22 अक्टूबर से गुरुग्राम जिला में लागू हो जाएगा ग्रेप का दूसरा चरण : वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई तरह की पाबंदियां लगाईं गई

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गुरुग्राम। दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में 22 अक्टूबर को वायु प्रदूषण का स्तर 300 पार कर जाने की आशंका के चलते दिल्ली एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) का दूसरा चरण लागू कर दिया गया है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की उप समिति ने आपात बैठक कर तत्काल प्रभाव से ग्रेप को लागू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत पहले चरण में लागू प्रतिबंधों के साथ ही दूसरे चरण के प्रतिबंध भी प्रभावी कर दिए गए हैं। उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने कहा कि गुरुग्राम में नियुक्त प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को इन आदेशों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।

दीपावली से पहले ही ऐसी आशंका जताई जा रही है कि दिल्ली एनसीआर क्षेत्र की सीएक्यूआई 301 से 400 के बीच रहने वाली है, जिसके बाद दिल्ली एनसीआर क्षेत्र ग्रेप के स्टेज -2 में प्रवेश कर जाएगा। ग्रेप के दूसरे चरण के तहत कई तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं। साथ ही लोगों से इन पाबंदियों का पालन करने के लिए अपील की गई है। उपायुक्त श्री यादव ने कहा कि जैसे-जैसे वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता जाएगा उसी प्रकार ग्रेप की स्टेज लागू होती रहेंगी हर स्टेज के साथ हिदायतें और सख्त होती जाएंगी तथा पाबंदियां बढ़ती जाएंगी।

उन्होंने बताया कि ग्रेप की स्टेज -2 लागू होने से स्टेज -1 के साथ स्टेज -2 की पाबंदियां भी प्रभावी होंगी। दूसरे चरण की पाबंदियों में कई तरह की रोक रहेंगी । उदाहरण के तौर पर सड़कों पर मशीनों से रोज सफाई करवाई जाए। इसके साथ ही हॉटस्पॉट या ज्यादा भीड़भाड़ वाली सड़कों पर पानी का छिड़काव हर दूसरे दिन किया जाए। निर्माण कार्य वाले स्थानों पर निगरानी कर उन पर कार्यवाही की जाए।

जनरेटर के इस्तेमाल को रोकने के लिए बिजली उपलब्ध करवाई जाए। होटल ,रेस्त्रां ,ढाबों पर तंदूर में कोयला, लकड़ी का इस्तेमाल ना होने दिया जाए और इन में बिजली चालित तंदूर का उपयोग हो। ट्रैफिक जाम वाली जगहों पर पुलिसकर्मियों की तैनाती कर जाम खुलवाया जाए। पार्किंग फीस बढ़ाई जाए ताकि लोग निजी गाड़ियों को लेकर ना निकले। लोगों को विभिन्न माध्यमों से प्रदूषण रोकने से संबंधित जानकारी दी जाए।

अलग-अलग जगहों पर लगे एस्केलेटर, एलीवेटर्स, ट्रैवलेटर आदि में डीजल जनरेटर इस्तेमाल किए जा सकेंगे ,लेकिन व्यवसायिक व आवासीय सोसाइटी को यह सुनिश्चित करना होगा कि डीजल जनरेटर का इस्तेमाल सिर्फ इसी काम के लिए किया जा सके ।अस्पताल , नर्सिंग, हेल्थ केयर सेंटर, स्वास्थ्य संबंधी उपकरणों का निर्माण करने वालों को इस प्रतिबंध में छूट रहेगी।

रेलवे सर्विसेज और रेलवे स्टेशन द्वारा भी इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा। मेट्रो रेल कॉरपोरेशन और एमआरटीएस सेवाओं की ट्रेन और स्टेशन पर भी इसका इस्तेमाल हो सकेगा, हवाई अड्डे और अंतरराज्यीय बस अड्डे पर , सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट वाटर पम्पिंग हाउस , रक्षा और राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं पर तथा टेलीकम्युनिकेशन और आईटी डाटा सेवाओं से जुड़े हुए संस्थानों द्वारा भी डीजल जनरेटर इस्तेमाल की छूट रहेगी। आरडब्लूए सर्दी में गार्ड को हीटर उपलब्ध करवाएं ताकि वे अलाव ना जलाएं।

उपायुक्त ने कहा कि इसके साथ ही आमजन से अपील की गई है कि निजी गाड़ियों की जगह सार्वजनिक परिवहन का ज्यादा इस्तेमाल करें। गाड़ियों के एयर फ़िल्टर को समय पर बदलें।

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