गृह मंत्री अमित शह ने किया नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के कैंपस का शिलान्यास

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 भोपाल : केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री  अमित शाह ने आज मध्य प्रदेश के भोपाल में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के भोपाल कैंपस का भूमिपूजन किया। अमित शाह ने मध्य प्रदेश पुलिस के आवासीय व प्रशासनिक भवनों का लोकार्पण एवं शिलान्यास भी किया। कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज मध्य प्रदेश पुलिस और राज्य के क़ानून व्यवस्था क्षेत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण दो कार्यक्रम एक ही मंच से हुए हैं। एक ओर तो, मध्यप्रदेश के करोड़ों लोगों की सुखशांति और सलामती के लिए दिन-रात वीरता के साथ डटे जवानों के परिवारों की चिंता राज्य सरकार कर रही है। दूसरी ओर, पुलिस को गुनहगार से दो क़दम आगे रखने के लिए फॉरेन्सिक साइंस के क्षेत्र में ट्रेंड मैनपॉवर की कमी को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय फॉरेन्सिक साइंस यूनिवर्सिटी के 27 एकड़ में बनने वाले कैंपस का भूमिपूजन आज हुआ है और इस पर लगभग 58 करोड़ रूपए ख़र्च होंगे। इससे मध्य प्रदेश के युवाओं को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फ़ॉरेन्सिक के क्षेत्र में काम करने का मौक़ा मिलेगा। उन्होंने कहा कि जो बच्चे फ़ॉरेन्सिक साइंस के क्षेत्र में आगे बढ़ना और अपना करियर बनाना चाहते हैं उन्हें अब पढ़ाई के लिए कहीं बाहर जाने की ज़रूरत नहीं होगी और यहीं पर एक बहुमुखी और अत्याधुनिक उपकरणों से लैस यूनिवर्सिटी विद्यार्थियों को उपलब्ध होगी।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सरकार के सभी विभागों में से पुलिसबल ही एक ऐसा बल है जिसका ना तो नौकरी का समय होता है और ना ही कोई छुट्टी होती है। 24 घंटे और 365 दिन किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पुलिस बल मुस्तैद रहता है। त्यौहार हम सबके लिए हैं, लेकिन पुलिस के जवान हर जगह मुस्तैदी से डटकर खड़े रहते हैं। होली, रक्षाबंधन या दीवाली हो, जब हम सब त्यौहार मनाते हैं, तब पुलिस का जवान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए मुस्तैद रहता है। हर कठिनाई का सामना करते हुए समाज की सुरक्षा का एकमात्र मंत्र लेकर देशभर की पुलिस ने काम किया है। श्री शाह ने कहा कि 35 हज़ार से ज़्यादा पुलिसकर्मियों ने देश की आंतरिक सुरक्षा को मज़बूत करते हुए अपनी जान को देश के लिए न्यौछावर किया है। इसके परिणामस्वरूप देश सलामत है, नक्सलवाद और आतंकवाद पर लगाम लगी है और कश्मीर और उत्तरपूर्व में शांति का एक नया युग शुरू हो रहा है। कश्मीर से कन्याकुमारी और कामाख्या से द्वारका तक अगर पुलिसकर्मी मुस्तैदी से ना खड़ा हो तो ये सब संभव नहीं है, इसीलिए पुलिस की छवि को बदलने के लिए हमें प्रयास करना चाहिए।

