-सम्मेलन का विषय प्रभावशाली सीएसआर को प्रोत्साहित करने और गुड गर्वेनेंस था
– 30 कॉरपोरेट कंपनियों ने सीएसआर की बेस्ट प्रैक्टिसेज का किया प्रदर्शन
– केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंदरजीत सिंह ने वर्चुअल माध्यम से कॉरपोरेट जगत को किया संबोधित
– ई एस जी -सी एस आर पर ध्यान केंद्रित करते हुए काम करने की सलाह दी
– निबंध के माध्यम से स्टूडेंट्स ने अमृत काल में कॉरपोरेट के स्वरूप का खाका खींचा
सुभाष चौधरी /मुख्य संपादक
गुरुग्राम, 12 जून। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कारपोरेट अफेयर्स में ‘प्रभावशाली सीएसआर को प्रोत्साहित करने और गुड गर्वनेंस ‘ विषय पर एक दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें 30 कारपोरेट कंपनियां अपनी इनोवेटिव तकनीक की बेस्ट प्रैक्टिसिज का प्रदर्शन करती नजर आई. इसका उद्धाटन कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के सचिव राजेश वर्मा ने किया। समारोह में नहीं पहुँच पाने के कारण केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने अपना वर्चुअल संदेश भेजा. अपने सन्देश में उन्होंने कॉरपोरेट जगत के प्रतिनिधियों को सस्टेनेबल डेवलपमेंट और ई एस जी -सी एस आर पर ध्यान केंद्रित करते हुए काम करने की सलाह दी। इस अवसर पर ” बेंचमार्किंग ईएसजी एंड सीएसआर” पुस्तक का विमोचन किया गया जबकि निबंध प्रतियोगिता के तीन विजेता प्रतिभागी पुरस्कृत किये गए .
– ‘ ट्रस्ट-बेस्ड गवर्नेंस ‘ के लक्ष्य का पालन करने की केंद्रीय मंत्री ने दी सलाह
अपने वीडियो संदेश में केंद्रीय राज्यमंत्री राव इन्द्रजीत सिंह ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी की 75 वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में वर्ष 2047 तक अमृत काल की घोषणा की है। इस दौरान इंक्लूसिव वेलफेयर, तकनीकी विकास, एनर्जी ट्रांजिशन और क्लाइमेट एक्शन पर ध्यान केंद्रित करते हुए विकास की ओर कदम बढ़ाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि ‘ न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन ‘, के सिद्धांत पर चलते हुए जनता को बेहतर सुविधाएं मिले। अमृत काल में सरकार ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (ईओडीबी 2.0) व ईज ऑफ लिविंग के अगले चरण और पूंजी और मानव संसाधनों की उत्पादक दक्षता में सुधार के लिए ‘ट्रस्ट-बेस्ड गवर्नेंस’ के लक्ष्य का पालन पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
उन्होंने बल देते हुए कहा कि सतत विकास को अब लोगों के मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता दी गई है। उन्होंने यह कहते हुए ध्यान दिलाया कि सर्वोच्च न्यायालय ने भी भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत सतत विकास को जीवन का एक अभिन्न अंग माना है . इसलिए, सतत विकास के सिद्धांत का पालन करना एक संवैधानिक जनादेश है। उन्होंने इंडिविजुअल सोशल रेस्पोन्सीबिलीटी ( व्यक्तिगत सामाजिक जिम्मेदारी ) पर जोर देते हुए कहा कि व्यक्तिगत तौर पर हम सब के कन्धों पर सामाजिक जिम्मेदारी है. उनका कहना था कि जब तक व्यक्तिगत सोच में बदलाव नहीं होगा बड़ी क्रांति नहीं हो सकती। उन्होंने इस अवसर पर आईआईसीए द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की.
केन्द्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि आज आजादी का अमृत काल के उपलक्ष्य में आईआईसीए कैम्पस में आयोजित प्रदर्शनी के माध्यम से कॉरपोरेट्स द्वारा सीएसआर के तहत किए गए कार्यों की बेस्ट प्रैक्टिसेज को दर्शाया गया है. इससे यहाँ आने वाले अन्य औद्योगिक इकाइयों को भी सीखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि ईएसजी- सीएसआर कॉर्पोरेट जगत में क्रांति ला सकता है।
– नेशनल सीएसआर अवार्ड की घोषणा से कॉरपोरेट्स जगत बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित होगा : राजेश वर्मा
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के सचिव राजेश वर्मा ने कहा कि कहा कि हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सोच के अनुसार अगले 25 साल के लिए स्वयं को तैयार करना होगा. उनका कहना था कि इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स इस दिशा में काफी अच्छा काम कर रहा है. उन्होंने आजादी के अमृत काल के उपलक्ष में आयोजित समारोह और चर्चा- परिचर्चा की दृष्टि से टेक्निकल सेशन की फ्रेमिंग के लिए संस्थान की सराहना की. उन्होंने कहा कि कॉर्पोरेट सेक्टर भारतीय अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण अंगों में से एक है. इस क्षेत्र ने देश के उत्थान में सराहनीय योगदान दिया है. साथ ही इस क्षेत्र की कोशिश निरंतर अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने की रहती है.
