जगदीप धनखड़ को एनडीए के उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया

Font Size

नई दिल्ली :  भाजपा के संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद शनिवार को जगदीप धनखड़ को एनडीए के उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है. जगदीप धनखड़ वर्तमान में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल हैं. उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी को लेकर लगाए जा रहे कयासों को विराम मिला गया . उनके नाम की घोषणा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने की .

उन्होंने बताया कि भाजपा संसदीय बोर्ड में श्री जगदीप धनखड़  के नाम पर सहमती बनी . उन्होंने कहा कि जगदीप धनखड़ जी पश्चिम बंगाल के अभी गवर्नर हैं और लगभग तीन दशक तक सार्वजनिक जीवन में काम किया है। साधारण किसान परिवार से संबंध रखते हुए अपने जीवन में सामाजिक एवं आर्थिक बाधाओं को पार कर उच्च लक्ष्यों को प्राप्त किया है। मुझे विश्वास है कि निश्चित रूप से उनके लंबे प्रशासनिक अनुभवों का लाभ राष्ट्र को मिलेगा।

हालांकि राज्यसभा और लोकसभा में भाजपा की स्थिति से यह तो साफ़ है कि जगदीप धनखड़ आसानी से चुनाव जीत सकते हैं.  क्योंकि उपराष्ट्रपति को चुनने के लिए निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल होते हैं. वर्तमान में संसद में 780 सदस्य मौजूद हैं. इनमें उपराष्ट्रपति बनने के लिए 390 से अधिक मतों की आवश्यकता होती है. वर्केतमान में भाजपा के 394 सांसद हैं.

अगर आगामी उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ जीत जाते हैं तो वह देश के इस उच्च पद पर आसीन होने वाले पांचवें राज्यपाल होंगे. इससे पूर्व भी कुल चार राज्यपाल देश के उपराष्ट्रपति पद पर पहुंचे हैं .

 

कौन कौन राज्यपाल रहते हुए उपराष्ट्रपति बने हैं  ?

डॉक्टर ज़ाकिर हुसैन

राज्यपाल के बाद उपराष्ट्रपति चुने गए लोगों की लिस्ट में सबसे पहला नाम डॉक्टर ज़ाकिर हुसैन का आता है. डॉक्टर ज़ाकिर हुसैन स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ ही भारत की तीसरे और प्रथम मुस्लिम राष्ट्रपति भी थे. फिलहाल वह 13 मई 1962 को देश के दूसरे उपराष्ट्रपति चुने गए थे. इससे पहले डॉक्टर ज़ाकिर हुसैन को साल 1957 में बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया था.

गोपाल स्वरूप पाठक

वीवी गिरी के बाद 31 अगस्त 1969 से 30 अगस्त 1974 तक भारत के चौथे उपराष्ट्रपति के रूप में गोपाल स्वरूप पाठक को चुना गया था. उत्तर प्रदेश के बरेली में जन्म लेने वाले गोपाल स्वरूप पाठक ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की थी. जिसके बाद वह 1945-46 में इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश बने. 1960-66 के दौरान वह राज्यसभा सदस्य चुने गए. जिसके बाद वह 1966-67 के दौरान केंद्रीय कानून मंत्री रहे. इसके अलावा वह उन्होंने 13 मई 1967 से 31 अगस्त 1969 तक कर्नाटक के राज्यपाल पद को संभाला.

डॉ शंकरदयाल शर्मा

डॉ शंकरदयाल शर्मा भारत के राष्ट्रपति के तौर पर चुने गए थे. जिससे पहले वह भारत के आठवें उपराष्ट्रपति भी रहें. डॉ शंकरदयाल शर्मा ने इससे पहले मध्यप्रदेश में कैबिनेट स्तर के मंत्री के रूप में उन्होंने शिक्षा, कानून, सार्वजनिक निर्माण कार्य, उद्योग और वाणिज्य मंत्रालय का कामकाज संभाला था. इसके साथ ही वह भोपाल के मुख्यमंत्री भी रह चुके थे. फिलहाल उपराष्ट्रपति चुने जाने से पहले वह 29 अगस्त 1984 से 26 नवंबर 1985 के दौरान आंध्र प्रदेश, 26 नवंबर 1985 से 2 अप्रैल 1986 तक पंजाब के राज्यपाल और 3 अप्रैल 1986 से 2 सितंबर 1987 तक महाराष्ट्र के राज्यपाल पद पर कार्यरत रहे.

कृष्ण कान्त

7 फरवरी 1990 से 21 अगस्त 1997 तक आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के राज्यपाल (Governor) और 22 दिसंबर 1996 से 25 जनवरी 1997 तक तमिलनाडु (Tamil Nadu) के राज्यपाल पद पर आसीन रहने वाले कृष्ण कान्त (Krishna Kant) को भारत (India) का 10 वां उपराष्ट्रपति (Vice President) चुना गया था. वह 21 अगस्त 1997 को उपराष्ट्रपति बने थे.

You cannot copy content of this page