गुरुग्राम स्थित आईओ-टेक-वर्ल्ड को मिला ड्रोन नियम 2021 के तहत पहला टाइप सर्टिफिकेट

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-केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ने ड्रोन नियम, 2021 के तहत गुरुग्राम स्थित आईओ-टेक-वर्ल्ड को पहला टाइप सर्टिफिकेट प्रदान किया

-ड्रोन नियम, 2021 के तहत, ऑनलाइन आवेदन जमा करने के बाद केवल 34 दिनों में मिलता है पहला टाइप सर्टिफिकेट  

-ड्रोन प्रमाणन योजना को 26 जनवरी, 2022 को अधिसूचित किया गया

-इससे ड्रोन निर्माताओं द्वारा टाइप सर्टिफिकेट प्राप्त करना आसान हो गया

-ड्रोन प्रमाणन योजना से भारत में निर्मित होने वाले विश्वस्तरीय ड्रोन के लिए एक इको-सिस्टम तैयार होने की संभावना 

नई दिल्ली : केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आज आईओ-टेक-वर्ल्ड एविगेशन प्राइवेट लिमिटेड को ड्रोन नियम, 2021 के तहत पहला टाइप सर्टिफिकेट (टीसी) प्रदान किया। गुरुग्राम स्थित कंपनी की स्थापना अप्रैल 2017 में हुई थी और यह भारत में किसान ड्रोन के अग्रणी निर्माताओं में से एक है।

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आईओ-टेक-वर्ल्ड ने 11 मई, 2022 को नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर अपना ऑनलाइन आवेदन जमा करने के बाद 34 दिनों में टाइप सर्टिफिकेट प्राप्त किया है। यह इस तथ्य के बावजूद है कि ड्रोन नियम, 2021, भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) या प्रमाणन निकायों (सीबी) को 60 दिनों और डीजीसीए को टाइप सर्टिफिकेट जारी करने के लिए 15 दिन, (यानी कुल 75 दिन) की अनुमति देता है, बशर्ते सभी आवश्यक दस्तावेज और परीक्षण रिपोर्ट विनिर्देशों के अनुसार हों।

ड्रोन नियम, 2021 को 25 अगस्त, 2021 को अधिसूचित किया गया था और ड्रोन के लिए टाइप सर्टिफिकेट (टीसी) प्राप्त करने के लिए ‘मानव रहित विमान प्रणालियों (सीएसयूएएस) के लिए प्रमाणन योजना’ को 26 जनवरी, 2022 को अधिसूचित किया गया था।

क्यूसीआई द्वारा अनुमोदित तीन विश्व-प्रसिद्ध प्रमाणन निकाय (सीबी) हैं – टीक्यू सर्ट, यूएल इंडिया और ब्यूरो वैरिटस। ड्रोन निर्माता अपने ड्रोन प्रोटोटाइप के परीक्षण के लिए किसी भी प्रमाणन निकाय से संपर्क करने के लिए स्वतंत्र हैं।

जनवरी 2022 की ड्रोन प्रमाणन योजना को भारतीय गुणवत्ता परिषद द्वारा ड्रोन स्टार्टअप, उद्योग, शिक्षाविदों और रक्षा विशेषज्ञों के परामर्श से विकसित किया गया था। सरकार ने एक सूत्रधार और समस्या समाधानकर्ता की भूमिका निभाई।

ड्रोन प्रमाणन योजना से भारत में निर्मित और दुनिया भर में बेचे जाने वाले विश्वस्तरीय ड्रोन के लिए एक इको-सिस्टम तैयार करने की संभावना है। 14 ड्रोन प्रोटोटाइप हैं जो वर्तमान में प्रमाणन परीक्षणों से गुजर रहे हैं। अगले तीन वर्षों में टाइप प्रमाणित प्रोटोटाइप की संख्या 100 से अधिक हो सकती है।