श्री शाह ने मध्य प्रदेश सरकार को 25 हज़ार पुलिस परिवारों को घर देने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि जब परिवार असुरक्षित हो तो कोई भी अपने कर्तव्य का निर्वहन निश्चिंत होकर नहीं कर सकता और मध्य प्रदेश सरकार के 25 हज़ार पुलिस परिवारों को आवास देने के इस फ़ैसले ने इनके चेहरे पर मुस्कान और जीवन में चैन लाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि आज 14 ज़िलों में 262 करोड़ रूपए की लागत से 1,304 परिवारों को अपने घर की चाबी मिल जाएगी। इसके साथ ही 254 थाना भवनों और 200 पुलिस चौकियों को भी आधुनिक व्यवस्थाओं से लैस करने का काम राज्य प्रशासन ने किया है। श्री शाह ने कहा कि आज 50 बिस्तर के एक अस्पताल, 10 पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों में 50 वर्चुअल क्लासरूम और एक प्रशिक्षण शाखा में डिजिटल स्टूडियो की भी आज शुरूआत हुई है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने राज्य की क़ानून-व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन लाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि आज मध्य प्रदेश से नक्सलवाद का ख़ात्मा हो चुका है। विकास भी किया और जहां कड़ाई की ज़रूरत थी वहां सख़्ती भी दिखाई। श्री शाह ने कहा कि पिछली सरकार के शासन में मालवा क्षेत्र सिमी का गढ़ बन चुका था और यहीं से सिमी के लोग देशभर में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए जाते थे। लेकिन आज पूरे मध्य प्रदेश, विशेषकर मालवा, से सिमी को समूल उखाड़ फेंकने का काम राज्य की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में पुलिस रिस्पॉन्सिव, संवेदनशील और परिणामलक्षी बनी है। जब पुलिस रिस्पॉन्सिव होती है तो जनता की चिंता होती है, जब पुलिस संवेदनशील होती है तो जनता का बचाव होता है और जब पुलिस परिणामलक्षी होती है तो प्रिवेन्शन का काम भी बहुत अच्छी तरह से होता है और इन तीनों क्षेत्रों में मध्यप्रदेश ने बहुत अच्छा काम किया है।

श्री शाह ने कहा कि पहले मध्य प्रदेश बीमारू राज्यों की सूची में था और हर क्षेत्र में पिछड़ा हुआ था। लेकिन, हमारी सरकार आने के बाद शिवराज जी ने अनेक क्षेत्रों के अंदर बहुत अच्छा काम किया है। ख़ासकर, मध्य प्रदेश के कृषि और सिंचाई क्षेत्र को शिवराज सिंह जी ने बहुत मजबूत किया है। श्री शाह ने कहा कि जीडीपी में उद्योग और सर्विस का योगदान बढ़ाना बहुत सरल है परंतु जीडीपी में सतत रूप से कृषि विकास दर को अनेक सालों तक 10% बनाए रखना बहुत कठिन काम है जो मध्य प्रदेश सरकार ने किया है। सिंचाई के क्षेत्र को लगभग ढाई गुना बढ़ाया है, गेहूं और दलहन से लेकर सोयाबीन तक हर क्षेत्र में उत्पादन बढ़ा है और कृषि क्षेत्र में जो परिवर्तन आया है वह अच्छे आयोजन और कठोर परिश्रम के बिना नहीं आ सकता।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के कैंपस का भूमि पूजन भी हुआ है। उन्होंने कहा कि कुछ सालों बाद कई देशों के विद्यार्थी यहां फॉरेंसिक साइंस भोपाल के बच्चों के साथ पढ़ रहे होंगे। नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी ने अपने 12-13 साल के जीवन काल में पूरे विश्व में ख्याति प्राप्त की है। वर्ष 2003 से 2009 तक गुजरात की फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री को मजबूत करने का प्रयास हो रहा था और श्री नरेन्द्र मोदी जी उस वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री थे। उस समय ट्रेंड मैनपावर की दिक़्कत सबसे ज़्यादा सामने आई। उस वक़्त एक विचार आया कि फॉरेंसिक साइंस का एक कोर्स और इसकी एक यूनिवर्सिटी बनाई जाए जिससे 12वीं के बाद बच्चा बीएससी, एमएससी सीधा फॉरेंसिक साइंस में ही करे, उसमें आरएंडी करें और ये छात्र फॉरेंसिक साइंस के क्षेत्र में गुजरात की धरती से दुनिया में जाएं और इसी को ध्यान में रखकर फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की नींव डाली गई। दुनिया के 70 देशों के विद्यार्थी आज फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए आते हैं जो भारत की किसी भी यूनिवर्सिटी के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।

