नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी @narendramodi ने शुक्रवार को ‘परीक्षा पे चर्चा’ के पांचवें संस्करण में नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से संवाद किया . देश के सभी राज्यों से बड़ी संख्या में बच्चे ऑनलाइन माध्यम से जुड़े और पीएम मोदी से सवाल किये. इस अवसर पर बच्चों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि परीक्षा जीवन का एक सहज हिस्सा है। हमारी विकास यात्रा का एक छोटा पड़ाव है। आप पहले कई एग्जाम दे चुकें हैं, अपने इस अनुभव को छोटा न समझें। अपने आत्मविश्वास को कमजोर न होने दें .
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये ‘न्यू एजुकेशन पॉलिसी’ के बजाय यह ‘नेशनल एजुकेशन पालिसी’ है. सिर्फ परीक्षा के लिए दिमाग खपाने के बजाए, खुद को योग्य, शिक्षित व्यक्ति बनाने के लिए, विषय का मास्टर बनने के लिए हमें मेहनत करनी चाहिए। फिर परिणाम जो मिलेगा, सो मिलेगा।राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए परामर्शी और विचार-मंथन प्रक्रिया व्यापक और संपूर्ण रही है. देश भर के लोगों से परामर्श किया गया, उसके बाद एजुकेशन पॉलिसी आई है.
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति (एनईपी) का देश के सभी वर्गों द्वारा उत्साहपूर्वक स्वागत किया गया, पहले खेल-कूद को पाठ्येतर गतिविधि माना जाता था लेकिन ‘नेशनल एजुकेशन पालिसी’ के तहत इसे शिक्षा का हिस्सा बना दिया गया है. कभी-कभी अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण, हम अपनी पसंद की शिक्षा नहीं ले पाते हैं. राष्ट्रीय शिक्षा नीति आपको अपनी शिक्षा के पाठ्यक्रम को बदलने का अवसर देती है .
प्रधानमंत्री ने कहा यह बहुत प्रभावशाली है कि हमारे 8वीं और 10वीं कक्षा के युवा छात्र 3डी प्रिंटर विकसित कर रहे हैं, वैदिक गणित से संबंधित मोबाइल एप्लिकेशन बना रहे हैं और दुनिया भर के छात्रों को पढ़ा रहे हैं. कंपीटिशन को जीवन की सबसे बड़ी सौगात मानना चाहिए,
यह जिंदगी को आगे बढ़ाने का अच्छा माध्यम है। आज कंपीटिशन ज्यादा है तो अवसर भी अनेक हैं. जिस चीज में आपको आनंद आता है, आपको उसके लिए अपने आप को कम से कम एडजस्ट करना पड़ता है, वो रास्ता छोड़ने की जरूरत नहीं है। लेकिन उस कंफर्ट अवस्था में भी आपका काम है आपकी पढ़ाई, maximum outcome उसमें से आपको जरा भी हटना नहीं है।
पीएम मोदी ने बच्चों को सलाह देने के क्रम में कहा कि कभी-कभी आप खुद का भी एग्जाम लें, अपनी तैयारियों पर मंथन करें, रीप्ले करने की आदत बनाएं, इससे आपको नई दृष्टि मिलेगी। अनुभव को आत्मसात करने वाले रीप्ले बड़ी आसानी से कर लेते हैं, जब आप खुले मन से चीजों से जुड़ेंगे तो कभी भी निराशा आपके दरवाजे पर दस्तक नहीं दे सकती।
उन्होंने कहा कि जब हमने स्कूली बच्चों के लिए टीकाकरण अभियान शुरु किया, तो बच्चों ने बड़ी तेजी के साथ खुद का टीकाकरण कराया। ये अपने आप में बड़ी घटना है। हिंदुस्तान के बच्चों ने अपने कर्तव्य का पालन किया है। ये कर्तव्य का पालन देश की आन-बान-शान बढ़ाने का कारण बन गया है।
