भारतीय तट पर रो-रो और रो-पैक्स फेरी सेवा के परिचालन के लिए मसौदा जारी

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भारतीय तट पर रो-रो और रो-पैक्स फेरी सेवा के परिचालन के लिए मसौदा दिशानिर्देशों को हितधारकों के परामर्श के लिए जारी किया गया

नई दिल्ली :  पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (एमओपीएसडब्ल्यू) ने अपने सागरमाला कार्यक्रम के तहत देश में रो-रो (रोल-ऑन, रोल-ऑफ) फेरी और जलमार्ग परिवहन को बढ़ावा देने के लिए एक इकोसिस्टम विकसित करने की शुरुआत की है। परिवहन के इस साधन के कई लाभ हैं। इनमें यात्रा के समय में कमी, लॉजिस्टिक लागत में कमी और परिवहन के पारंपरिक साधनों की तुलना में कम प्रदूषण शामिल हैं।

मंत्रालय, फेरी सेवा की अपार संभावनाओं और विशिष्ट लाभों को ध्यान में रखते हुए 45 परियोजनाओं को वित्तीय सहायता दे रहा है। इनकी कुल परियोजना लागत 1900 करोड़ रुपये है। सागरमाला की शुरुआत के तहत मंत्रालय ने गुजरात में घोघा-हजीरा और महाराष्ट्र में मुंबई-मंडवा के बीच रो-पैक्स फेरी सेवा शुरू की है। इन सेवाओं ने 7 लाख से अधिक यात्री और 1.5 लाख वाहनों का परिवहन करके स्वच्छ पर्यावरण व लोक कल्याण में अपना योगदान दिया है।

इन परियोजनाओं की सफलता और उच्च मांग व क्षमता को देखते हुए गुजरात में पीपावाव व मूलद्वारका और महाराष्ट्र में घोडबंदर, वेल्दुर, वसई, काशीद, रेवास, मनोरी और जेएन पोर्ट आदि में अतिरिक्त परियोजनाओं की योजना है। उपरोक्त के अलावा मंत्रालय आंध्र प्रदेश में 4 परियोजनाओं, ओडिशा में 2 परियोजनाओं और तमिलनाडु व गोवा में 1-1 परियोजनाओं की सहायता कर रहा है।

मंत्रालय ने हितधारकों से प्राप्त शुरुआती इनपुट को शामिल करने के बाद “भारतीय तट पर रो-रो और रो-पैक्स फेरी सेवा के परिचालन के लिए दिशानिर्देश” का मसौदा तैयार किया है। इन दिशानिर्देशों में फेरी परिचालन के दो पहलुओं को शामिल किया गया है- टर्मिनल परिचालन के लिए रियायतें और रो-पैक्स पोतों के परिचालन के लिए लाइसेंस।

ये दिशानिर्देश फेरी सेवाओं के विकास और परिचालन को एकरूप व सुव्यवस्थित करेंगे। साथ ही, अनावश्यक देरी व असहमति को दूर करके और ग्राहक इंटरफेस पर डिजिटल हस्तक्षेप शुरू करके व्यवसाय करने में सुगमता को बढ़ावा देंगे। इसके अलावा ये दिशानिर्देश प्रक्रियाओं का मानकीकरण कर ऐसी परियोजनाओं के कार्यान्वयन में राज्य/केंद्रशासित प्रदेश की सरकारों और पत्तन प्राधिकरणों की भी सहायता करेंगे। इसके अलावा यह निजी कंपनियों के बीच विश्वास उत्पन्न करने में सहायता करेगा, जिससे उनकी भागीदारी बढ़ेगी और ऐसी परियोजनाओं में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा।

मंत्रालय सभी हितधारकों से भारतीय तट पर रो-रो और रो-पैक्स फेरी सेवा के परिचालन के लिए दिशानिर्देशों के मसौदे पर प्रतिक्रिया और सुझाव प्राप्त करना चाहता है। इसके लिए दस्तावेज को मंत्रालय और सागरमाला की वेबसाइटों https://shipmin.gov.in/ और https://sagarmala.gov.in/ पर देखा जा सकता है और सुझावों को प्रकाशन की तिथि से 21 दिनों के भीतर दिशानिर्देशों के अनुलग्नक I के रूप में संलग्न प्रोफार्मा [email protected] पर भेजे जा सकते हैं।

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