इस अवसर पर अपने भाषण में श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने ड्रोन नियम, 2021 के तहत पहले टाइप के प्रमाणपत्र (टीसी) के लिए आईओ-टेक-वर्ल्ड एविगेशन प्राइवेट लिमिटेड को बधाई दी। उन्होंने कहा कि नागर विमानन मंत्रालय माननीय प्रधानमंत्री के विजन “न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन” की दिशा में काम कर रहा है। भारत ने 2030 तक ड्रोन हब बनने का लक्ष्य रखा है और रिकॉर्ड 34 दिनों में टाइप सर्टिफिकेट जारी करना उस दिशा में एक कदम है। उन्होंने कहा कि अन्य ड्रोन प्रोटोटाइप को भी जल्द ही प्रमाणन प्रदान किया जाएगा।

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अन्य ड्रोन सुधार

1. केंद्र सरकार ने सुधार के निम्नलिखित उपाय किए हैं:

ए. उदारीकृत ड्रोन नियम, 2021 को 25 अगस्त, 2021 को अधिसूचित किया गया है

बी. ड्रोन एयरस्पेस मैप 24 सितंबर, 2021 को प्रकाशित किया गया है, जिससे 400 फीट तक उड़ने वाले ड्रोन के लिए लगभग 90 प्रतिशत भारतीय हवाई क्षेत्र को ग्रीन जोन के रूप में खोल दिया गया है।

सी. ड्रोन के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना 30 सितंबर, 2021 को अधिसूचित की गई है

डी. यूएएस ट्रैफिक मैनेजमेंट (यूटीएम) पॉलिसी फ्रेमवर्क 24 अक्टूबर, 2021 को प्रकाशित किया गया है

इ. 22 जनवरी, 2022 को केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा कृषि ड्रोन की खरीद के लिए मौद्रिक अनुदान कार्यक्रम की घोषणा की गई

एफ. ड्रोन नियम, 2021 के तहत सभी पांच आवेदन फॉर्म डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर 26 जनवरी, 2022 को ऑनलाइन किए गए हैं

जी. ड्रोन प्रमाणन योजना को 26 जनवरी, 2022 को अधिसूचित किया गया, जिससे ड्रोन निर्माताओं द्वारा टाइप प्रमाणपत्र प्राप्त करना आसान हो गया है।

एच. 1 फरवरी, 2022 को केंद्रीय बजट के हिस्से के रूप में ड्रोन स्टार्टअप्स को समर्थन देने और ड्रोन-ए-ए-सर्विस को बढ़ावा देने के लिए मिशन ‘ड्रोन शक्ति’ की घोषणा की गई है।

आई. विदेशी ड्रोन के आयात पर प्रतिबंध और ड्रोन घटकों के आयात को मुक्त करने के लिए 9 फरवरी, 2022 को ड्रोन आयात नीति अधिसूचित की गई है।

जे. ड्रोन पायलट लाइसेंस की आवश्यकता को समाप्त करते हुए, 11 फरवरी, 2022 को ड्रोन (संशोधन) नियम, 2022 को अधिसूचित किया गया है।

के. 10-31 मार्च, 2022 के दौरान ड्रोन और ड्रोन घटकों के लिए पीएलआई योजना के लिए निर्माताओं से आवेदन आमंत्रित किए गए थे। लाभार्थियों की पहली अनंतिम सूची 20 अप्रैल, 2022 को जारी की गई थी।

2030 तक वैश्विक ड्रोन हब

ड्रोन अर्थव्यवस्था के लगभग सभी क्षेत्रों में जबरदस्त लाभ प्रदान करते हैं। इनमें शामिल हैं- कृषि, खनन, बुनियादी ढांचा, निगरानी, आपातकालीन प्रतिक्रिया, परिवहन, भू-स्थानिक मानचित्रण, रक्षा और कानून प्रवर्तन।

ड्रोन अपनी पहुंच, बहुमुखी इस्तेमाल और उपयोग में आसानी के कारण विशेष रूप से भारत के दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में रोजगार और आर्थिक विकास के महत्वपूर्ण निर्माता हो सकते हैं।

नवाचार, सूचना प्रौद्योगिकी, मितव्ययी इंजीनियरिंग, सहायक नीतियों, मौद्रिक प्रोत्साहन और एक विशाल घरेलू मांग के आधार के रूप में अपनी पारंपरिक ताकत को देखते हुए, भारत में 2030 तक वैश्विक ड्रोन हब बनने की क्षमता है।

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