रामविलास की मौजूदगी में मुख्यमंत्री हुए सख्त नाराज !

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शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए “प्रारंभ” स्कूल की स्थापना में देरी का मामला 

तीन साल तक बैठक भी नहीं हुई, शिक्षा मंत्री व अधिकारी के पास जवाब नहीं 

सुभाष चौधरी , प्रधान सम्पादक 

चंडीगढ़ :  हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सोमवार को हरियाणा में शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए “प्रारंभ” नामक स्कूल की स्थापना में हो रही देरी पर सख्त नाराजगी जताई. उन्होंने यहाँ आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा की मौजूदगी में इस बात को लेकर हैरानगी जताई कि स्कूल की स्थापना तो दूर तीन साल पूर्व पंजीकृत संस्था की आज तक बैठक भी आयोजित नहीं की गयी. जाहिर है इस सवाल का शिक्षा मंत्री और अधिकारी दोनों के पास कोई जवाब नहीं था की आखिर अब तक इसके स्थायी निदेशक व सदस्य सचिव की नियुक्ति क्यों नहीं की गयी है ? मंत्री ने आनन फानन में शिक्षा विभाग की इस घोर लापरवाही को भांपते हुए सीएम को तकाल इस पर काम करने का आश्वासन दिया.

 

बताया जाता है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बेहद तल्ख़ लहजे में बैठक में अधिकारियों से भी जवाब तलब किया. सूत्रों का कहना है कि न तो अधिकारी और न ही शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा ही इस बात का जवाब दे पाए की आखिर योग्य शिक्षक तैयार किये जाने के लिए स्कूल स्थापित करने की इस योजना को अब तक सिरे क्यों नहीं चढ़ाया गया. उल्लेखनीय है कि चार वर्षीय समेकित अध्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम के संचालन व  अध्यापक शिक्षा के लिए झज्जर में ‘प्रारम्भ’ स्कूल की स्थापना की जानी थी. इस संस्थान को देश के एक आदर्श शिक्षक संस्थान के रूप में प्रस्थापित किया जाने का प्रस्ताव था जिसका इसका मुख्य उद्देश्य प्रदेश के स्कूलों के लिए आदर्श अध्यापक तैयार करना है.

 

गौरतलब तथ्य यह है कि मुख्यमंत्री जो प्रस्तावित ‘प्रथम’ स्कूल की गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष भी है आज पहली बार ‘प्रथम’ बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस बात पर हैरानी जताई कि वर्ष 2013 में सोसायटी के रूप में पंजीकृत ‘प्रारम्भ’ संस्थान की गवर्निंग बॉडी की मीटिंग अब तक नहीं हुई है। मुख्यमंत्री ने अपने प्रधान सचिव राजेश खुल्लर को तत्काल विशेष निर्देश दिया  कि ऐसी सोसायटीज जिनके गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होते हैं , भविष्य में उनकी बैठक नियमित आधार पर बुलाई जानी सुनिश्चित की जाए।

 

बैठक में मुख्यमंत्री ने इस बात के भी निर्देश दिए कि ‘प्रारम्भ’ स्कूल के लिए स्थायी निदेशक व सदस्य सचिव की भी विना किसी देरी के तुरन्त नियुक्ति की जाए। बैठक में मौजूद शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा ने मुख्यमंत्री को अश्वासन दिया कि यह नियुक्तियां जल्दी ही कर दी जाएंगी और मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर के साथ शीघ्र एक बैठक कर इसे अंतिम दूप दिया जाएगा.

 

बताया जाता है कि इस अध्यपक प्रशिक्षण संस्थान के लिए ग्राम पंचायत सीलानी केशो की ओर से 2013 में ही 10 एकड़ जमीन मुहैया करवा दी गयी थी लेकिन आज तक इस संस्थान का शिलान्यास भी नहीं हुआ. अब सीएम मोहर लाल के सख्त निर्देश पर शिक्षा मंत्री ने यह अशासन दिया है कि इस जमीं पर अतिशीघ्र शिलान्यास करवा कर निर्माण भी शुरू किया जाएगा.  

 

बैठक में शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी.के दास व परियोजना निर्देशक आलोक वर्मा ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि ‘प्रथम’ संस्थान केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय  के सहयोग से स्थापित किया जा रहा यह अध्यापक शिक्षा का अपनी तरह का देश में प्रथम संस्थान होगा। केन्द्र सरकार इसके लिए 50 करोड़ रुपये देगी .

 

पहले चार वर्षों तक ‘प्रथम’ सोसायटी के रूप में संचालित होगा, जिसे बाद में केन्द्र सरकार आवश्यक मानदंड पूरा करने के बाद अपने अधीन ले लेगी. केंद्र सरकार की योजना है कि इसे अग्रिम अध्यापक शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान के रूप में  संचालित किया जाएगा। वर्तमान में नेहरु कॉलेज में इसकी कक्षाएं  संचालित हो रही हैं तथा लगभग 15 राज्यों से विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे है। आगामी वर्ष इसका प्रथम बैच पास आऊट होगा। 

 

बैठक में मुख्य सचिव डी.एस ढेसी, माध्यमिक शिक्षा निदेशक आर एस खरब, एम.एल कौशिक, ‘प्रारम्भ’ स्कूल के प्राचार्य डॉ. एन.एस मावी के अतिरिक्त अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। 

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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