– जिला में मॉनसून से पहले पूरा हो जाएगा सभी 16 तालाबों का कार्य – निशांत कुमार यादव
-जिला में पहले चरण में विकसित किए जा रहे 16 तालाबों में से पांच का निर्माण कार्य हुआ पूरा
-तालाबों में जल संचयन के साथ साथ जल शुद्धिकरण के लिए अपनाई जा रही आधुनिक तकनीक
गुरुग्राम, 07 जून। गुरुग्राम के उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने आज आजादी के अमृत महोत्सव श्रृंखला में अमृत सरोवर योजना के तहत जिला में विकसित किए जा रहे तालाबों के जीर्णोद्धार व निर्माण कार्य का मौके पर जाकर जायजा लिया। डीसी श्री यादव ने आज अपने दौरे में गांव दौलताबाद, गांव बुढेड़ा , ताजनगर, बिलासपुर तथा गांव कासन में तालाबों पर चल रहे कार्यों की विस्तृत रिपोर्ट लेने उपरान्त संबंधित अधिकारियों को सभी निर्माण कार्य मॉनसून से पहले पूरा करने के निर्देश दिए।
डीसी श्री यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री के आह्वान पर जिला में अमृत सरोवर योजना के तहत 75 तालाबों का जीर्णाेद्धार व सौंदर्यीकरण का कार्य किया जाना है। प्रदेशभर में 01 मई को मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा विधिवत शुरु किए गए इस अभियान के पहले चरण में जिला में 16 तालाबों नामतः बुढेड़ा, ताजनगर, हरियाहेड़ा, कासन, वजीरपुर, धर्मपुर, दौलताबाद, चांदला डुंगरवास, बिलासपुर, पलासोली, बहोड़ाकलां में पानी शुद्धिकरण की विभिन्न आधुनिक पद्धति के माध्यम से सौंदर्यीकरण व जीर्णाेद्धार का कार्य प्रगति पर है। वहीं दोहला, खेंटावास, मौजाबाद, इकबालपुर व हरचंदपुर में काम पूरा हो चुका है। उन्होंने बताया कि आज उनका यह निरीक्षण दौरा उपरोक्त अभियान के लक्ष्यों की पूर्ति के लिए ही निर्धारित था जिसमें धरातल पर हो रहे विकास कार्यों की समीक्षा कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए है।
उपायुक्त ने बताया कि मिशन अमृत सरोवर के तहत जिला में स्थित प्राचीन विरासत के प्रतीक इन तालाबों को जल संरक्षण के लक्ष्यों की पूर्ति के लिए आधुनिक रूप देने के साथ साथ ग्रामीणों के मनोरंजन स्थल के रूप में भी विकसित किया जा रहा है।
’-वेटलैंड तकनीक से विकसित किए गए हैं गांव दौलताबाद व बुढेड़ा के तालाब’
उपायुक्त के निरीक्षण दौरे के समय गुरुजल सोसाइटी के अधिकारियों ने बताया कि नगर निगम गुरुग्राम के गांव दौलताबाद व फरुखनगर ब्लॉक के गांव बुढेड़ा में तालाबों को पुनर्जीवित करने के लिए वेटलैंड तकनीक का प्रयोग किया गया है। इसमें पूरा तंत्र जलचक्र द्वारा जल को शुद्ध करता है और प्रदूषण अव्यवों को निकाल देता है। यह पूरी प्रक्रिया कार्बन अवशेषण व भू-गर्भ जल स्तर मे वृद्धि जैसी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक है। गांव दौलताबाद में सीएसआर के माध्यम से करीब ढाई एकड़ भूमि पर पावरग्रिड द्वारा विकसित किए गए अमृत सरोवर तालाब पर एक करोड़ रूपये की राशि खर्च की गई है, वहीं डी-प्लान के तहत 17 लाख रुपये जिला प्रशासन द्वारा खर्च किए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि गांव दौलताबाद का यह अमृत सरोवर पूरी तरह से बनकर तैयार है। इसके रखरखाव की जिम्मेदारी नगर निगम गुरुग्राम को दिए जाने के उपरान्त इसे आमजन के लिए खोल दिया जाएगा।
