-तीन दिवसीय श्री जगन्नाथ कथा का आयोजन भी कृष्ण मंदिर सेक्टर 10 ए में किया गया
-रथ यात्रा का आरम्भ कृष्ण मंदिर सेक्टर 10 ए से हुआ और विधिवत समापन मोर चौक पर
-रथ यात्रा महोत्सव में श्रद्धालुओं की भक्ति का सजीव स्वरूप देखने को मिला : नवीन गोयल
-पांच दिनों तक हर घर में भगवान जगन्नाथ के विचारों को पहुंचाने के लिए संकीर्तन का हुआ आयोजन : अजय गोयल
गुरुग्राम : वैश्य परिवार सेक्टर 10 ए की ओर से शुक्रवार एक जुलाई को भव्य जगन्नाथ रथ यात्रा काआयोजन किया गया। इससे पूर्व मंगलवार 28 जून को भव्य कलश यात्रा आयोजित की गई। इस उपलक्ष्य में तीन दिवसीय श्री जगन्नाथ कथा का आयोजन भी कृष्ण मंदिर सेक्टर 10 ए गुरुग्राम के प्रांगण में किया गया। पिछले 4 दिनों से चल रहे भव्य धार्मिक आयोजन में गुरुग्राम के हजारों श्रद्धालु शामिल हुए और जगन्नाथ कथा का रसास्वादन किया। रथयात्रा कृष्ण मंदिर सेक्टर 10 ए से शुरू हुई और शहर के कंपनी बाग मैदान, मोर चौक पर समाप्त हुई जिसमें हजारों लोगों ने अपनी सहभागिता की। इस धार्मिक आयोजन के मुख्य अतिथि पूर्व सांसद एवं राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की सदस्य डॉ सुधा यादव थी जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री राजश्री आईजी क्राइम, हरियाणा मेदांता हॉस्पिटल की डॉक्टर सुशीला कटारिया और अशोक सिंघल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर अशोक दिवाकर थे।
श्री जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव सेक्टर 10 ए में धूमधाम के साथ शुक्रवार को आयोजित की गई। इसमें बड़े पैमाने पर महिला एवं पुरुष श्रद्धालु परिवार सहित शामिल हुए। इस यात्रा की तैयारी को लेकर आज सुबह से ही कृष्ण मंदिर सेक्टर 10 ए के आसपास का क्षेत्र पूरी तरह धार्मिक भावनाओं से ओतप्रोत दिखा। लोग रथ यात्रा की तैयारी में जुटे थे। इस भव्य आयोजन में केन्विन फाउंडेशन के संस्थापक डॉ डी पी गोयल, भाजपा नेता नवीन गोयल, सतीश तायल, ललिता तायल, सविता गोयल, समता, रितु और आशा गोयल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सभी पिछले 1 सप्ताह से भी अधिक समय से इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सक्रिय थे। साथ ही इसके लिए गठित समिति में अजय गोयल और अजय सिंगला भी सक्रीय रूप से शामिल रहे। हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रहने वाले सभी परिवारों ने इस आयोजन को भव्य बनाने में काफी सहयोग किया।
कलश यात्रा से लेकर रथ यात्रा तक पूरी तन्मयता से शामिल हुई श्रद्धालु भारती झा ने बताया कि श्री जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव का आयोजन वैश्य परिवार सेक्टर 10 की ओर से किया गया. उन्होंने बताया कि इसको लेकर पूरे इलाके में सभी सेक्टर वासी एवं आसपास के इलाके की लोग बेहद उत्साहित थे। यह आयोजन हर वर्ष किया जाता है। इसको लेकर इलाके के लोगों में लम्बे समय से उत्सुकता बनी हुई थी. लोग बेसब्री से इस आध्यात्मिक आयोजन का इन्तजार करते हैं और इसमें पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ अपना योगदान देते हैं. उन्होंने कहा कि वैश्य परिवार सेक्टर 10 ए के सभी सदस्यों की जितनी सराहना की जाय वह कम है.
