापना की। हम सब सनातन का अंग है। मुस्लिम इमाम संगठन तथा मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के पचास से ऊपर प्रतिनिधि भी सभा स्थल पर पहुँचे।
सभा में संरक्षक महावीर भारद्वाज ने विषय प्रस्तावना रखते हुए गत चार सालों में संयुक्त हिन्दू संघर्ष समिति की कार्यशैली , सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढने पर पाबन्दी , अवैध मांस बिक्री पर पाबन्दी और वर्तमान में समग्र हिन्दू सेवा संघ के गठन की आवश्यकता को विस्तार से समझाया। महावीर भारद्वाज ने कहा समग्र हिंदू सेवा संघ वह सब काम करेगा जिसके कारण समाज गर्व के साथ रह सके । सेवा कार्यों के साथ-साथ संगठन यह सुनिश्चित करेगा कि प्रत्येक मंदिर में कोई न कोई सेवा का कार्य प्रारंभ हो सके। हमारी पुरानी परंपरा के अनुसार नर सेवा नारायण सेवा के मंत्र को धारण करते हुए गरीब एवं वंचित समाज के लिए विभिन्न प्रकार की सेवा प्रकल्प शुरू की जा सके। उन्होंने कहा कि मंदिर हिंदू समाज की जागरण का केंद्र बने इसके लिए भरपूर प्रयास किया जाएगा सर्व समाज का साथ लेकर कार्य को अंजाम दिया जाएगा।
सभा का संचालन वरिष्ठ शिक्षाविद डॉ अशोक दिवाकर ने किया। मंचासीन अतिथियों में संरक्षक माननीय महावीर भारद्वाज, कन्हैया लाल आर्य, नत्थू सरपंच, जगदीश ग्रोवर जी, वाल्मीकि समाज के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष महेश सारवान जी, ब्रह्म प्रकाश कौशिक जी उपस्थित रहे। रेलवे सलाहकार बोर्ङ समिति के सदस्य तथा भारत तिब्बत विकास मंच के हरियाणा अध्यक्ष अमित गोयल जी जी भी अपनी टीम के साथ सभा में शामिल रहे। अंतर्राष्ट्रीय चिञकार सुधांशु ञिपुरारी ने स्वरचित इन्द्रेश जी का छाया चिञ भी उनको भेंट किया।
अशोक विहार से अजीत भारद्वाज के नेतृत्व में दो सौ से आधिक महिलाओं और युवाओ का समूह भी ढोल की तेज आवाज पर जय श्री राम के गगनभेदी जयघोष करता हुआ सभा स्थल पर पहुँचा।
संघ के प्रकल्प पुजारियो की संस्था अर्चक पुरोहित सेवा संघ के अध्यक्ष पण्ङित जय भगवान शर्मा जी के साथ ही लगभग सौ मन्दिरो के पुजारी भी आयोजन स्थल पर मौजूद रहे। प्रख्यात महन्त दर्शन गिरी जी महाराज का आयोजन में सानिध्य रहा। अध्यक्षीय भाषण प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य ङा परमेश्वर अरोङा जी ने दिया तथा धन्यवाद ज्ञापन संस्था के अध्यक्ष ब्रहम प्रकाश कौशिक ने दिया। सभा में पूर्व ङिप्टी मेयर परमिन्दर कटारिया, जिला बार संघ के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता कुलभूषण भारद्वाज जी, भाजपा नेता शिवानी शोलापुरी भी अपने साथियो सहित उपस्थित रही।
सभा की सफलता में संस्था के महामंञी राजीव मित्तल, चेतन शर्मा, रीनू गुप्ता, मीनाक्षी सक्सेना, नीलम कटारिया, कृष्ण भारद्वाज, प्रदीप गौतम, किशोर साहू, जितेन्द्र कुमार, प्रमोद गुप्ता, राजू, मनजीत कटारिया, अनुराग कुलश्रेष्ठ, नरेश कौशिक, मनोज गर्ग, महेन्द्र शर्मा, सौरभ अग्रवाल, गिरीश सिंगला,अजय जैन, श्यामसुन्दर, हेमन्त गुप्ता,राम सजन सिंह,दीपक दौलताबाद, ललित क्रान्तिकारी, जसबीर कटारिया, आशुतोष शास्ञी, अक्षय सिंगला,नलिनी अग्रवाल, वन्दना सिंगला, निशान्त अहलावत, राम अवतार, सोनू , जुगल जी का योगदान सराहनीय रहा।