अब एंबरियर घोटाला ?  रक्षा मंत्रालय सक्रिय 

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नई दिल्ली : यूपीए शासन कल में ब्राजील के विमान निर्माता एंबरियर के साथ हुए 20.8 अरब डॉलर के जेट सौदे में कथित रिश्वत देने को लेकर एक नया विवाद उत्पन्न हो गया है.  खबर है कि अमेरिकी अधिकारियों ने कथित रिश्वत भुगतान की जांच शुरू भी कर दी है।  इधर भारत ने कंपनी से 15 दिन के भीतर इस संबंध में सूचना मांगी है.

इस खबर का खुलासा होने के बाद 2008 का सौदा अमेरिकी न्याय विभाग की जांच के घेरे में आ गया है केंद्रीय रक्षा मंत्रालय भ सक्रिय हो गया है।  मंत्रालय के सूत्रों ने  शनिवार को कहा कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा सूचना हासिल करने के बाद आगे के कदम उठाये जा सकते हैं।

संकेत है कि ‘डीआरडीओ ने एंबरियर विमान निर्माता से 2008 में हस्ताक्षर हुए विमान सौदे पर आयी मीडिया की खबरों पर 15 दिन के भीतर सूचना मांगी है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2008 में एईडब्ल्यू ऐंड सी (एयरबॉर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम्स) के लिए स्वदेशी राडार से लैस तीन विमानों के लिए एंबरियर और डीआरडीओ के बीच सौदे पर हस्ताक्षर हुए थे।

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