श्री जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव समिति के प्रमुख सदस्य अजय गोयल ने बताया कि इस बार रथयात्रा महोत्सव को खास बनाने की दृष्टि से सभी प्रमुख सदस्यों से लगातार विचार विमर्श किया गया। बैठकों का आयोजन भी किया गया। इसकी जानकारी हर घर में पहुंचे इसके लिए प्रतिदिन अलग-अलग गलियों में संकीर्तन भी आयोजित की गई. 28 से 30 जून तक 3 दिन लगातार श्री जगन्नाथ कथा का आयोजन किया गया। प्रसिद्ध कथा वाचक भक्ता मित्रा प्रभु ने श्रद्धालुओं को भगवान श्री जगन्नाथ की भक्ति में सराबोर कर दिया। इसमें भगवान जगन्नाथ पुरी धाम से आए भक्तों की टोली ने प्रतिदिन भगवान जगन्नाथ का पूजन भजन किया. उन्होंने बताया कि लगातार तीन दिन भगवान के नाम की महिमा का सुंदर गुणगान होता चलता रहा। तीनों ही दिन होने वाले कीर्तन और कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। 28 जून से शुरू हुई इस कथा में प्रत्येक दिन सभी श्रद्धालुओं के लिए प्रसादम की व्यवस्था भी की गई थी।
कथावाचक ने भगवान जगन्नाथ मंदिर की स्थापना से लेकर उनकी मूर्ति निर्माण और उनके विभिन्न स्वरूपों का विस्तार से वर्णन किया. उन्होंने कथा के दौरान जगन्नाथ पुरी द्वारकाधीश और बद्रीनाथ धाम में स्थापित भगवान के आध्यात्मिक महत्व पर भी सारगर्भित प्रकाश डाला।
केन्विन फाउंडेशन के निदेशक व भाजपा नेता नवीन गोयल के अनुसार कथा के आयोजन से पूर्व परंपरा के अनुसार भव्य कलश यात्रा का आयोजन 28 जून को किया गया। इसमें इलाके की सैकड़ों महिला श्रद्धालुओं ने भाग लिया। रंग विरंगे परिधानों में महिलाओं ने कलश यात्रा कर कथा का आगाज किया. श्री जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव में अधिक से अधिक लोगों की सहभागिता बने इसके लिए लगातार पांच दिनों तक क्षेत्र के हर घर में भगवान जगन्नाथ के विचारों को और उनके महत्व को विविध माध्यम से पहुंचाने की व्यवस्था की गई थी. इसके लिए इस्कॉन टेंपल की टीम कीर्तन करते हुए हर गलियों में प्रचार प्रसार कर रही थी। खास बात यह रही कि इस पूरे आयोजन में इलाके के दर्जनों गणमान्य अतिथि भी मौजूद रहे जबकि गुरुग्राम के आम लोग भगवान् जगन्नाथ की भक्ति में डूबे रहे । उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक रहस्यों के प्रति समाज में चेतना पैदा होती है जबकि नई पीढ़ी में सनातन संस्कृति के प्रति आकर्षण पैदा होता है.
रथ यात्रा की तैयारी आज सुबह 10:00 बजे से ही शुरू हो गई थी। इसका आरंभ कृष्ण मंदिर सेक्टर 10 ए से किया गया. इसमें हजारों लोगों का हुजूम भगवान जगन्नाथ का दर्शन करने उमड़ पड़ा. पूरी यात्रा के दौरान संकीर्तन मंगल गान गाया गया जाता रहा जिससे यात्रा जगन्नाथमय हो गई । यात्रा की छटा देखते ही बनती थी क्योंकि इसकी सजावट और श्रद्धालुओं की भक्ति का सजीव स्वरूप यहाँ देखने को मिला. यह यात्रा खांडसा रोड, भूतेश्वर मंदिर, सदर बाजार, डाकखाना चौक, अग्रसेन चौक एवं सिविल अस्पताल से होती हुई कंपनी बाग मैदान मोर चौक गुरुग्राम के पास पहुंची जहां यात्रा का विधिवत समापन किया गया। यात्रा में सैकड़ों लोग भक्तिमय होकर भगवान् के रथ को रस्से से खींचते रहे.
रथ यात्रा में बलभद्र जी के लिए ताल ध्वज रथ का निर्माण कराया गया था जबकि भगवान जगन्नाथ के लिए नंदीघोष रथ और सुभद्रा जी के लिए देव दलन रथ का निर्माण कराया गया था। उल्लेखनीय है कि पौराणिक परंपरा के अनुसार सभी रथो के निर्माण में केवल काष्ठ (लकड़ी )का उपयोग किया जाता है। ताल ध्वज रथ में 14 चक्के होते हैं जबकि नंदीघोष रथ में 16 चक्के और देव दलन रथ में 12 चक्के बनाए जाते हैं।
ध्यान देने वाली बात यह है कि तीनों ही राथों के घोड़ों के नाम भी अलग-अलग होते हैं जबकि इन पर लगाए जाने वाले पताके के रंग भी अलग-अलग होते हैं जिससे इन रथों की पहचान की जा सकती है। यहां तक की तीनों रथों को यात्रा के दौरान खींचने के लिए उपयोग किए जाने वाले रस्से के नाम भी क्रमशः वासुकी नाग, शंख चूर्ण नागुनी और स्वर्ण चूर्ण नागुनी रखे जाते हैं।
इस अति महत्वपूर्ण ऐतिहासिक रथ यात्रा के रथों की रक्षा के लिए भी अलग-अलग देवताओं की भूमिका निर्धारित रहती है। इनमें भगवान बलभद्र के रथ की रक्षा वासुदेव, भगवान जगन्नाथ की रथ की रक्षा गरुड़ और सुभद्रा जी के रथ की रक्षा की जिम्मेदारी जय दुर्गा के हाथ होती है।
रथ यात्रा में भारती झा, सविता कौशिक, सूचि ओझा, डॉली सिंह, नीलम शर्मा , विजय लक्ष्मी यादव, कुसुम रावत सहित सेक्टर 10 ए और हाउसिंग बोर्ड कालोनी की सैकड़ों महिलायें शामिल हुईं.