उनका कहना था कि कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय इस क्षेत्र को आवश्यक सुविधाएं प्रदान करता है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में कॉरपोरेट लॉ आने के बाद इस मद में जिम्मेदारियां बढ़ गई है. उनका कहना था कि इस मामले में इंसॉल्वेंसी एक्ट बड़े बदलाव का द्योतक बना है । कॉर्पोरेट अफेयर्स सचिव ने कहा कि उनका मंत्रालय कारपोरेट जगत के लिए अनुकूल इकोसिस्टम तैयार करने में जुटा है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 के बाद इस क्षेत्र में कई संस्थाओं के सामने आने के बाद बड़े परिवर्तन आए हैं।
राजेश वर्मा ने कहा कि कॉर्पोरेट सेक्टर के लिए केबल लाभ कमाना भी आवश्यक नहीं है बल्कि अपने श्रमिकों के साथ-साथ समाज के उत्थान की जिम्मेदारी भी उनके कंधों पर है। उन्होंने कहा कि हमें ईएसजी सीएसआर पर अधिकतम फोकस करना होगा। उनका कहना था कि सीएसआर इको सिस्टम को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से नेशनल सीएसआर अवार्ड की घोषणा जल्द ही की जाएगी ताकि कॉरपोरेट्स को सीएसआर में और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया जा सके। उन्होंने कहा कि सीएसआर में कॉर्पोरेट की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है. ऐसे में जरूरी है इसके साथ इको सिस्टम को मजबूत करने के लिए इससे जुड़े हित धारकों को भी शामिल करते हुए काम करवाए जाएं।
उन्होंने कहा कि कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनी अधिनियम के तहत कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) जनादेश, और व्यवसाय की सामाजिक, पर्यावरण और आर्थिक जिम्मेदारियों पर राष्ट्रीय स्वैच्छिक दिशानिर्देशों को शुरू करके उल्लेखनीय योगदान दिया है। जिम्मेदार व्यापार आचरण (एनजीआरबीसी) पर राष्ट्रीय दिशानिर्देशों का एक अद्यतन संस्करण जारी किया है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बाजार पूंजीकरण द्वारा शीर्ष 1000 सूचीबद्ध कंपनियों पर व्यावसायिक उत्तरदायित्व और स्थिरता (बीआरएसआर) रिपोर्टिंग अनिवार्य कर दी है। बीआरएसआर की नींव कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय की व्यावसायिक उत्तरदायित्व रिपोर्टिंग (बीआरआर) पर रिपोर्ट और जिम्मेदार व्यावसायिक आचरण पर राष्ट्रीय दिशानिर्देशों से प्रेरित है।
– भारत की अर्थव्यवस्था में कॉरपोरेट जगत की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण : प्रवीण कुमार
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स के डायरेक्टर जनरल एंड सीईओ प्रवीण कुमार ने अपने स्वागत भाषण में संस्थान की ओर से आयोजित सम्मेलन और प्रदर्शनी की विस्तृत रूपरेखा रखी. उन्होंने संस्थान द्वारा चलाए जा रहे सभी कोर्सेज की जानकारी दी जबकि कारपोरेट क्षेत्र में रिसर्च पर अधिकतम फोकस की बात की. उन्होंने कहा कि आई आई सी ए ने हाल ही में सॉल्वेंसी एक्सपर्ट से संबंधित कोर्स लॉन्च किया है जबकि आने वाले समय में कुछ और नए कोर्सेज लॉन्च किए जाएंगे जिससे इस सेक्टर को और मदद मिलेगी।
आईआईसीए के डायरेक्टर जनरल ने स्पष्ट किया कि उनका संस्थान कॉर्पोरेट सेक्टर को सीएसआर की प्रभावी भूमिका अदा करने में आवश्यक सुझाव और सहायता उपलब्ध कराता है. इनमें बृहत उद्योग से लेकर एमएसएमई सेक्टर की कंपनियां भी शामिल हैं. उनका कहना था कि सीएसआर में E 2 B और इस पर अमल करने वाली एजेंसी को भी आवश्यक सहायता मुहैया कराता है।