पीएम का कहना था कि आज खेलकूल में भारत की बेटियां हर जगह पर अपना नाम रोशन कर रही हैं। विज्ञान के क्षेत्र में हमारी बेटियों का आज पराक्रम दिखता है। 10वीं, 12वीं में भी पास होने वालों में बेटियों की संख्या ज्यादा होती हैं।
उन्होंने कहा कि आज जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, आज की जो पीढ़ी है जब वो अपने जीवन के सबसे सफल पलों से गुजर रही होगी तब देश आजादी की शताब्दी मना रहा होगा।ये 25 साल आपकी जिंदगी के हैं, आपके लिए हैं। आपका इन 25 साल में क्या योगदान हों, ताकि हमारा देश उस जगह पहुंचे जब हम गर्व के साथ देश की आजादी की शताब्दी दुनिया के सामने आन बान शान के साथ मना सकें, हमें अपने जीवन को उसके साथ जोड़ना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमें दुनिया में P3 movement चलाने की जरूरत है। Pro-Planet -People ये P3 movement से ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़ेंगे, तो इससे हमें लाभ मिलेगा। मैंने ऐसी कई बेटियां देखी हैं, जिन्होंने मां-बाप के सुख और उनकी सेवा के लिए शादी तक नहीं की और अपनी पूरी जिंदगी खपा दी।पहले के समय में जब शिक्षा की बात आती थी तो मां बाप सोचते थे कि बेटे को पढ़ाना चाहिए और कभी कभी कुछ लोग ये भी सोचते थे कि बेटी को पढ़ाकर क्या करना है, वो तो ससुराल जाएगी और जिंदगी का गुजारा कर लेगी, पहले इस मानसिकता का एक कालखंड था।
स्वच्छता की मेरी भावनाओं को चार चांद लगाने का काम मेरे देश के बालक-बालिकाओं ने किया है। स्वच्छता की इस यात्रा में आज हम जहां पहुंचे हैं, उसका सबसे ज्यादा क्रेडिट में बालक-बालिकाओं को देता हूं। ऐसे कई बच्चे हैं, जिन्होंने कई बार अपने परिजनों को इधर-उधर कूड़ा फैंकने पर टोका है। गुजरात की पंचायती राज व्यवस्था में कानूनन व्यवस्था है कि 50% इलेक्टेड बहनें होंगी। लेकिन चुनाव के बाद स्थिति ये बनती है कि चुनी हुई महिलाओं की संख्या 55% तक पहुंच जाती हैं और पुरुष 45% पर आ जाते हैं।
इसका मतलब समाज का भी माताओं बहनों पर विश्वास बढ़ा है। तभी तो वो जनप्रतिनिधि बनकर आती हैं। आज जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तो आज हिंदुस्तान के पार्लियामेंट में अब तक के कालखंड की सबसे ज्यादा महिला सांसद हैं। आज हर परिवार के लिए बेटी बहुत बड़ी शक्ति बन गई हैं। ये बदलाव बहुत अच्छा है। ये बदलाव जितना ज्यादा होगा, उतना लाभ होगा। समाज बेटियों के सामर्थ को जानने में अगर पीछे रह गया, तो वो समाज कभी आगे नहीं बढ़ सकता।
उनका कहना था कि ध्यान बहुत सरल है।आप जिस पल में हैं, उस पल को जीने की कोशिश कीजिए। अगर आप उस पल को जी भरकर जीते हैं तो वो आपकी ताकत बन जाता है. ईश्वर की सबसे बड़ी सौगात वर्तमान है। जो वर्तमान को जान पाता है, जो उसे जी पाता है, उसके लिए भविष्य के लिए कोई प्रश्न नहीं होता है. हर विद्यार्थी को लगता है कि मुझे याद नहीं रहता है, ये मैं भूल गया। लेकिन आप देखेंगे कि एग्जाम के समय पर अचानक ऐसी चीजें निकलने लगेंगी के आप सोचेंगे कि मैनें तो कभी इस विषय को छुआ तक नहीं था, लेकिन अचानक सवाल आ गया और मेरा जवाब भी बहुत अच्छा रहा। मतलब वो कहीं न कहीं स्टोर था।इसलिए ध्यान को सरलता के साथ अपने जीवन के साथ आत्मसात कीजिए