नई दिल्ली : अगले राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 18 जुलाई को होगा और मतगणना 21 जुलाई को होगी. यह घोषणा मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने गुरुवार को की। चुनाव आयोग के अनुसार, अगला राष्ट्रपति 25 जुलाई को पद की शपथ लेने वाला है क्योंकि राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का कार्यकाल जुलाई में समाप्त हो रहा है।
भारत के संविधान के अनुच्छेद 54 के अनुसार, इलेक्टोरल कॉलेज के सदस्यों द्वारा राष्ट्रपति का चुनाव किया जाता है . इनमें संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य, और सभी राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य जिनमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और केंद्र शासित प्रदेश
पुदुचेरी हैं शामिल हैं.
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने वाले निर्वाचन मंडल के अनुसार इन राजनीतिक गठबंधनों की ताकत की बात करे तो कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए गठबंधन के पास फिलहाल 23 प्रतिशत के लगभग वोट है, वहीं एनडीए गठबंधन के पास यूपीए के दोगुने से भी ज्यादा लगभग 49 प्रतिशत वोट है।
जाहिर है यूपीए के मुकाबले में तो भाजपा को बड़ी बढ़त हासिल है लेकिन अगर विपक्ष ने मिलकर संयुक्त तौर पर कोई उम्मीदवार खड़ा कर दिया और देश के सभी क्षेत्रीय दलों ने उसे अपना समर्थन दे दिया तो तो भाजपा उम्मीदवार के लिए समस्या खड़ी हो सकती है क्योंकि भाजपा विरोधी सभी दलों के एकजुट होने की स्थिति में उनके पास एनडीए से 2 प्रतिशत ज्यादा यानि 51 प्रतिशत के लगभग वोट हो जाते हैं।
हालांकि अभी तक एनडीए और यूपीए दोनों में से किसी ने भी अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं कि है लेकिन भाजपा आलाकमान दो प्रतिशत वोट की खाई को पाटने में जुट गया है। भाजपा की नजर खासतौर से ओडिशा की सत्ताधारी पार्टी बीजू जनता दल और आंध्र प्रदेश में सरकार चला रही वाईएसआर कांग्रेस पर है। भाजपा की नजर कई अन्य क्षेत्रीय दलों पर भी है।