गुरुग्राम में 500 एकड़ में बनेगा जैव विविधता पार्क व झील

Font Size

– सीएम मनोहर लाल तथा केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने की परियोजना की शुरूआत
– त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर किए गए हस्ताक्षर, ई वाई फाउंडेशन, गुरूजल, सीएसआर ट्रस्ट मिलकर करेंगे परियोजना विकसित

गुरुग्राम, 08 दिसंबर। गुरूग्राम जिला के 3 गांवों नामतः दमदमा, खेड़ला और अभयपुर में लगभग 420 ऐकड़ में जैव विविधता पार्क का निर्माण होगा और लगभग 80 ऐकड़ में दमदमा झील का पुनः निर्माण किया जाएगा। लगभग 500 ऐकड़ की इस वृह्द परियोजना की शुरूआत हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने की।

यह परियोजना गुरूजल, हरियाणा सीएसआर ट्रस्ट तथा ई वाई फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की जाएगी। इसके लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की उपस्थिति में उपायुक्त निशांत कुमार यादव, जो गुरूजल के चेयरमैन हैं और हरियाणा राज्य सीएसआर ट्रस्ट के संयुक्त सचिव भी हैं, ने ई वाई फाउंडेशन के साथ एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए। ई वाई फाउंडेशन की तरफ से संस्था के अध्यक्ष बाला चंद्र राजा रमन ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसके बाद उपायुक्त श्री यादव तथा श्री राजा रमन ने दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया।

इस मौके पर गांव दमदमा में आयोजित कार्यक्रम में जैव विविधता पार्क व दमदमा झील के पुर्न निर्माण की परियोजना के अलावा गुरूजल की पानी संरक्षण के लिए चलाई जा रही गतिविधियों पर एक प्रदर्शनी भी लगाई गई थी जिसका मुख्यमंत्री  मनोहर लाल तथा केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने अवलोकन किया। कार्यक्रम में उपस्थित गांव दमदमा, गांव अभयपुर तथा खेड़ला के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को पगड़ी पहनाकर तथा पौधा भेंट कर उनका सम्मान किया।

– गांव दमदमा व आस पास के क्षेत्र को पर्यटकों के लिए बनाया जाएगा आकर्षण का केंद्र

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार इस क्षेत्र को पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाने के लिए पर्यत्नशील है। इस साल में वे दूसरी बार गांव दमदमा आए हैं। पहले दमदमा मेें एडवैन्चर स्पोर्ट्स का उद्घाटन करने आए थे। अब पर्यावरण और जल संरक्षण के अलावा जैव विविधता की परियोजना का शुभारंभ करने आए हैं। उन्होंने कहा कि जैव विविधता के नाते हमारे साथ रहने वाले जीव जंतुओं की चिंता करनी जरूरी है क्योंकि यह पृथ्वी और प्रकृति केवल मनुष्य के लिए ही नहीं अपितु सभी जीव जंतुओं के लिए है। जीव जंतुओं की चिंता नहीं की तो मनुष्य इन्हें खो देगा, जिससे पर्यावरण में असंतुलन आ जाएगा।

– उपलब्ध स्वच्छ पानी का सभी करें सदुपयोग, नहीं तो झेलनी पडे़गी किल्लत

उन्होंने पानी की बचत करने का सभी से आह्वान करते हुए कहा कि हमें उपलब्ध पानी का प्रबंधन करके इसका सदुपयोग करना है, अन्यथा भावी पीढ़ियां हमंे कभी माफ नही करेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमिगत जल स्तर निरंतर नीचे गिरता जा रहा है और इस गति से यदि कम होता रहा तो भविष्य में पानी की किल्लत झेलनी पडे़गी। इसलिए सभी को जागरूक होकर पानी की बचत और संचयन में अपनी भागीदारी करनी है। उन्होंने कहा कि यह कोई राजनीतिक विषय नहीं है, लेकिन जीवन से जुड़ा हुआ विषय है, इसलिए पानी बचाने, ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने के लिए सभी एकजुटता से काम करें। उन्होंने कहा कि हरियाणा में कोई नदी नहीं है इसलिए हमें पानी का पुनः उपयोग करना पडे़गा। शोधित पानी को हम खेती, सिंचाई, बाग-बगीचे में पानी देने, गाड़ी धोने आदि के कार्यों में उपयोग कर सकते हैं। अब नई कॉलोनियों में पानी की डबल लाईन डाली जा रही है जिसमें पीने का स्वच्छ पानी एक लाईन में आएगा और दूसरी मंे शोधित पानी की आपूर्ति होगी। उद्योगों में भी शोधित पानी दिया जाएगा।

– जैव विविधता पार्क व झील के विकास पर ई वाई फाउंडेशन खर्च करेगी 70 करोड़ रूपए

– आने वाले समय में प्रदेश में सीएसआर का कम से कम एक हजार करोड़ रूपए खर्च हों, इस दिशा में होगे प्रयास, पिछले एक साल में 542 करोड़ रूपए लगे

