भारत का अगले 25 वर्षों में वाहन निर्माण में विश्व के शीर्ष दो उत्पादकों में शामिल होने का लक्ष्य : केनिची आयुकावा

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सुभाष चौधरी /The Public World 


– नई दिल्ली स्थित ताज पैलेस में आयोजित 62 वें वार्षिक अधिवेशन में  बोले सियाम के अध्यक्ष व मारुति सुजुकी इंडिया के एग्जीक्यूटिव वाइस चेयरमैन

– स्वच्छ ऊर्जा वाहनों के क्षेत्र में भी दबदबा कायम करने की तैयारी पर दिया बल 

नई दिल्ली : सोसाइटी ऑफ़ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चररस  (SIAM) के अध्यक्ष  व मारुति सुजुकी इंडिया के एग्जीक्यूटिव वाइस चेयरमैन केनिची आयुकावा ने गुरुवार को कहा कि भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग का लक्ष्य अगले 25 वर्षों में वाहनों के हर क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर शीर्ष दो उत्पादकों में शामिल होना है। सियाम के 62 वें वार्षिक अधिवेशन को संबोधित करते हुए आयुकावा ने कहा कि भारत की योजना विजन 2047 के अनुसार इस 25 वर्ष की अवधि के दौरान ऑटोमोबाइल निर्माण श्रृंखला में शत प्रतिशत आत्मनिर्भर होने की भी है। नई दिल्ली स्थित ताज पैलेस (TaJ PaLace) में आयोजित समारोह में उन्होंने कहा कि “उद्योग ने 100 साल पूरे होने पर भारत के लिए एक विजन स्टेटमेंट तैयार किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग दुनिया में ऑटोमोबाइल के हर सेगमेंट में दो सबसे बड़े उत्पादकों में से एक होगा।

मारुति सुजुकी इंडिया के एग्जीक्यूटिव वाइस चेयरमैन ने अधिवेशन के लिए अपना सन्देश प्रेषित करने के लिए प्रधान मन्त्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया. इस अवसर पर उन्होंने बल देते हुए कहा कि भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग के लक्ष्य में अगले 25 वर्षों में लाइफ साइकिल के आधार पर स्वच्छ ऊर्जा वाहनों के क्षेत्र में भी दबदबा कायम करना है। उन्होंने यह कहते हुए स्पष्ट किया कि इसमें  बैटरी, इलेक्ट्रिक, इथेनॉल, फ्लेक्स ईंधन, सीएनजी, बायो-सीएनजी, हाइब्रिड इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन सहित सभी उपयोगी टेक्नोलॉजी शामिल है।

अधिवेशन के उदघाटन सत्र में वाहन निर्माताओं को संबोधित करते हुए आयुकावा ने कहा कि इस तरह के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उद्योग को सक्षम बनने के लिए कुछ ख़ास पहलुओं की आवश्यकता होगी जिनमें पहला प्रतिस्पर्धात्मकता सोच जबकि दूसरा ईज ऑफ़ डूइंग बिजनेस है। उन्होंने कहा कि एक दीर्घकालिक रेगुलेटरी रोडमैप, निवेश, प्रौद्योगिकियों और उत्पाद विकास की बेहतर योजना बनाने में मददगार हो सकता है।

भारत का अगले 25 वर्षों में वाहन निर्माण में विश्व के शीर्ष दो उत्पादकों में शामिल होने का लक्ष्य : केनिची आयुकावा 2आयुकावा का कहना था कि उद्योग को सक्षम प्रौद्योगिकियों  (Enabling Technologies) और नई ऊर्जा के लिए बुनियादी ढांचे के विकास पर भी ध्यान केंद्रित करना होगा। उन्होंने यह कहते हुए ध्यान दिलाया कि हमें सुरक्षा, टेलीमैटिक्स, इंफोटेनमेंट, ग्राहक के लिए सुविधाजनक सुविधाओं आदि अन्य पहलुओं पर फोकस बढ़ाना होगा. उद्योग को भी हमारे मानव संसाधन को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए स्किल्ड बनाने की व्यवस्था करनी होगी । उन्होंने वर्तमान बाजार परिदृश्य की चर्चा करते हुए कहा कि घरेलू ऑटोमोबाइल उद्योग कोविड महामारी शुरू होने से पहले से ही लम्बे समय से गहरी संरचनात्मक मंदी (Structural Slowdown) से गुजर रहा है।

ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की हालत का खुलासा करते हुए कहा कि 1990 से 2000 के दशक में यात्री वाहन क्षेत्र में 12.6 प्रतिशत की सीएजीआर (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर) से वृद्धि हुई। यह 2000 से 2010 तक के दशक में गिर कर 10.3 प्रतिशत और 2010 से 2020 तक के दशक में कम होकर केवल 3.6 प्रतिशत हो गया। अगर हम पांच साल की अवधि को देखें, तो गिरावट बहुत तेज है। आयुकावा ने कहा कि इसी तरह की तेज गिरावट अन्य क्षेत्रों में भी देखी जा रही है। उनका मानना है कि महामारी के साथ-साथ मांग और आपूर्ति दोनों पक्षों पर कई अन्य चुनौतियों ने उद्योग के विकास को और प्रभावित किया है ।

सोसाइटी ऑफ़ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चररस  (SIAM) के  अध्यक्ष  आयुकावा ने कहा कि वर्तमान में उद्योग एक अनोखे दौर से गुजर रहा है क्योंकि कुछ क्षेत्र महामारी के बाद ठीक हो रहे हैं, जबकि अन्य अभी भी आगे बढ़ने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। चाहे वह यात्री वाहन हों, दोपहिया, तिपहिया या वाणिज्यिक वाहन हों, अभी भी 2018-19 की औद्योगिक स्थिति के शिखर से नीचे हैं।

आयुकावा ने जोर देते हुए कहा कि भारतीय ऑटो उद्योग देश में आर्थिक विकास का एक प्रमुख कारक है. इसका कारोबार लगभग 120 बिलियन अमरीकी डालर का है और देश के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 6 प्रतिशत और भारत के विनिर्माण उत्पादन में 35 प्रतिशत का योगदान देता है। उन्होंने दावा किया कि घरेलू ऑटोमोबाइल उद्योग 3 करोड़ से अधिक लोगों के लिए रोजगार पैदा करता है और जीएसटी में लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये का योगदान देता है।

आयुकावा के अनुसार इस क्षेत्र ने घरेलू बाजार और निर्यात दोनों में भी बड़े पैमाने पर उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने कहा कि हम दोपहिया वाहनों की श्रेणी में दुनिया में दूसरे सबसे बड़े और वाणिज्यिक वाहनों में सातवें सबसे बड़े निर्माता हैं । उन्होंने खुलासा किया कि 2021 में भारत का यात्री वाहन क्षेत्र जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए विश्व स्तर पर चौथा सबसे बड़ा वाहन उत्पादक बन गया है।

इस अवसर पर डिपार्टमेंट ऑफ प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड, केंद्रीय कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्ट्री के सचिव अनुराग जैन, आई सी ए टी (ICAT) मानेसर की कार्यकारी निदेशक पामेला टिक्कू, सीआईआई के प्रेसिडेंट व बजाज फिनसर्व के चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर संजीव बजाज, सियाम के उपाध्यक्ष व वी ई कमर्शियल व्हेकिल के मैनेजिंग डायरेक्टर एंड सीईओ विनोद अग्रवाल, अशोक लेलैंड के सीनियर वाईस प्रेसिडेंट (इंजन डेवलपमेंट ) एस कृष्णन,  सहित सैकड़ों की संख्या में प्रमुख वाहन निर्माता उद्यमी एवं औद्योगिक मैनेजमेंट प्रतिनिधि व विशेषज्ञ भी मौजूद थे.

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