दिल्‍ली में आरटीआई कानून लागू करने पर विवाद गरमाया

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नई दिल्ली :  दिल्‍ली सरकार की आरटीआई कानून लागू करने में कथित नाकामी को लेकर केंद्रीय सूचना आयुक्त की ओर से उप राज्‍यपाल को लिखी चिट्ठी के मामले पर सियासत तेज हो गई है. बीजेपी ने इस मामले में आम आदमी पार्टी ‍पर निशाना साधा जिसका अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने जवाब दिया है. इस मामले में  AAP की  ओर से कहा गया कि  “‘केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) ने यह चिट्ठी BJP के इशारे पर लिखी है. यह बहुत दुखद है कि केंद्रीय सूचना आयोग जैसी संस्था भी गंदी राजनीति में शामिल हो रही है. दिल्ली सरकार को इस बात पर गर्व है कि हम RTI एक्ट को बहुत अच्छे से लागू कर रहे हैं.”

आपको बता दें कि केंद्रीय सूचना आयोग ने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना को चिट्ठी लिख कर आरोप लगाया था कि अरविंद केजरीवाल सरकार दिल्ली में RTI कानून को ठीक से लागू नहीं कर रही. सूचना आयोग ने शिकायत की थी कि दिल्ली सरकार सटीक जानकारी रोक रही है और भ्रामक जानकारी साझा कर रही है. इस पर उप राज्यपाल ने दिल्ली के मुख्य सचिव को जल्द उचित कदम उठाने के निर्देश दिए थे. उप राज्यपाल के मुताबिक केंद्रीय सूचना आयोग ने कहा है कि दिल्ली सरकार राजस्व, स्वास्थ्य, ऊर्जा ,DSSSB और DSIIDC जैसे विभागों में भ्रष्टाचार भाई भतीजावाद और अकर्मण्यता को छुपा रही है. मिडिया में लीक हुई जानकारी के अनुसार केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहुरकर ने उप राज्यपाल को 22 सितंबर को चिट्ठी लिखी थी. केंद्रीय सूचना आयुक्त ने इस चिट्ठी में अलग-अलग मामलों का ज़िक्र करके आरोप लगाया था.

सीआईसी से जुड़े लेटर के मसले पर बीजेपी प्रवक्‍ता गौरव भाटिया ने एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा था कि बीजेपी लगातार अरविंद केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार का लगातार उजागर कर रही है. जब कोई संवैधानिक पद पर हो अगर कोई उसे आईना दिखाए तो उसे वह ‘लव लेटर’ बता देते है. भाटिया ने कहा था कि CIC उदय महूरकर की चिठ्ठी अरविंद केजरीवाल के भ्रष्टाचार का कच्चा चिट्ठा खोलती है. CIC के पत्र में सभी विभागों के बारे में बताया गया है.

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