प्रवीण कुमार का कहना था कि आईआईसीए के विशेषज्ञ देश की सीएसआर पॉलिसी को डिवेलप करने की दिशा में सदैव तत्पर रहते हैं जबकि एम एस एम ई कंपनियों की कैपेसिटी बिल्डिंग में भी अपेक्षित मदद करता है। खासकर इंडिपेंडेंट डायरेक्टर की कैपेसिटी बिल्डिंग को लेकर संस्थान महती भूमिका अदा कर रहा है।
उन्होंने बल देते हुए कहा कि आईआईसीए प्रधानमंत्री के रिफॉर्म, ट्रांसफार्म और परफॉर्म की नीति पर चलते हुए स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम्स के साथ-साथ सरकारी अधिकारियों और कर्मियों के लिए आवश्यक ट्रेनिंग प्रोग्राम भी चलाता है. उन्होंने कहा कि उनका संस्थान इंस्टीट्यूशनल पार्टनरशिप को लेकर भी संवेदनशील है जबकि प्रभावी सीएसआर के लिए आवश्यक पहलुओं की खोज करता रहता है।
उन्होंने कहा कि यह सर्वविदित है कि अर्थव्यवस्था किसी भी राष्ट्र की रीढ़ की हड्डी समझी जाती है और इसके प्रमुख चालकों में से एक कॉर्पोरेट क्षेत्र है. इस क्षेत्र ने भारतीय विकास गाथा में उल्लेखनीय व महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट जगत को यह सुनिश्चित करने के लिए अपना असाधारण योगदान जारी रखना होगा कि अर्थव्यवस्था अधिक से अधिक ऊंचाइयों को प्राप्त करती रहे। कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय (एमसीए) कॉरपोरेट्स को राष्ट्रीय विकास में प्रभावी योगदानकर्ता बनाने के लिए सक्षम ढांचा प्रदान करता है। आईआईसीए एकमात्र ऐसा संस्थान है जो देश में कॉर्पोरेट मामलों को मजबूत करने के कई ट्रेंनिग प्रोग्राम करवाते हुए कॉर्पोरेट में आ रहे नए नए व इनोवेटिव तरीकों से लोगों को अवगत व जागरूक करवाता है।
– ” बेंचमार्किंग ईएसजी एंड सीएसआर” पुस्तक का किया विमोचन
इस अवसर पर कॉर्पोरेट मामलों के सचिव राजेश वर्मा ने “बेंचमार्किंग ईएसजी एंड सीएसआर” नामक एक पुस्तक का विमोचन किया यह पुस्तक कंपनियों द्वारा उनके ईएसजी और सीएसआर पहलों के माध्यम से सतत विकास परियोजनाओं के लिए चिन्हित किये गए विषयों पर केस स्टडी का संकलन है। इस पुस्तक का संपादन संसथान की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ गरिमा दाधीच ने किया है.
-निबंध प्रतियोगिता के तीन विजेता प्रतिभागियों को किया सम्मानित
उल्लेखनीय है कि आईआईसीए आजादी का अमृत काल के उपलक्ष्य में एक निबंध प्रतियोगिता भी आयोजित की गई थी. इसका विषय ” कॉर्पोरेट गवर्नेंस : न्यू इंडिया के लिए विकसित विजन रखा गया था। इसमें बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने भविष्य में कारपोरेट जगत की कैसी रूपरेखा होगी इसका सुझाव भी दिया और इसकी कल्पना भी की है. इनमें से बेहतर सुझाव देने वाले तीन विजेताओं को सर्वश्रेष्ठ निबंधों के लिए सचिव, कॉर्पोरेट मामलों द्वारा समारोह के दौरान पुरस्कृत किया गया । इन विजेताओं ने एक टेक्नीकल सेशन में अपने निबंध प्रस्तुत किए.
कार्यक्रम का संचालन आईआईसीए की मिडिया काॅडिनेटर डॉ लता सुरेश ने किया। इस अवसर पर यूनिसेफ के प्रतिनिधि आर्यन वक ने यूनिसेफ द्वारा चलाये जा रहे सी एस आर के प्रोग्राम्स की जानकारी दी।
इनके अलावा, कार्यक्रम में कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय की संयुक्त सचिव एवम इकोनॉमिक एडवाइजर अनीता शाह , कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय की संयुक्त सचिव नंदिता मिश्रा ने भी अपने विचार वयक्त किए। कॉरपोरेट गवर्नेंस पर पैनल चर्चा की अध्यक्षता एमसीए के संयुक्त सचिव इंद्रदीप सिंह धारीवाल ने की। इस दौरान एमसीए के संयुक्त सचिव मनोज पांडे भी उपस्थित रहे।