युवा ही करेंगे देश की हर समस्या का समाधान: डॉ रणधीर सिंह
गुरुग्राम, 15 अगस्त। राजकीय महाविद्यालय सैक्टर 9 में 76 वें स्वतंत्रता दिवस को बड़ी धूमधाम से मनाया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य, प्राध्यापकों, स्टाफ सदस्यों तथा विद्यार्थियों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर आजादी की बधाई दी।
अपने सम्बोधन में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. रणधीर सिंह ने कहा कि आजादी का यह महोत्सव 12 मार्च 2021 को आरम्भ हुआ था तथा इसे 15 अगस्त 2023 तक हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस आजादी को हासिल करने के लिए हमारे पूर्वजों ने बहुत बलिदान दिए हैं। जब अंग्रेज हमारे देश में आए थे तो व्यापारी बनकर आए थे। हमारा देश छोटे-छोटे राज्यों में बंटा हुआ था। राजाओं का आपस में मनमुटाव भी था।
अंग्रेजोें ने हमारी इस कमी का फायदा उठाते हुए हमें आपस में लड़वाया। ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति अपनाते हुए हमारे देश के अधिकतर हिस्से पर कब्जा कर लिया। उस वक्त कुछ राजा-महाराजा ऐसे भी थे जो अंग्रेजों की इस चाल का समझते थे। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ क्रांति का बिगुल बजा दिया। रानी लक्ष्मीबाई, बहादुर शाह द्वितीय, तात्या टोपे, नाना साहेब, बेगम हजरत महल, रानी राजेश्वरी, मान सिंह, कुंवर सिंह ने अंगेजों के खिलाफ बगावत का ऐलान कर दिया। देश के नौजवानों ने इस लड़ाई में देश पर अपनी जान न्यौछावर कर दी।
आजादी के लिए खुदीराम बोस 18 साल की उम्र में फांसी पर चढ़ गए। भगत सिंह, राजगुरू, सुखदेव ने हंसते-हंसते फांसी के फंदे को गले लगा लिया। चंद्रशेखर आजाद ने अपनी जान दे दी लेकिन पराधीनता स्वीकार नहीं की। बालगंगाधर तिलक, अश्फाकउल्लाह खान, बिपिन्न चंद्र पाल, चितरंजन दास, तिलक मांझी, दादा भाई नारौजी, जवाहर लाल नेहरू, मौलाना अबुल कलाम आजाद, सरदार पटेल, बाबा साहेब अम्बेडकर ने देश की आजादी के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया।
महात्मा गांधी ने नमक कानून के खिलाफ 61 साल की उम्र में 390 किलोमीटर की डांडी यात्रा की। सुभाष चंद्र बोस ने आजाद हिंद फौज का गठन कर अंग्रेजों की सल्तनत की नींव हिला दी। इन जैसे लाखों सेनानियों के बलिदान से 15 अगस्त 1947 को हम आजाद हो गए। आज भी हमारे सामने कुछ समस्याएं हैं। उन्होंने युवाओं से इन समस्याओं का समाधान करने के लिए अपील की। उन्होंने कहा कि यदि युवा साथ देंगे तो हमारा देश फिर से सोने की चिड़िया बन जाएगा।
इस अवसर पर महाविद्यालय की छात्राओं ने देश भक्ति गीत गाकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस मौके पर डॉ कृष्णा मल्हान, डॉ गीतिका, डॉ नीलम, मुकेश शर्मा, सतीश यादव, ललिता गॉड, संदीप यादव, सुरेद्र काद्यान, डॉ मीनाक्षी दलाल सहित सभी स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।