दिल्ली नगर निगम चुनाव में आप ने भाजपा से किस क्षेत्र में इतनी सीटें छीनीं ?

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नई दिल्ली : दिल्ली नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी के 15 साल के किले को ढहा दिया. आम आदमी पार्टी ने कुल 134 सीटें जीत कर भाजपा को नगर निगम की सत्ता से बाहर का दरवाजा दिखा दिया. एक तरफ आम आदमी पार्टी अब सत्ता में काबिज हो रही है तो दूसरी तरफ चर्चा इस बात की जोरों पर है कि दिल्ली के किस क्षेत्र में आप ने सबसे अधिक बढ़त हासिल की और भाजपा को कितना नुकसान पहुंचाया ?

दिल्ली नगर निगम चुनाव परिणाम का आकलन बताता है कि कुल 250 सीटों में से आम आदमी पार्टी को 134, भारतीय जनता पार्टी को 104 , कांग्रेस पार्टी को 9 जबकि अन्य को 3 सीटों पर विजय हासिल हुई है।

अगर बात करें वेस्ट दिल्ली की तो यहां कुल 38 सीटों में से आम आदमी पार्टी ने 24 सीटों पर कब्जा जमा लिया जबकि भाजपा को 13 सीटें मिली और कांग्रेस पार्टी को केवल 1 सीटों पर संतोष करना पड़ा।

अगर बात की जाए साउथ दिल्ली की तो यहां कुल 37 सीटों में से आम आदमी पार्टी ने 23 नगर निगम वार्डों पर झाड़ू चला दिया जबकि भारतीय जनता पार्टी का कमल केवल 13 सीटों पर ही चमक बरकरार रख सका और कांग्रेस पार्टी को यहां भी केवल 1 सीटें मिली।

ईस्ट दिल्ली में कुल 36 सीटों में से भाजपा ने यहां सबसे अधिक 22 सीटें हासिल की जबकि आम आदमी पार्टी को 11 सीटें मिली और कांग्रेस पार्टी ने यहां 3 सीटों पर कामयाबी हासिल की है।

नॉर्थ वेस्ट दिल्ली में कुल 45 सीटों में से आम आदमी पार्टी ने सबसे अधिक 27 सीटें हासिल की जबकि भाजपा के खाते में 14 सीटें गई यहां कांग्रेस पार्टी को एक जबकि अन्य के खाते में भी एक सीट गई है।

नई दिल्ली क्षेत्र में आम आदमी पार्टी ने 20 सीटों पर कब्जा जमा कर भारतीय जनता पार्टी की नींद उड़ा दी है . यहां भाजपा को केवल 5 सीटें मिली जबकि कांग्रेस पार्टी और अन्य के खाते में एक भी सीट नहीं गई।

नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में कुल 41 सीटों में से बीजेपी के खाते में 20 सीटें गई जबकि आम आदमी पार्टी ने भी यहां 15 सीटें हासिल की है. इस क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी को 5 सीटें मिली जबकि अन्य के खाते में भी एक सीट गई।

चांदनी चौक क्षेत्र में कुल 30 सीटों में से भाजपा और आम आदमी पार्टी लगभग बराबर की स्थिति में रही है. यहां भाजपा में 16 सीटें हासिल की जबकि आम आदमी पार्टी के खाते में 14 सीटें गई. इस क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी को किसी भी वार्ड में कामयाबी नहीं मिली जबकि कोई निर्दलीय भी यहां जीत हासिल नहीं कर सका.

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