गुरूग्राम, 1 दिसंबर। भूमिगत जल संरक्षण संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देने को लेकर अटल भूजल योजना के तहत एक दिवसीय नीड असेसमेंट वर्कशॉप (आवश्यकता आंकलन कार्यशाला) आयोजित की गई। यह कार्यशाला अटल भूजल योजना के तहत सिंचाई विभाग तथा अटल भूजल योजना की डीपीएमयू इकाई के सहयोग से कैपेसटी बिल्डिंग एजेंसी इंटेको टेक्नीकल सर्विसेज पीवीटी, एलटीडी लखनउ द्वारा आयोजित की गई थी।
अटल भूजल योजना गुरुग्राम के नोडल अधिकारी एवं सिंचाई विभाग के सुप्रेटेंडिंग इंजीनियर डा शिव सिंह रावत गुरुग्राम की अध्यक्षता में यह कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में संबंधित विभागों के साथ अटल भूजल योजना के डीपीएमयू और डीआईपी की टीम के सदस्य शामिल थे।
अटल भूजल योजना के आईईसी एक्सपर्ट ने कार्यशाला में उपस्थित विभागों के अधिकारियों को अटल भूजल योजना के उद्देश्य व योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान ड्राई जोन में आ चुकी ग्राम पंचायतों में भूमिगत जल स्तर पर सुधार लाने को लेकर चलाई जा रही गतिविधियों के बारे में अवगत करवाया गया।
कैपेसिटी बिल्डिंग संस्था के टीम लीडर द्वारा कार्यशाला सत्र की जानकारी देते हुए भविष्य में योजनागत कार्यक्रम रूपरेखा बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। उनके द्वारा जल सुरक्षा योजना में जैविक खेती, ड्रिप, स्प्रिंकलर, फसल विविधिकरण के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यशाला में अटल भूजल योजना गुरुग्राम के नोडल अधिकारी डॉ. शिव सिंह रावत ने ग्राम पंचायतों में दिए जाने वाले प्रशिक्षण के अंतर्गत भूमिगत जल संरक्षण की इस मुहिम में युवाओं एवं महिलाओं को विशेष रूप से आगे लाने पर जोर देने की सलाह दी गई। नोडल अधिकारी ने कहा कि इस योजना को सफल बनाने में युवा अगर आगे आते हैं तो भूमिगत जल संकट पर जल्द ही काबू पाया जा सकता है ।