गांव बुढेड़ा में विकसित किए गए तालाब का ब्यौरा देते हुए गुरुजल व पंचायत विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गांव में साढ़े छह एकड़ भूमि पर 90 प्रतिशत तक विकसित हो चुके इस अमृत सरोवर पर राइट्स कंपनी द्वारा सीएसआर के माध्यम से एक करोड़ रूप्ये की राशि खर्च की गई है। तालाब पर अभी चारो ओर की फेन्सिंग का कार्य बाकी है। इस दौरान उपायुक्त ने मौके पर उपस्थित गांव के ग्रामीणों से भी सुझाव मांगे, जिस पर ग्रामीणों ने कहा कि प्राकृतिक धरोहरों को सहेज कर रखने की प्रदेश सरकार की यह सार्थक पहल है लेकिन गांव में जमीन में चौवा ऊपर होने के कारण बरसात के मौसम में होने वाले तालाब के ओवरफ्लो की समस्या का भी निदान होना चाहिए। ग्रामीणों ने बताया कि यदि इस तालाब से नजफगढ़ ड्रेन तक ओवरफ्लो पानी की निकासी के लिए लाइन बिछा दी जाए तो इस समस्या का समाधान हो सकता है। डीसी श्री यादव ने इस विषय पर संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे तुरंत इस दिशा में कार्य करते हुए बरसात से पहले इस समस्या का स्थाई समाधान करें। इस दौरान उन्होंने पंचायती राज के अधिकारियों को इस तालाब को मॉडल तालाब बनाने की दिशा में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश देते हुए कहा कि विभाग के पास इतनी बड़ी भूमि पर विकसित तालाब को मछली पालन के लिए पट्टे पर देने का भी विकल्प है।
’- ताजनगर में रुटजोन तकनीक से साढ़े तीन एकड़ भूमि पर तालाब बनाने का कार्य प्रगति पर’
उपायुक्त के फरूखनगर ब्लॉक के गांव ताजनगर पहुँचने पर गुरुजल सोसाइटी व पंचायत विभाग के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि यहाँ साढ़े तीन एकड़ भूमि पर निर्माणाधीन अमृत सरोवर में रुटजोन तकनीक अपनाई जा रही है। इस तकनीक में अशुद्ध जल को विभिन्न टैंकों के माध्यम से पानी के उतार चढ़ाव की प्रक्रिया अपनाते हुए फिल्टर्स के बीच से गुजारा जाता है जिससे टैंकों में मौजूद फिल्टर्स पानी के अशुद्ध तत्वों को अब्जॉर्ब करते हैं और उसके बाद पानी अगले टैंक में चला जाता है। गांव में यह तालाब सीएसआर पार्टनर हुंडई मोटर्स द्वारा बनवाया जा रहा है जिस पर करीब 86 लाख रूप्ये की लागत आएगी। उपरोक्त लागत में 25 लाख रुपये की राशि डी प्लान के तहत जारी की गई है।
’-बिलासपुर में एमबीएबीआर तकनीक से शुद्ध किया जा रहा है अपशिष्ट जल’
गुरुजल सोसाइटी के अधिकारियों ने पटौदी ब्लॉक के गांव बिलासपुर में अपशिष्ट जल के शुद्धिकरण के लिए अपनाई जा रही तकनीक एमबीएबीआर यानी मूविंग बेड बायोफिल्म रिएक्टर की जानकारी देते हुए बताया कि तालाब पर गांव के अपशिष्ट जल को इकट्ठा करने के लिए विभिन्न टैंकों का निर्माण किया गया है जिसमे इलैक्ट्रिक मोटर की सहायता से पानी को प्रेशर के साथ दूसरे टैंक में डाला जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में टैंक के भीतर लगे प्लास्टिक चिप्स में बैक्टीरिया विकसित होता है जो पानी की गंदगी को अब्सॉर्ब कर उसका शुद्धिकरण करता है। उन्होंने बताया कि इस तालाब पर करीब 68 लाख रुपये की राशि खर्च की जा चुकी है जिसमें 44 लाख रुपये सीएसआर पार्टनर हौंडा मोटर्स व 24 लाख रुपये डी प्लान के तहत दिए गए हैं।
’-गांव कासन में 11 एकड़ भूमि पर बने अमृत सरोवर को एडवेंचरस पार्क बनाने की संभावनाओं पर किया जाएगा विचार’
उपायुक्त के मानेसर नगर निगम के गांव कासन के निरीक्षण दौरे में निगम अधिकारियों ने उन्हें अमृत सरोवर के विकास की विस्तृत रिपोर्ट देते हुए बताया कि यहां अमृत सरोवर के निर्माण के लिए करीब 11 एकड़ भूमि उपलब्ध है । इसमें पानी के शुद्धिकरण के लिए बायोफ़िल्टर तकनीक से युक्त एसटीपी का निर्माण पहले ही किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि केएमपी व राष्ट्रीय राजमार्ग-48 के नजदीक होने के चलते इस स्थान को एडवेंचरस स्पॉट के तौर पर विकसित होने की काफी संभावना है। डीसी श्री यादव ने अधिकारियों के इस सुझाव का स्वागत करते हुए कहा कि वे इस पर पूरा होमवर्क कर उन्हें रिपोर्ट दें ताकि इस दिशा में कार्य करते हुए सीएसआर पार्टनर के माध्यम से इस प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाया जा सके।