श्री तनोट मंदिर कॉम्प्लेक्स परियोजना का शिलान्यास : गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की राजस्थान यात्रा

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नई दिल्ली :  केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अपनी राजस्थान यात्रा के दूसरे दिन आज जैसलमेर में सीमा पर्यटन विकास कार्यक्रम के अंतर्गत श्री तनोट मंदिर कॉम्प्लेक्स परियोजना का शिलान्यास और भूमिपूजन किया। श्री शाह ने जैसलमेर में ‘तनोट विजय स्तंभ’ पर सीमाओं की सुरक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले वीर बलिदानियों को नमन कर कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से श्रद्धांजलि दी।

इस अवसर पर महानिदेशक, सीमा सुरक्षा बल, सचिव, पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार, अपर महानिदेशक, पश्चिमी कमांड, महानिरीक्षक, राज्यस्थान फ़्रंटियर, पर्यटन मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। श्री तनोट मन्दिर कॉम्प्लेक्स परियोजना, सीमा पर्यटन विकास कार्यक्रम के अंतर्गत केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा शुरू की जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश में पहली बार सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास पहुँच रहा है और बॉर्डर टूरिज्म की दूरदर्शी पहल के फलस्वरूप न सिर्फ सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों का जीवनस्तर ऊपर उठ रहा है बल्कि यहाँ से पलायन भी रुक रहा है, जिससे क्षेत्र की सुरक्षा को भी बल मिल रहा है। इसी कड़ी में केन्द्रीय गृह मंत्री ने जैसलमेर में सीमा पर्यटन विकास कार्यक्रम के अंतर्गत 17.67 करोड़ रूपए की श्री तनोट मंदिर कॉम्प्लेक्स परियोजना का शिलान्यास किया, जिससे यहाँ आने वाले युवा श्री तनोट माता मंदिर के दर्शन करने के साथ ही देश के बहादुर सैनिकों के शौर्य व बलिदान के इतिहास को भी करीब से जान पाएंगे।

इस परियोजना के तहत प्रतीक्षालय, रंगभूमि, इंटप्रेटेशन केंद्र, बच्चों के लिए कक्ष एवं पर्यटन को बढ़ावा देने के लिय अन्य ज़रूरी सुविधाओं को विकसित किया जाएगा। गृह मंत्री अमित शाह ने तनोट माता के दर्शन कर देश व देशवासियों की सुख-शांति व समृद्धि की प्रार्थना की।

जैसलमेर के ऐतिहासिक श्री मातेश्वरी तनोट राय मंदिर का अद्भुत इतिहास है और ऐसी मान्यता है कि तनोट माँ जवानों को दुश्मनों से लड़ने की शक्ति देती हैं और युद्ध में देश की रक्षा करती हैं।

1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में श्री तनोट राय माता मंदिर परिसर में पकिस्तान द्वारा कई बम के गोले गिराए गये थे लेकिन तनोट माता के चमत्कार से कोई भी गोला नहीं फटा था। वर्ष 1965 से सीमा सुरक्षा बल इस मन्दिर की पूजा अर्चना एवं व्यवस्था का कार्यभार संभाल रहा है। सीमा सुरक्षा बल इस मन्दिर को एक ट्रस्ट के माध्यम से संचालित करता है एवं प्रतिदिन सुबह-शाम माता की आरती एवं भजन संध्या का आयोजन किया जाता है जिसमें हज़ारों की तादाद में देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालुगण आते हैं। इतिहास गवाह है कि 1971 के भारत- पाकिस्तान लोंगेवाला युद्ध के दौरान सीमा सुरक्षा बल के बहादुर जवानों ने लोंगेवाला पोस्ट पर‌ अहम एवं निर्णायक भूमिका अदा की थी।

विदित हो कि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 04 दिसंबर, 2021 को भी जैसलमेर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर फ़ॉरवर्ड पोस्ट का दौरा कर वहां गतिविधियों की जानकारी ली थी और बीएसएफ़ जवानों के साथ संवाद भी किया था।

 

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