कांग्रेस पार्टी के प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से मिलकर अग्निपथ योजना वापस लेने की मांग की

Font Size

-प्रदर्शन के दौरान पार्टी सांसदों के साथ पुलिस के व्यवहार की भी शिकायत की

-कांग्रेस नेताओं ने संसद से राष्ट्रपति भवन तक पैदल मार्च किया

नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) से मुलाकात की. पार्टी की ओर से सौंपे दो ज्ञापन के माध्यम से उनके सामने दो मुद्दे उठाए. कांग्रेस नेताओं ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से ई डी (ED) की पूछताछ को लेकर हुए विरोध जताया और प्रदर्शन के दौरान पार्टी के सांसदों के साथ दिल्ली पुलिस के कथित दुर्व्यवहार की शिकायत की. साथ ही अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) का मुद्दा उठाया जिसमें कई खामियों की ओर ध्यान आकर्षित किया .

7 सदस्यीय कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge), लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury), वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम, जयराम रमेश और  छत्तीसगढ़ एवं राजस्थान के मुख्यमंत्री क्रमशः भूपेश बघेल एवं अशोक गहलोत शामिल थे. कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और कई सांसदों ने संसद भवन से विजय चौक तक  पैदल मार्च किया .

कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस के कर्मियों ने पिछले सप्ताह राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान पार्टी के कुछ सांसदों के साथ दुर्व्यवहार किया. यहाँ तक कि पार्टी मुख्यालय के भीतर घुसकर कार्यकर्ताओं की पिटाई की थी.

कांग्रेस पार्टी अग्निपथ योजना का भी विरोध कर रही है. कांग्रेस का कहना है कि यह देश और सेना के हितों के विरूद्ध है. पाटी की ओर से जंतर मंतर पर सत्याग्रह किया जा रहा है.

 

मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमारे 7 लोगों का दल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिला और 2 मुद्दे उठाए. हमने अग्निपथ योजना को लेकर ज्ञापन सौंपा. कांग्रेस को डराने-धमकाने और कुचलने की कोशिश का जा रही है उसके खिलाफ भी ज्ञापन सौंपा . उन्होंने कहा कि सरकार बिना किसी से पूछे यह योजना लाई है. इस योजना पर किसी से चर्चा नहीं हुई. हमने राष्ट्रपति से कहा कि ये हमारे लोकतांत्रिक हक का हनन है.

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमें डराने की जो कोशिश कर रहे हैं, उनके खिलाफ हमारे नेताओं ने शांतिपूर्वक आंदोलन किया. इसमें हमारे सभी सीनियर नेता थे और मुख्यमंत्री भी थे. सभी नेताओं को सताया गया, उनको 12-12 घंटे तक हिरासत में रखा गया. यूपी बॉर्डर और हरियाणा बॉर्डर पर नेताओं को रोका गया. किसी व्यक्ति को बगैर केस किए या नोटिस दिए 12-14 घंटे आप हिरासत में नहीं रख सकते. अगर किसी को हिरासत में रखना है तो उसका कारण भी देना चाहिए. अगर संसद के सदस्य हैं तो इस बारे में स्पीकर को बताना होगा, न तो स्पीकर को जानकारी दी गई, न ही राज्य सभा के सभापति को.

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि सेना में 40000 लोगों को जो ट्रेनिंग देने का वादा किया है उसे कोई फायदा नहीं होने वाला है. उन युवकों को कहीं नौकरी नहीं मिलने वाली है. 4 साल में कोई ट्रेनिंग भी नहीं हो पाएगी और 4 साल के अंदर घर भी आएगा तो पेंशन नहीं मिलेगी. बिहार, यूपी, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान हर जगह युवक सड़कों पर उतरे हैं. क्योंकि उनके भविष्य से जुड़ा हुआ मामला है. बगैर किसी को पूछे सरकारी योजना लाई गई है. उन्होंने कहा कि हमने राष्ट्रपति को बताया कि इस मामले पर कोई चर्चा नहीं की गई. यह योजना सही नहीं है.

 

You cannot copy content of this page