स्वास्थ्य सचिव ने 9 राज्यों के 115 जिलों में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की

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इन राज्यों में कोविड मामलों में वृद्धि और सकारात्मकता दिखाई दे रही है

परीक्षण और टीकाकरण के निम्न स्तर के संबंध में चिंताएं उठीं

राज्य दैनिक आधार पर जिले-वार एसएआरआई और आईएलआई मामलों की जानकारी देंगे और निगरानी करेंगे

पहली, दूसरी और एहतियाती खुराक के लिए चल रहे मुफ्त कोविड-19 टीकाकरण में तेजी लाई जाए

नई दिल्ली : केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने 9 राज्यों केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, असम, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा के लिए आज एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इन राज्यों में या तो कोविड के नए मामलों में रोजाना वृद्धि हो रही है या सकारात्मकता बढ़ रही हैं। कोविड-19 की निगरानी, नियंत्रण और प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की भी समीक्षा की गई। बैठक में डॉ. विनोद पॉल, सदस्य (स्वास्थ्य), नीति आयोग भी उपस्थित थे।

इन राज्यों में पिछले एक महीने में मामलों में वृद्धि के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए, डॉ. वी. के. पॉल ने दोहराया, “हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि कोविड अभी गया नहीं है। वैश्विक परिदृश्य को देखते हुए हमें हाई अलर्ट पर रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कोविड के मामलों में वर्तमान तेजी से गुजर रहे अनेक राज्यों में खराब निगरानी, खराब परीक्षण और औसत से कम टीकाकरण है। उन्होंने राज्यों से उच्च सकारात्मकता वाले क्षेत्रों में परीक्षण में सुधार करने, संशोधित निगरानी रणनीति के अनुसार निगरानी बढ़ाने और कोविड टीकाकरण में तेजी लाने का आग्रह किया।

केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कोविड नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण और प्रबंधन रणनीतियों को निम्नानुसार रेखांकित किया:

उच्च सकारात्मकता दर की जानकारी देने वाले सभी जिलों को आरटीपीसीआर परीक्षणों के उच्च अनुपात के साथ पर्याप्त परीक्षण करने की आवश्यकता है। किसी भी तरह की ढिलाई से इन जिलों में स्थिति और बिगड़ सकती है।   होम आइसोलेशन के मामलों पर प्रभावी ढंग से और कड़ाई से निगरानी करने की आवश्यकता है ताकि वे अपने पड़ोस, समुदाय, गांव, मोहल्ला, वार्ड आदि में आपस में नहीं घुले-मिलें तथा घूमें नहीं और संक्रमण नहीं फैलाएं।

राज्यों को 9 जून, 2022 को जारी संशोधित निगरानी रणनीति के अनुसार निगरानी करने की सलाह दी गई थी। उन्हें आगे जिलेवार एसएआरआई (गंभीर विकट श्वास रोग) और आईएलआई (इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी) के मामलों की दैनिक आधार पर जानकारी देने का निर्देश दिया गया था। साथ ही इन्हें जीनोम अनुक्रमण के लिए मैप की गई आईएनएसएसीजी प्रयोगशालाओं में भेजने को कहा गया।

राज्यों को सलाह दी गई थी कि वे सभी सकारात्मक जीनोम अनुक्रमण के साथ अंतर्राष्ट्रीय आगंतुकों का संकेतित अनुपात का परीक्षण करें; संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण के लिए नमूने भेजने के लिए आईएनएसएसीओजी नेटवर्क की प्रहरी साइटों की पहचान करें।

राज्यों को भी बड़े समूहों/समुदाय में बीमारी फैलने के सकारात्मक नमूनों को भेजने और पूरे जीनोम अनुक्रमण के लिए असामान्य घटनाओं के सकारात्मक नमूनें भेजने होंगे।

राज्यों को नैदानिक प्रबंधन की आवश्यकता वाले मामलों की समय पर पहचान करने के लिए ऐसे मामलों में अतिरिक्त जागरूकता पैदा करनी होगी, जहां आरएटी के जरिए घरेलू परीक्षण किट अपनाए जाते हैं। ऐसे सभी पॉजिटिव मरीजों को होम आइसोलेशन की सलाह दी जाए ताकि समुदाय में संक्रमण फैलने से रोका जा सके।

राज्यों से आग्रह किया गया कि वे पहली, दूसरी और एहतियाती खुराक के लिए चल रहे मुफ्त कोविड-19 टीकाकरण में तेजी लाएं। राज्यों से 30 सितंबर, 2022 तक ‘कोविड टीकाकरण अमृत महोत्सव’ के तहत 18+ आबादी के लिए मुफ्त एहतियाती खुराक के कार्यान्वयन को तेज करने का आग्रह किया गया।

राज्यों को दोहराया गया कि संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कोविड उपयुक्त व्यवहार (सीएबी) का केंद्रित कार्यान्वयन महत्वपूर्ण है। उन्हें संक्रमण फैलने और इन प्रोटोकॉल पर समुदाय के भीतर जागरूकता पैदा करने की सलाह दी गई एम्स, नई दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने राज्यों को सलाह दी कि वे कोविड रोगियों के नैदानिक लक्षणों के प्रति चौकस रहें और यह पता लगाने के लिए कि क्या किसी राज्य में कोई समूह उभर रहा है या नहीं, उनके जीनोम अनुक्रमण किए जाने तक प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्यों को अस्पताल में भर्ती मरीजों के नैदानिक जानकारी के बदलते पैटर्न के प्रति चौकस रहने की जरूरत है।

यह बताया गया कि आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश में प्रति मिलियन जनसंख्या पर औसत परीक्षण राष्ट्रीय औसत से कम है, जबकि मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश और असम में आरटी-पीसीआर परीक्षणों की हिस्सेदारी काफी कम है और हिमाचल प्रदेश, केरल और पश्चिम बंगाल राज्यों में यह राष्ट्रीय औसत से बहुत कम है। इन राज्यों को आरटी-पीसीआर परीक्षणों की घटती प्रवृत्ति का तत्काल समाधान करने और प्रति मिलियन औसत दैनिक परीक्षणों में सुधार करने के लिए कहा गया।

यह नोट किया गया कि अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, असम, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल में टीकाकरण की गति बढ़ाने की पर्याप्त गुंजाइश है। राज्यों को परेशानी वाले सभी जिलों में सख्त निगरानी सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया था, जो पिछले सप्ताह में सकारात्मकता दर 10 प्रतिशत से अधिक दिखा रहे हैं।

राज्यों को भारत सरकार की नई पहल, ‘कोविड टीकाकरण अमृत महोत्सव’ की याद दिलाई गई, जिसे 15 जुलाई, 2022 को सभी सरकारी कोविड टीकाकरण केंद्रों (सीवीसी) में मुफ्त एहतियाती खुराक प्रदान करने के लिए शुरू किया गया था। 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी व्यक्ति, जिन्होंने कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी खुराक लगवाने के बाद से 6 महीने या 26 सप्ताह पूरे कर लिए हैं, 30 सितंबर, 2022 तक मुफ्त एहतियाती खुराक लेने के पात्र हैं।

डीजीएचएस, डॉ. सुनील गोयल, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में अपर सचिव , श्री गोपालकृष्णन, मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री लव अग्रवाल और मंत्रालय के अन्य अधिकारी बैठक में उपस्थित थे। समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य), मिशन निदेशक (एनएचएम) और राज्यों के राज्य निगरानी अधिकारियों ने भाग लिया।

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