नई दिल्ली : नरेन्द्र मोदी सरकार की ओर से कांग्रेस पार्टी को एक और तगड़ा झटका देने की खबर है. गांधी परिवार से सम्बंधित दो संस्थाओं पर वित्तीय लेनदेन को लेकर बड़ा सवाल खड़ा करते हुए कानूनी कार्रवाई की गई है. विदेशी डोनेशन लेने के मामले में कथित गड़बड़ियों को आधार बनाते हुए केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट का एफसीआरए (FCRA) लाइसेंस रद्द कर दिया है. आरोप है कि राजीव गांधी फाउंडेशन ने फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट का उलंघन किया है. इस कारवाई से एक बार फिर मोदी सरकार और गांधी परिवार या कांग्रेस के बीच चल रहा राजनीतिक युद्ध तेज होने के आसार हैं.
सरकार के सूत्रों का कहना है कि जांच में संकेत मिला है कि नियमों को ताक पर रखकर फाउंडेशन ने पड़ोसी देश चीन से डोनेशन लिया . खबर है कि गृह मंत्रालय इस मामले की जांच लंबे समय से कर रहा था. जांच में राजीव गांधी फाउंडेशन द्वारा बरती गई खामियों के कारण गृह मंत्रालय के विदेश विभाग ने संस्था का एफसीआरए (FCRA) लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की है.
उल्लेखनीय है कि एफसीआरए (FCRA) लाइसेंस के तहत सामाजिक व अन्य संस्थाएं और एनजीओ विदेशी संस्थाओं या विदेशी व्यक्तियों से आर्थिक अनुदान ले सकती हैं. नियमतः इसकी पूरी जानकारी केंद्र सरकार को दी जाती है. इससे यह पता लगाया जाता है कि जो अनुदान लिया गया है वह किस संस्था से किस कार्य के लिए लिया गया है. इसका इस्तेमाल देश हित में या देश विरोधी गतिविधि में किया गया . इस मामले में संस्था द्वारा नियमों का कथित तौर पर [पालन नहीं किया गया.
गौरतलब है कि इस फाउंडेशन में सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पी चितंबरम भी सदस्य हैं. 1991 में इस संस्था का गठन किया गया था. राजीव गांधी फाउंडेशन में वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए 2020 से इंटर मिनिस्ट्रियल कमेटी गठित की गई थी. इसमें ईडी के सीनियर अधिकारी भी थे. दो दिन पहले ही कमेटी ने गृह मंत्रालय को जांच रिपोर्ट सौंपी है .