नई दिल्ली : भारत बायोटेक कंपनी को कोरोना के खिलाफ एक और बड़ी कामयाबी मिली है. भारत बायोटेक को इंट्रानैजल कोविड-19 वैक्सीन के लिए डीसीजीआई से इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मिल गई है. यह जानकारी आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने दी. उन्होंने बताया कि ये कोरोना के लिए भारत का पहला नाक का टीका होगा. मनसुख मंडाविया ने कहा कि नियामक ने 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों के प्राथमिक टीकाकरण के लिए आपातकालीन स्थितियों में प्रतिबंधित उपयोग के लिए इस टीके को मंजूरी दी है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर लिखा कि, “कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई को बड़ा बूस्ट मिला है. भारत बायोटेक के ChAd36-SARS-CoV-S COVID-19 (चिंपांजी एडेनोवायरस वेक्टरेड) रीकॉम्बिनेंट नेजल वैक्सीन को आपातकालीन स्थिति में 18 साल से ज्यादा आयु वर्ग के व्यक्तियों के उपयोग के लिए अनुमति दी गई है.”
उन्होंने आगे कहा कि यह कदम महामारी के खिलाफ हमारी सामूहिक लड़ाई को और मजबूत करेगा. भारत ने पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अपने विज्ञान, अनुसंधान एवं विकास और मानव संसाधनों का उपयोग किया है. विज्ञान संचालित दृष्टिकोण और सबका प्रयास के साथ, हम कोविड-19 को हरा देंगे.