-हरियाणा में बिजली के बिलों में नॉन एनर्जी चार्ज की राशि जोड़ी गई
-सरकार के इस फैसले से बिजली उपभोक्ता हैरत में , जता रहे हैं आपत्ति
चंडीगढ़ : हरियाणा कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता अशोक बुवानीवाला ने बिजली विभाग द्वारा नॉन एनर्जी चार्ज के नाम पर उपभोक्ताओं से वसूली को नाजायज करार दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसा करके सरकार बिजली उपभोक्ताओं को आर्थिक मार दे रही है। इसे तुरंत बंद किया जाना चाहिए। सरकार ने चुपके से बिजली के बिलों में इस चार्ज को शामिल कर दिया है। इसके लिए कोई भी नोटिफिकेशन आदि जारी नहीं किया गया।
काग्रेस नेता अशोक बुवानीवाला ने कुछ बिजली बिलों का हवाला देते हुए कहा कि उपभोक्ताओं के बिजली बिलों में अन्य चार्ज के अलावा अब नॉन एनर्जी चार्ज भी जोड़कर भेजा जा रहा है। सरकार इस पर स्थिति स्पष्ट करे कि यह नॉन एनर्जी चार्ज किस ऐवज में लिए जा रहे हैं। उपभोक्ताओं की ओर से अपनी सिक्योरिटी राशि तो पहले ही जमा करवाई जाती है।
अशोक बुवानीवाला ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण लोगों का जीवन अभी तक पटरी पर नहीं आया है। लोग अपने परिवार का गुजारा मुश्किल से कर पा रहे हैं। ऊपर से सरकार समय-समय पर महंगाई का बोझ लादती जा रही है। महंगाई के साथ अब बिजली के बिलों पर नॉन एनर्जी चार्ज लगाए गए हैं। इन चार्ज को लेकर सरकार ने कुछ भी ऐसा सार्वजनिक नहीं किया, जिससे लोग यह समझ सकें कि उनसे यह वसूली क्यों की जा रही है।
श्री बुवानीवाला ने यह भी कहा कि उपभोक्ता का बिना बिजली रिकॉर्ड जांच किए ही यह नॉन एनर्जी चार्ज लगाकर भेजा जा रहा है। उपभोक्ता कनेक्शन लेने पर भी अपनी सिक्योरिटी जमा करवा चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा में बिजली मंहगी हो गई है। अब अगर 100 यूनिट से ज्यादा की बिजली खपत होगी तो बिजली का बिल ज्यादा होगा। हरियाणा में बिजली निगम के 72.73 लाख उपभोक्ता हैं। आधे घरेलू उपभोक्ता हैं। 150 यूनिट तक बिजली की खपत करते हैं तो अब बिल में 37.50 रुपये अतिरिक्त जुड़कर आएंगे। घरेलू उपभोक्ताओं पर यह दोहरी मार है। सरकार इस वसूली को बिना देरी किए बंद करके उपभोक्ताओं को महंगाई के दौरान में राहत दे।
बिजली विभाग के अधिकारियों ने भी इस बात को स्वीकारा है कि दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा हरियाणा में नए बिजली बिलों के साथ एडवांस कंजप्शन डिपॉजिट (एसीडी, अग्रिम सुरक्षा राशि) जोड़कर भेजी जा रही है। बिजली बिलों में नॉन एनर्जी चार्ज का कालम भी जोड़ा गया है। इसके तहत उपभोक्ताओं को एक तरह से सिक्योरिटी राशि जमा करवानी होगी। यह सिक्योरिटी राशि पूरे साल के बिलों का औसतन निकालकर तय की जा रही है। बिल के साथ-साथ नॉन एनर्जी चार्ज भी बिल की अंतिम तारीख तक भरना जरूरी है।