श्री  शाह ने कहा कि हम सीआरपीसी, आईपीसी और एविडेंस एक्ट में आमूलचूल परिवर्तन कर रहे हैं। धाराओं को बदलकर आज की जरूरत के हिसाब से बनाना, पुलिस की कार्यपद्धति को पूरी तरह से आधुनिक, संवेदनशील और लक्षित बनाने पर काम कर रहे थे। उस समय एक विचार आया कि 6 साल से ज्यादा जिन अपराधों में सजा है उन सारे अपराधों में फॉरेंसिक साइंस के एविडेंस को अनिवार्य करना चाहिए। किसी भी गुनहगार को सिर्फ गवाहों के आधार पर सज़ा नहीं दिलाई जा सकता क्योंकि अब थर्ड डिग्री का जमाना नहीं है। अगर हमें अपराधों की रोकथाम करनी है तो वैज्ञानिक एविडेंस लाना होगा और इसके लिए 6 साल से ज्यादा सजा वाले अपराधों में फॉरेंसिक साइंस एविडेंस को कंपलसरी कर दिया जाए और क्राइम सीन पर फॉरेंसिक टीम की विजिट को कंपलसरी कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि यहीं से विचार आया कि एक्सपर्ट मैनपावर की पूर्ति के लिए गुजरात फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी को नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी बनाया कर उसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में ज्यादातर राज्यों में इसका कैंपस खोला जाए और देशभर के युवाओं को फॉरेंसिक साइंस के क्षेत्र में काम के लिए आगे बढ़ने का मौका दिया जाए। आज यह पांचवा कैंपस शुरू हो रहा है और भोपाल में 27 एकड़ भूमि पर बहुत अच्छा कैंपस बनने जा रहा है जिससे मध्य प्रदेश के युवाओं को अपार संभावनाओं वाले मौके मिलने वाले हैं। इसके अलावा मणिपुर, असम और कर्नाटक में भी कैंपस बनाने का निर्णय हो चुका है। राजस्थान और चंडीगढ़ में भी अभी विचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे देश के हर कोने में यह कैंपस बढ़ते जाएंगे और 2 वर्षों में ही NFSU की उपस्थिति गुजरात सहित 10 से ज्यादा राज्यों में हो जाएगी। श्री शाह ने कहा कि यहां पुलिस अधिकारी, ज्यूडिशियल अधिकारी और प्राइवेट कंपनियों को भी फॉरेंसिक साइंस, साइबर सिक्योरिटी, डिजिटल फॉरेंसिक, फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन, वाइल्ड लाइफ क्राइम, नारकोटिक्स और ड्रग्स की ट्रेनिंग की भी व्यवस्था होने वाली है। यह केवल विद्यार्थियों के लिए नहीं है बल्कि अधिकारियों, न्याय के काम में जुड़े हुए न्यायाधीशों, प्रॉसीक्यूशन का काम करने वाले वकीलों और प्राइवेट इंडस्ट्रीज के लिए भी ट्रेनिंग यहां होगी।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि थर्ड डिग्री के बजाए फॉरेंसिक साइंस तकनीक से जेल में डालना और एविडेंस इकट्ठा करना एक प्रकार से अपने आप में इस क्षेत्र में क्रांति मानी जाएगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने अब तक कई पेटेंट भी फाइल किए हैं और प्रमुख अनुसंधान अंतर्राष्ट्रीय परियोजनाओं पर कार्यरत है। ड्रोन फॉरेंसिक के लिए भी एक नया डिपार्टमेंट खोला गया है। भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने मोदी जी के नेतृत्व में इसके लिए पूरी कार्य योजना बनाई है। इस कार्ययोजना के चार स्तंभ हैं- फॉरेंसिक साइंस के इंफ्रास्ट्रक्चर यानी लैबोरेट्री की संख्या बढ़ाना, फॉरेंसिक विशेषज्ञों के मैनपावर को तेजी के साथ बढ़ाना जिसमें फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी का बड़ा रोल रहेगा, फॉरेंसिक टेक्नोलॉजी उपलब्ध कराकर इसे अपनाने का खुलापन रखना और इसके साथ-साथ आरएंडी को भी बढ़ावा देना। एक मोबाइल फॉरेंसिक वैन का कांसेप्ट भी देश के सामने रखा गया है और बहुत सारे राज्यों ने इसे स्वीकार किया है।

श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश में हर क्षेत्र में 2014 से अब तक आमूलचूल परिवर्तन किया है। चाहे जर्जर अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाकर दुनिया के सामने एक प्रमुख अर्थव्यवस्था बन कर उभरना हो, भ्रष्टाचार पर कठोरता के साथ लगाम कसना हो, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लाकर शिक्षा की दयनीय स्थिति में आमूलचूल परिवर्तन करना हो, कानून -व्यवस्था की स्थिति, आंतरिक और बाह्य सुरक्षा को मजबूत करना हो, इस प्रकार का भारत बनाने की शुरुआत मोदी जी ने की है। आज फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी का जो कैंपस बन रहा है, ये उसी माला का एक मोती है और यह अपने सभी उद्देश्यों को जमीन पर उतारने में सफल होगा।

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