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हरियाणा रोडवेज नूंह ने आरटीआई के जवाब में माना दो ड्राईवरों के लाईसैंस फर्जी है
दोनो ड्राईवरों के खिलाफ होगी कार्रवाई : जीएम
यूनुस अलवी (व्यूरो प्रभारी, मेवात )


गांव टाईं निवासी सलाउद्दीन पुत्र अबदुल्लाह द्वारा गत 30 नवंबर 2016 को जनसूचना अधिनियम के तहत फजरुद्दीन पुत्र अय्यूब निवासी रंयालाखुर्द (झांडा) व जमशेद पुत्र फजरुद्दीन निवासी शाहपुर-घागस जो रोडवेज विभाग नूंह में बतौर ड्राईवर कार्यत हैं। उनके ड्राईविंग लाईसैंसों के बारे में जानकारी मांगी थी। आरटीआई के बाद नूंह रोडवेज विभाग नूंह के प्रबंधक ने जूनियर ऑडिटर गिर्राज सिंह, फोरमैन नरेंद्र कुमार, टीवीएफ हरीश कुमार, कर्लक रविंद्र कुमार और कनिष्ठ सहायक राजकुमार कि अगुवाई में एक कमेटी का गठन किया गया। जांच कमेटी लाइसेंस विभाग आगरा व मुथरा गई, जिसने पूरे रिकॉर्ड की जांच की जिसमे पाया कि दोनों चालको के ड्राइविंग लाइसेंस फर्जी है।

आटीआई कार्यकर्ता सलाउद्दीन और समाजसेवी मोहम्मद आरिफ
टांई का कहना है कि जब विभाग द्वारा दोनों ड्राईवरों के लाईसैंसों कि जांच हो चुकी है और वे फर्जी पाये गये हैं आखिर क्या कारण है जो अभी तक दोनो ड्राईवरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कि जा रही है। उन्होने कहा अगर इस दौरान कोई हादसा इन ड्राईवरो से हो जाता है तो उसका जिम्मेदार कोन होगा। उन्होने मांग करते हुऐ कहा कि दोनो ड्राईवरों के खिलाफ तुरंत मुकदमा दर्ज कर बरखास्त किया जाये और अब तक जो फर्जी तरीके से वेतन लिया है उनको रिकर्व किया जाये। उनका कहना है कि आर.टी.आई. पत्र क्रमांक 4985/11-01-2017 से खुलासा होने के बाद, विभाग में तो हडकंप मच गया लेकिन मेवात में बेठे रोडवेज विभाग के अधिकारी इस फाइल को खुदबुर्द करने पर तुले है यानि उन ड्राईवरो को जो लम्बे समय से लगातार ड्यूटी दे रहा है। जबकि नियम के अनुसार ऐसे स्टाफ मेम्बरो के खिलाफ तुरंत एफ.आई.आर. करवा के बर्खास्त किया जाना था।

क्या कहते हैं रोडवेज विभाग के जीएम ?