मुख्यमंत्री ने ई वाई फाउंडेशन की सराहना करते हुए कहा कि यह कंपनी इस प्रोजेक्ट पर स्वेच्छा से 70 करोड़ रूपए खर्च कर रही है। उन्होंने बताया कि कंपनियों को अपना सीएसआर फंड सही ढंग से सामाजिक कार्यों मंे खर्च करने को प्रेरित करने के लिए हमने हरियाणा सीएसआर ट्रस्ट बनाया है। पिछले एक वर्ष में कंपनियों ने इस ट्रस्ट के माध्यम से प्रदेश में 542 करोड़ रूपए सीएसआर के खर्च किए हैं। उन्होंने कहा कि अपने वाले समय में कंपनियों का आह्वान करेंगे कि प्रदेश में कम से कम एक हजार करोड़ रूपए सीएसआर का लगे। इस पैसे को पर्यावरण, जल संरक्षण, स्वास्थ्य तथा शिक्षा पर खर्च किया जाएगा। जल संरक्षण के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने के लिए मुख्यमंत्री ने गुरूजल टीम के कार्यों की भी सराहना की।

– गुरूग्राम तथा नूंह जिलों में 10 हजार ऐकड़ में विकसित होगी जंगल सफारी

उन्होंने बताया कि जैव विविधता पार्क और झील के विकास के अलावा, गुरूग्राम तथा नूंह जिलों में अरावली की पहाड़ियों में लगभग 10 हजार ऐकड़ में जंगल सफारी बनाने का कार्य भी प्रस्तावित है। इससे भी पर्यटन को बढावा मिलेगा और लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

– वर्तमान सरकार ने पानी बचाने की मुहिम शुरू की, झीलों व तालाबों को खत्म होने से बचाना जरूरी-राव इंद्रजीत सिंह
इससे पहले विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित कंेद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में पानी बचाने का अभियान शुरू किया जिसे हरियाणा में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आगे बढ़ाया है। उन्होंने स्मरण करवाया कि कभी दमदमा झील तथा बड़खल झील बड़ी हुआ करती थी और बच्चे उसमें नहाया करते थे। उसके बाद शहरीकरण इस प्रकार से बढ़ा कि बड़खल झील तो खत्म हो गई और दमदमा झील खत्म होने को है। उन्होंने कहा कि दमदमा व आसपास के गांवों के लोगों ने अपनी जमीन बेच दी जहां पर बडे़-बड़े फार्म हाउस बन गए। उन्होंने ग्रामीणों से सीधा संवाद करते हुए कहा कि जमीन बेचकर आप लोग मालामाल तो हो गए परंतु उस पैसे का उपयोग बच्चों व परिजनों की पढाई पर करना क्योंकि भविष्य में पढाई के बिना कुछ हासिल नहीं होगा। राव इंद्रजीत सिंह ने भी घटते भूजल स्तर पर चिंता जताते हुए पानी का संरक्षण व संचयन करने पर जोर दिया। उन्होंने भी गुरूजल टीम की सराहना की और गुरूजल की प्रोग्राम डायरेक्टर सुभि के कार्यों की भी भूरि-भूरि प्रशंसा की।

इस मौके पर ई वाई फाउंडेशन के अध्यक्ष बालाचंद्र राजमोहन ने अपने संबोधन में कहा कि उन्हें इस क्षेत्र को देखकर मन में खुशी हुई। उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी सीएसआर के दायरें में नहीं आती बल्कि स्वेच्छा से इस प्रोजेक्ट पर खर्च कर रही है। उन्हांेने बताया कि प्रोजेक्ट को विकसित करने में टैरी, सिडार, आईआईटी, कोलंबिया युनिवर्सिटी आदि संस्थाओं का सहयोग लिया जाएगा।

– 4 चरणों में विकसित होगा जैव विविधिता पार्क, डीसी ने परियोजना के स्वरूप का किया वर्णन

गुरूग्राम के उपायुक्त एवं गुरूजल के चेयरमैन श्री निशंात कुमार यादव ने परियोजना की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि यह परियोजना चार चरणों में विकसित होगी। पहले चरण में क्षेत्र के पेड़-पौधों व मिट्टी आदि का अध्ययन करने के साथ नर्सरी का निर्माण व झील की सफाई की जाएगी। दूसरे चरण में वॉटर शैड मैनेजमेंट व पौधारोपण की शुरूआत होगी, तीसरे चरण में झील का विकास और चौथे चरण में पौधारोपण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दमदमा झील का जीर्णोद्धार चार साल में और जैव विविधिता पार्क विकसित करने का कार्य 10 साल में पूरा होगा।

इस अवसर पर सोहना के विधायक संजय सिंह ने पूरे क्षेत्र की ओर से आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के पब्लिक सेफटी एडवाइजर अनिल राव, गुरूग्राम की निवर्तमान मेयर मधु आजाद, ई वाई फाउंडेशन के अध्यक्ष बालाचंद्र राजा रमन, मण्डल वन अधिकारी राजीव तेजयान, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी नरेंद्र सारवान, गुरूजल की प्रोग्राम डायरेक्टर सुभि केसरवानी, हरियाणा सीएसआर ट्रस्ट के एडीशनल सीईओ गौरव सिंह, गांव दमदमा की सरपंच रजनी, गांव अभयपुर के सरपंच स्वामी राम सहित गांव दमदमा व आसपास के गांवों से काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

You cannot copy content of this page